पलामूः एक लंबे अरसे के बाद जिला में मानसून (Monsoon) की बारिश निर्धारित समय से हो रही है. लगातार हो रही बारिश से जिला के किसानों के चेहरे पर खुशी है, पर इन किसानों को धान का बीज (Paddy seeds) नहीं मिल रहा हैं. इससे काफी परेशान हैं.
यह भी पढ़ेंःझारखंड में प्री-मॉनसून की दस्तक, किसानों को खेती की तैयारी करने की सलाह
पिछले एक दशक में पलामू जिला छह बार सुखाड़ घोषित हुआ है. हालांकि इस वर्ष मानसून की बारिश समय से हो रही है, जिससे कई इलाकों में किसानों ने धान की खेती की तैयारी शुरू कर दी है. मई महीने में आमतौर पर 34 एमएम बारिश ही रिकॉर्ड किया जाता रहा है, इस वर्ष मई महीने में 157.63 एमएम और 17 जून तक 119 एमएम बारिश रिकॉर्ड किया गया.
किसानों को नहीं मिल रहा बीज
जिला में अच्छी बारिश होने से किसान धान के बीचड़े लगाने शुरू कर दिए हैं. अधिकतर किसानों को बीज नहीं मिल रहा हैं. चैनपुर के किसान कहते हैं कि बारिश से काफी खुश है, पर धान का बीज ही नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि मोबाइल पर बीज वितरण को लेकर मैसेज भी आ रहा है, पर बीच कहां और कब मिलेगा, इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. धान का बीज नहीं मिलने से वो काफी परेशान हैं.
साल 2020 में 52 हजार हेक्टेयर से अधिक में हुई थी धानरोपनी
वर्ष 2020 में पलामू में 52 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन पर धानरोपनी हुई थी, जो जिला प्रशासन के निर्धारित लक्ष्य से काफी अधिक था. जून के अंतिम सप्ताह तक 25 हजार हेक्टेयर में धानरोपनी हो जाती है.