पलामू: जिला के प्रतिष्ठित स्कूल में से एक जिला स्कूल के 150 वर्ष के इतिहास में सोमवार को काला दिन रहा. जिला स्कूल का स्लोगन है 'ड्यूटी फर्स्ट सेल्फ लास्ट', इस स्लोगन को स्कूल के ही शिक्षकों ने तार-तार कर दिया है. जिला स्कूल में पिछले ढाई महीनों से प्राचार्य के पद को लेकर विवाद था. इस सिलसिले में दंडाधिकारी और पुलिस की मौजूदगी में स्कूल के सभी कार्यालय और क्लास रूम का ताला तोड़ा गया और प्रभारी प्राचार्य करुणा शंकर तिवारी को प्रभार दिलवाया गया.
क्या है विवाद
जिला शिक्षा अधीक्षक ने एक आदेश जारी कर स्कूल के संस्कृत शिक्षक करुणा शंकर तिवारी को प्रभारी प्राचार्य बनाया था लेकिन स्कूल के प्रभारी प्राचार्य राम दयाल कुशवाहा प्रभार नहीं दे रहे थे. राम दयाल कुशवाहा सभी कार्यालय और क्लास रूम की चाबी भी नहीं दे रहे थे. मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक ने एसडीएम को पत्र लिख कर दंडाधिकारी की मौजूदगी में प्रभार दिलवाने का आग्रह किया था. जिला स्कूल 1877 में स्थापित हुआ है. स्कूल के इतिहास में पहली बार इस तरह की घटना हुई है.
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मुझे जान-बुझकर हटाया गयाः राम दयाल कुशवाहा
राम दयाल कुशवाहा का कहना है कि वो वरीय हैं और जानबूझ कर आदेश जारी कर उन्हें हटाया गया है. उन्होंने मामले में आरडीडीई को पत्र लिखा है. इधर स्कूल के प्रभारी प्राचार्य बने करुणा शंकर तिवारी ने कहा कि ढाई महीनों से स्कूल में सभी परेशान हैं. प्रभार नहीं दिया जा रहा था, वरीय अधिकारियों के आदेश के बावजूद सब बंद था.