पलामूः केंद्रीय रिजर्व बल की 134 बटालियन पलामू के इलाके में नक्सल विरोधी अभियान में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से तैनात है. बटालियन की कंपनी बूढ़ापहाड़, सारंडा समेत कई इलाकों में तैनात की गई है. एक अप्रैल को सीआरपीएफ की 134 बटालियन ने अपना स्थापना दिवस मनाया. शनिवार की रात जीएलए कॉलेज स्थित सीआरपीएफ 134 बटालियन के मुख्यालय में स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया.
ये भी पढ़ेंः सीसीएल ने तोड़ा उत्पादन का सारा रिकॉर्ड, मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बहुरेंगे दिन
स्थापना दिवस समारोह में सीआरपीएफ के डीआईजी विनय नेगी, पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा, कमांडेंट 112 प्रमोद साहू, कमांडेंट 134 सुदेश कुमार समेत सीआरपीएफ और पुलिस के कई टॉप अधिकारी मौजूद थे. स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए डीआईजी विनय नेगी ने कहा कि सीआरपीएफ की वीरता की कई गाथाएं हैं.
बूढ़ापहाड़ अभियान में 134 बटालियन की भूमिका अहम रही है. नक्सल विरोधी अभियान में शामिल जवान इलाके में शांति व्यवस्था कायम करने में लगे हैं. वहीं इनके अंदर कई प्रतिभाएं भी मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि बूढ़ापहाड़ का इलाका चारों तरफ से आईईडी से घिरा हुआ था, जवानों ने वीरता दिखाते हुए इलाके में अपना कब्जा जमाया है. दशकों बाद सुरक्षाबलों की मौजूदगी में इलाके में विकास के कार्य शुरु हुए हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में नक्सलियों खिलाफ अभियान ऑक्टोपस जारी है और इसमें जवान पूरी तरह से मुस्तैद हैं. सीआरपीएफ 134 बटालियन का गठन 1 अप्रैल 1994 को किया गया था.
पलामू में सीआरपीएफ 134 बटालियन की टीम एक दशक से भी अधिक समय से तैनात है. सीआरपीएफ 134 बटालियन पलामू के डगरा, कुहकुह, चक, ताल, मनातू के इलाके में तैनात की गई है. बटालियन की मौजूदगी के बदौलत झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादियों की स्थिति कमजोर हुई है.