पलामूः नावाबाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव ने थाना कैंपस में ही कमरे में आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलने के बाद पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा, एसएसपी के. विजय शंकर समेत टॉप पुलिस अधिकारी थाने पहुंच गए हैं और मामले की जांच कर रहे हैं. इधर घटना से नाराज ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे 98 पर जाम लगा दिया. वे थाना कैंपस के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं. इससे पहले शनिवार को लालजी यादव को जिला परिवहन पदाधिकारी से विवाद के मामले में निलंबित कर दिया गया था.
ये भी पढ़ें- यह झारखंड की जेल है भाई साहब, यहां गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की होती है दावत
जानकारी के अनुसार नावाबाजार से हटाए जाने के बाद लालजी यादव रांची के बुढ़मू थाना में मालखाना का प्रभार देने गए थे. इससे पहले लालजी यादव लंबे वक्त तक बुढ़मू के थाना प्रभारी रहे थे. बताया जा रहा है कि जब वे मालखाने का प्रभार देने गए थे उस दौरान दो बाइक और तीन मोबाइल गायब थे. इसी को लेकर लालजी यादव तनाव में थे. उन्होंने अपने बैच के साथियों को बताया था कि वे इस मामले में जेल चले जांएगे. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार मालखाना को लेकर वह तनाव में थे.
लालजी यादव सोमवार शाम थाने लौटे थे. मंगलवार सुबह अपराध समीक्षा बैठक होने वाली थी. इधर जवान थाना प्रभारी लालजी यादव को अपराध समीक्षा की बैठक को लेकर बुलाने गया था. पहली बार में जब कमरे से कोई जवाब नहीं आया तो किसी तरह वह दूसरी बार आवाज दी, फिर भी जवाब न मिलने पर जवान किसी तरह कमरे में घुसा. यहां देखा कि लालजी फांसी के फंदे से झूल रहे हैं. इसके बाद तो उसके हाथ-पांव फूल गए.
लालजी यादव 2012 बैच के दारोगा हैं, जल्द ही उनका प्रमोशन होने वाला था. वे रांची, पलामू समेत कई जिलों में तैनात रह चुके हैं. नावाबाजार, रेहला, रांची के बुढ़मू , चान्हो में थाना प्रभारी रह चुके हैंय लालजी यादव मूल रूप से साहिबगंज के रहने वाले हैं. जानकारी मिलने के बाद परिवार पलामू के लिए रवाना हुआ.