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पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने ने कहा-रघुवर राज में झारखंड की ब्यूरोक्रेसी बन गई है 'यमराज'

साहिबगंज में रघुवर सरकार के जनचौपाल में जिस तरह डीसी राजीव रंजन ने विधायक अनंत ओझा को मंच से उठाया उस मामले पर प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है. इस मामले पर पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री केएन त्रिपाठी का कहना है कि झारखंड की ब्यूरोक्रेसी अपने आपको सबसे ऊपर समझने लगी है.

केएन त्रिपाठी
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Published : Sep 8, 2019, 9:29 AM IST

पलामू: साहिबगंज में रघुवर सरकार के जनचौपाल में जिस तरह डीसी राजीव रंजन ने विधायक अनंत ओझा को मंच से उठाया उस मामले पर प्रदेश में राजनीति जारी है. इस मामले पर पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री केएन त्रिपाठी का कहना है कि झारखंड की ब्यूरोक्रेसी यमराज की तरह काम कर रही है.

देखें पूरी खबर

पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एसपी-डीसी खुद को यमराज समझने लगे हैं, जैसे जिंदगी-मौत उनके ही हाथों में है. उन्होंने कहा कि यह रघुवर सरकार के अभिमान का असर है जो ब्यूरोक्रेसी खुद को जनता से ऊपर समझने लगी है.

केएन त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर कहा कि मंच पर जो हुआ वह मुख्यमंत्री के सामने हुआ, लेकिन वे चुप बैठे रहे. उपायुक्त ने विधायक अनंत ओझा को उठाया और वहां खुद बैठ गए जबकि लोकतंत्र में ऐसा कैसे हो सकता है? विधायक को जनता ने चुना है, इसलिए वह कानून के रखवालों से हमेशा उपर ही रहेगा. उपायुक्त का यह करना रघुवर सरकार की नाकामी को दर्शाता है.

यह भी पढ़ें- विधायक अनंत ओझा को उठाकर खुद बैठे DC, लगाए घर-घर रघुवर के नारे


क्या है मामला
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2 सितंबर को साहिबगंज में जनचौपाल का आयोजन किया था. इस दौरान जिले के राजमहल विधानसभा इलाके के विधायक और बीजेपी के प्रदेश महामंत्री अनंत ओझा भी मौजूद थे. कार्यक्रम में जिले के उपायुक्त राजीव रंजन ने रघुवर दास के बगल में बैठे विधायक ओझा के कंधे पर थपथपा कर उन्हें वहां से हटा दिया था . वे यहीं नहीं रूके मंच से उन्होंने सरकार के नाम की तारीफों के पुल भी बांधे. उन्होंने बीजेपी के दिए हुए नारे घर-घर रघुवर के भी नारे लगाए.

पलामू: साहिबगंज में रघुवर सरकार के जनचौपाल में जिस तरह डीसी राजीव रंजन ने विधायक अनंत ओझा को मंच से उठाया उस मामले पर प्रदेश में राजनीति जारी है. इस मामले पर पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री केएन त्रिपाठी का कहना है कि झारखंड की ब्यूरोक्रेसी यमराज की तरह काम कर रही है.

देखें पूरी खबर

पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एसपी-डीसी खुद को यमराज समझने लगे हैं, जैसे जिंदगी-मौत उनके ही हाथों में है. उन्होंने कहा कि यह रघुवर सरकार के अभिमान का असर है जो ब्यूरोक्रेसी खुद को जनता से ऊपर समझने लगी है.

केएन त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर कहा कि मंच पर जो हुआ वह मुख्यमंत्री के सामने हुआ, लेकिन वे चुप बैठे रहे. उपायुक्त ने विधायक अनंत ओझा को उठाया और वहां खुद बैठ गए जबकि लोकतंत्र में ऐसा कैसे हो सकता है? विधायक को जनता ने चुना है, इसलिए वह कानून के रखवालों से हमेशा उपर ही रहेगा. उपायुक्त का यह करना रघुवर सरकार की नाकामी को दर्शाता है.

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क्या है मामला
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2 सितंबर को साहिबगंज में जनचौपाल का आयोजन किया था. इस दौरान जिले के राजमहल विधानसभा इलाके के विधायक और बीजेपी के प्रदेश महामंत्री अनंत ओझा भी मौजूद थे. कार्यक्रम में जिले के उपायुक्त राजीव रंजन ने रघुवर दास के बगल में बैठे विधायक ओझा के कंधे पर थपथपा कर उन्हें वहां से हटा दिया था . वे यहीं नहीं रूके मंच से उन्होंने सरकार के नाम की तारीफों के पुल भी बांधे. उन्होंने बीजेपी के दिए हुए नारे घर-घर रघुवर के भी नारे लगाए.

Intro:झारखंड की ब्यूरोक्रेसी यमराज की तरह कर रही है काम- पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी

नीरज कुमार । पलामू

झारखंड की ब्यूरोक्रेसी यमराज की तरह काम कर रही है । थाना , एसपी और डीसी खुद को यमराज समझते है। यह बात झारखंड सरकार के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह कांग्रेस के बड़े नेता केएन त्रिपाठी ने कही। उन्होंने कहा कि जिस तरह विधायक अनंत ओझा को डीसी ने सीएम ने बगल से उठा दिया वह साफ जाहिर करता है कि राज्य में ब्यूरोक्रेसी हावी है। राज्य के मुख्य सचिव खुद को लोकतंत्र से उपर समझते है। केएन त्रिपाठी ने कहा कि ब्यूरोकेट जनता के मुलजिम है वे कैसे विधायिका से उपर हो सकते हैं।


Body:ब्यूरोक्रेसी कैसे किसी विधायक को उठा कर बैठ सकती है। रघुवर सरकार में ब्यूरोक्रेसी हावी हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य कानून से चलता है।


Conclusion:झारखंड की ब्यूरोक्रेसी यमराज की तरह कर रही है काम- पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी
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