गढ़वाः पूर्व मंत्री लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. गढ़वा के भवनाथपुर के कधवन में सोन नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया (Funeral Of Lal Hemendra Pratap Dehati In Palamu) गया. इस दौरान विधायक भानु प्रताप शाही ने पिता को मुखाग्नि दी. बताते चलें कि लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती काफी लंबे समय से बीमार थे और रिम्स में भर्ती थे. शनिवार को उन्होंने रिम्स में अंतिम सांस ली. लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती के अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जुटी थी. पैतृक आवास से उनकी अंतिम यात्रा निकली थी, जो सोन के तट तक गई.
बिहार विधानसभा में भूख हड़ताल पर बैठे थे देहातीः लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती पलामू प्रमंडल के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए बिहार विधानसभा में रात भर भूख हड़ताल पर बैठे थे. हेमेंद्र प्रताप देहाती विधायक भानु प्रताप शाही के पिता थे. लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती मधु कोड़ा मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री भी रह (Dehati Health Minister In Madhu Koda Cabinet) चुके थे. 1969 में लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती विधायक का चुनाव जीते थे. विधायक बनने के बाद उन्हें पता चला कि पलामू में कोयल बराज का निर्माण किया जा रहा है. जिससे मात्र इलाके की 16 हजार एकड़ जमीन सिंचित होगी, जबकि औरंगाबाद के इलाके में चार लाख एकड़ जमीन की सिंचाई होनी है.
पलामू की उपेक्षा से नाराज थे हेमेंद्रः पलामू की उपेक्षा से हेमेंद्र प्रताप देहाती नाराज थे. उन्होंने अपने सीनियर नेता रामानंद तिवारी से विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया था. इस दौरान उपेक्षा से नाराज होकर बिहार विधानसभा में उन्हें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा था. इस दौरान विधानसभा की बिजली काट दी गई थी और बाहर से ताला बंद कर दिया गया था. वे रातभर विधानसभा के अंदर बंद रहे थे. अगले दिन पलामू इलाके के सभी विधायकों ने एकजुटता दिखाई और विधानसभा को चलने नहीं दिया.
देहाती के आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने जांच कमेटी गठित की थीः लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती के आंदोलन का नतीजा था कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा की एक जांच कमेटी की घोषणा की थी. जिसमें पलामू के सातों विधायक के साथ-साथ आरा औरंगाबाद के विधायक भी शामिल थे. जांच कमेटी ने पलामू के मलय, औरंगा, तहले, कनहर समेत कई नदियों का सर्वे किया और सिंचाई परियोजनाओं को शुरू करने का आग्रह किया था. लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती के प्रयास का ही परिणाम था कि कनहर सिंचाई परियोजना की शुरुआत हुई थी. हालांकि आज तक यह परियोजना पूरी नहीं हुई और मामले में लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती हाई कोर्ट भी गए थे और 2009 में एक जनहित याचिका भी दायर की थी.
बगैर विधायक के मंत्री बने थे लाल हेमेंद्र प्रताप देहातीः लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती बगैर विधायक बने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री भी बने (Dehati Health Minister In Madhu Koda Cabinet)थे. चार महीनों तक झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री के पद पर थे. 2008 में वे मधु कोड़ा की सरकार में मंत्री बने थे. उन्होंने रिम्स में पांच रुपए की पर्ची पर इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई थी, जो आज तक जारी है.
लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती का जन्म मंझिआंव के शिवपुर में हुआ थाः लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती का जन्म 9 मार्च 1935 को मंझिआंव के शिवपुर में हुआ था. उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. 1958 में वे परसोंदी पंचायत से मुखिया का चुनाव जीते थे. 1969 में वे बिहार विधानसभा में भवनाथपुर विधायक का चुनाव जीते थे. लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती ने जेपी आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी और इस दौरान वे पूर्व विधायक मंच के महामंत्री बने थे.