पलामू: झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर माओवादियों का गढ़ बूढ़ा पहाड़ पर आंध्र और तेलंगाना का कोई भी नक्सली नहीं है. सुधाकरण के आत्मसमर्पण के बाद सभी टॉप नक्सली फरार हो गए हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों का मात्र 30 से 35 की संख्या में दस्ता सक्रिय है.
2013-14 में बेस कैंप बनाया था
पुलिस का दावा है कि एक ही दस्ता टुकड़ी-टुकड़ी में बंट कर चलता है. बूढ़ा पहाड़ को माओवादियों ने 2013-14 में अपना बेस कैंप बनाया था. 2016 में सुधाकरण के साथ करीब छह टॉप नक्सली बूढ़ा पहाड़ के इलाके में पहुंचे थे. एक करोड़ के इनामी नक्सली अरविंद की मौत के बाद सुधाकरण ने बूढ़ा पहाड़ की कमान संभाली थी. उसके साथ लैंड माइंस एक्सपर्ट टेक विश्वानाथ समेत कई बड़े कमांडर थे.
ये भी पढ़ें- अफेयर के शक में पत्नी को उतारा मौत के घाट, बोरे में बांध कुएं में फेंका
दस्ता में कोई कैडर नहीं
पलामू रेंज के डीआईजी विपुल शुक्ला ने बताया कि बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कोई भी आंध्र या तेलंगाना का नक्सली नहीं है. उन्होंने बताया कि माओवादी दस्ता कहीं भी सेफ नहीं है. हर जगह सुरक्षाबलों की पहुंच है. उन्होंने बताया कि दस्ता में कोई कैडर नहीं बचा सिर्फ कमांडर बचे हैं.