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पलामू के सबसे बड़े अस्पताल एमएमसीएच में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी करते हैं दलाली, अब कार्रवाई की तैयारी

पलामू के सबसे बड़े अस्पताल मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दलाल हावी हैं. अस्पताल के मरीजों को बहला फुसलाकर दलाल निजी क्लीनिक भेज देते हैं. अस्पताल प्रबंधन को इसकी भनक लग गई है और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

Mediniray Medical College and Hospita
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Published : Jun 8, 2023, 1:12 PM IST

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पलामू: जिन पर जान बचाने की जिम्मेदारी है, वही जीवन का सौदा करते हैं. कहने को तो यह धरती के भगवान हैं लेकिन इनके कारनामे सुनने के बाद इन पर से आपका विश्वास उठ जाएगा. हम बात कर रहे हैं झारखंड-बिहार-यूपी और छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद सबसे बड़े अस्पताल मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टरों की.

यह भी पढ़ें: मेडिकल कॉलेज दर्शनीय स्थल नहीं है, छात्रों के भविष्य के जिम्मेदार कौन, जानिए पलामू सांसद ने ऐसा क्यों कहा

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में स्थित है और प्रमंडल का सबसे बड़ा रेफरल अस्पताल है. इस अस्पताल में डॉक्टर से लेकर स्वाथ्यकर्मी तक दलाली में शामिल हैं. यह बात हम नहीं बोल रहे हैं, बल्कि यह कहना है खुद हॉस्पिटल प्रबंधन का. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ डीके सिंह बताते हैं कि उन्हें जानकारी मिली है कि निजी क्लीनिक, एसएच हॉस्पिटल और अन्य क्लीनिक में यहां के मरीजों को भेजा जाता है. वे मामले को लेकर सख्त हैं. डॉ डीके सिंह ने बताया कि मामले में लिखित आदेश जारी किया गया है, दोषी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और एफआईआर दर्ज किया जाएगा.

आरोपी डॉक्टर पर बच्चों के स्वाथ्य जांच की जिम्मेवारी: जिस डॉक्टर पर एमएमसीएच में दलाली का आरोप लगा है, उस डॉक्टर पर अस्पताल में बच्चों के स्वास्थ्य जांच की जिम्मेवारी है. एमएमसीएच प्रबंधन के अनुसार सरकारी और प्राइवेट स्कूल के बच्चों के स्वास्थ्य पर संबंधित डॉक्टर निगरानी रखते हैं और जांच करते हैं. अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण उन्हें अन्य जिम्मेवारी भी दी गई है. दलाली से नाम जुड़ने के बाद डॉक्टर को एमएमसीएच से हटाने की तैयारी चल रही है.

मरीजों को निजी क्लीनिक में भेजने का कमीशन: मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती वाले मरीजों को दलाल बहला-फुसलाकर निजी क्लीनिक में लेकर जाते हैं. जबकि कुछ दवा कंपनियों के दलाल भी डॉक्टर के पास बैठे रहते हैं और अपने मुताबिक मरीजों को दवा लिखवाते हैं. अस्पताल परिसर में एंबुलेंस के भी दलाल मौजूद रहते हैं. एमएमसीएच से पहुंचे मरीजों को निजी क्लीनिक में पहुंचाने वाले दलालों को प्रति मरीज 1000 से 3000 का भुगतान किया जाता है. प्रसव के मामले में 1500 से 2000 रुपये तक प्रति मरीज निजी क्लीनिक को देते हैं. प्रतिदिन 600 से अधिक मरीज पहुंचते हैं. यह मरीज पलामू के साथ-साथ लातेहार, गढ़वा के भी होते हैं. कई मरीज छत्तीसगढ़, यूपी और बिहार से भी यहां पहुंचते हैं.

दो दिन में पकड़े गए 13 दलाल: एमएमसीएच में दलालों की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने छापेमारी की थी. दो दिनों तक लगातार हुई छापेमारी में 13 दलाल पकड़े गए थे, लेकिन सभी दलालों को थाना से पीआर बांड पर छोड़ दिया गया. एमएमसीएच प्रबंधन की तरफ से दलालों के खिलाफ कोई भी लिखित शिकायत नहीं दी गई थी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दलालों को चिन्हित करना मुश्किल है, एमएमसीएच के अधिकारी दलालों को चिन्हित करके बता सकते हैं. लिखित शिकायत मिलने के बाद सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा. एमएमसीएच प्रबंधन ने एक बार भी मामले में लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है. झारखंड क्रांति मंच के शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने बताया कि यह बेहद गंभीर बात है कि दलाल बिना कार्रवाई के छूट जा रहे हैं. मामले में सख्त कार्रवाई की जरूरत है.

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पलामू: जिन पर जान बचाने की जिम्मेदारी है, वही जीवन का सौदा करते हैं. कहने को तो यह धरती के भगवान हैं लेकिन इनके कारनामे सुनने के बाद इन पर से आपका विश्वास उठ जाएगा. हम बात कर रहे हैं झारखंड-बिहार-यूपी और छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद सबसे बड़े अस्पताल मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टरों की.

यह भी पढ़ें: मेडिकल कॉलेज दर्शनीय स्थल नहीं है, छात्रों के भविष्य के जिम्मेदार कौन, जानिए पलामू सांसद ने ऐसा क्यों कहा

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में स्थित है और प्रमंडल का सबसे बड़ा रेफरल अस्पताल है. इस अस्पताल में डॉक्टर से लेकर स्वाथ्यकर्मी तक दलाली में शामिल हैं. यह बात हम नहीं बोल रहे हैं, बल्कि यह कहना है खुद हॉस्पिटल प्रबंधन का. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ डीके सिंह बताते हैं कि उन्हें जानकारी मिली है कि निजी क्लीनिक, एसएच हॉस्पिटल और अन्य क्लीनिक में यहां के मरीजों को भेजा जाता है. वे मामले को लेकर सख्त हैं. डॉ डीके सिंह ने बताया कि मामले में लिखित आदेश जारी किया गया है, दोषी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और एफआईआर दर्ज किया जाएगा.

आरोपी डॉक्टर पर बच्चों के स्वाथ्य जांच की जिम्मेवारी: जिस डॉक्टर पर एमएमसीएच में दलाली का आरोप लगा है, उस डॉक्टर पर अस्पताल में बच्चों के स्वास्थ्य जांच की जिम्मेवारी है. एमएमसीएच प्रबंधन के अनुसार सरकारी और प्राइवेट स्कूल के बच्चों के स्वास्थ्य पर संबंधित डॉक्टर निगरानी रखते हैं और जांच करते हैं. अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण उन्हें अन्य जिम्मेवारी भी दी गई है. दलाली से नाम जुड़ने के बाद डॉक्टर को एमएमसीएच से हटाने की तैयारी चल रही है.

मरीजों को निजी क्लीनिक में भेजने का कमीशन: मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती वाले मरीजों को दलाल बहला-फुसलाकर निजी क्लीनिक में लेकर जाते हैं. जबकि कुछ दवा कंपनियों के दलाल भी डॉक्टर के पास बैठे रहते हैं और अपने मुताबिक मरीजों को दवा लिखवाते हैं. अस्पताल परिसर में एंबुलेंस के भी दलाल मौजूद रहते हैं. एमएमसीएच से पहुंचे मरीजों को निजी क्लीनिक में पहुंचाने वाले दलालों को प्रति मरीज 1000 से 3000 का भुगतान किया जाता है. प्रसव के मामले में 1500 से 2000 रुपये तक प्रति मरीज निजी क्लीनिक को देते हैं. प्रतिदिन 600 से अधिक मरीज पहुंचते हैं. यह मरीज पलामू के साथ-साथ लातेहार, गढ़वा के भी होते हैं. कई मरीज छत्तीसगढ़, यूपी और बिहार से भी यहां पहुंचते हैं.

दो दिन में पकड़े गए 13 दलाल: एमएमसीएच में दलालों की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने छापेमारी की थी. दो दिनों तक लगातार हुई छापेमारी में 13 दलाल पकड़े गए थे, लेकिन सभी दलालों को थाना से पीआर बांड पर छोड़ दिया गया. एमएमसीएच प्रबंधन की तरफ से दलालों के खिलाफ कोई भी लिखित शिकायत नहीं दी गई थी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दलालों को चिन्हित करना मुश्किल है, एमएमसीएच के अधिकारी दलालों को चिन्हित करके बता सकते हैं. लिखित शिकायत मिलने के बाद सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा. एमएमसीएच प्रबंधन ने एक बार भी मामले में लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है. झारखंड क्रांति मंच के शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने बताया कि यह बेहद गंभीर बात है कि दलाल बिना कार्रवाई के छूट जा रहे हैं. मामले में सख्त कार्रवाई की जरूरत है.

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