पलामूः जिले में 400 जवानों के भरोसे है 22 लाख की आबादी है. हम बात कर रहे हैं झारखंड के पलामू के इलाके की. पलामू का इलाका अति नक्सल प्रभावित है, जबकि यहां कई संगठित आपराधिक गिरोह भी सक्रिय हैं. हालांकि पलामू के इलाके में नक्सली गतिविधि कमजोर हुई है, लेकिन खत्म नहीं हुई है. हाल के दिनों में पलामू में तैनात सीआरपीएफ की कंपनियों को भी हटा दिया गया है.
पलामू पुलिस का स्ट्रेंथ 2200 के करीबः दरअसल, पलामू पुलिस का स्ट्रेंथ 2200 के करीब है. जिसमें एसपी से लेकर सिपाही तक शामिल हैं. इसमें सिपाही की संख्या 1800 है. फिलहाल पलामू पुलिस के पास 1200 से अधिक जवान हैं. इसमें 350 से अधिक जवान ट्रेनिंग में हैं, वहीं बड़ी संख्या में विधायक, अधिकारी, वीआईपी समेत कई जगहों पर गार्ड के रूप में तैनात हैं. विधि-व्यवस्था की कमान संभालने वाले जवानों की संख्या 400 के करीब है. इन्ही जवानों के बदौलत 27 थाना क्षेत्र में विधि व्यवस्था की संभाली जा रही है. फिलहाल पलामू में 16 इंस्पेक्टर, 198 एसआई, 257 एएसआई और 273 हवलदार हैं.
कभी अकेले छतरपुर अनुमंडल में तैनात थे 400 जवानः पलामू में जवानों की संख्या बेहद कम है. जिसका असर कई जगहों पर देखने को मिलता है. बताते चलें कि पलामू का छतरपुर अनुमंडल अति नक्सल प्रभावित रहा है. कुछ दिनों पहले तक अकेले छतरपुर अनुमंडल के इलाके में 400 से अधिक पुलिस के जवान तैनात थे. कई पुलिस जवानों का प्रमोशन हो गया है. लंबे अरसे से पुलिस जवानों की भर्ती नहीं हुई है.
400 जवान के भरोसे जिले की सुरक्षाः बचे हुए 400 जवानों के बदौलत है बड़े आयोजन के साथ-साथ कई मौकों पर सुरक्षा व्यवस्था भी की जाती है. इस संबंध में पलामू पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय राम का कहना है कि कई जवानों का ट्रांसफर हुआ है और कई का प्रमोशन हो गया है. जवान कम हैं, लेकिन ड्यूटी और सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए हैं.
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