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कोरोना के बाद फल व्यवसायियों पर बारिश की मार, 5-8 लाख का कारोबार होने की उम्मीद - Corona effect on fruit trade

पलामू में छठ महापर्व को लेकर फल व्यवसायी काफी हताश हैं, जहां पहले 15 से 20 लाख का व्यवसाय हुआ करता था. इस बार वही फल व्यवसायी पांच से आठ लाख का फल कारोबार होने की उम्मीद लगा रहे हैं.

Corona effect on fruit trade
फलों के व्यापार पर कोरोना प्रभाव
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Published : Nov 20, 2020, 9:22 AM IST

पलामूः छठ महापर्व को लेकर बाजार क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक फल की दुकानें सजी हैं. तरह-तरह के फल से बाजार पट गया है. सेब, अनार, नारंगी, अंगुर, अनानास, मौसम्मी से लेकर चिकू तक बाजार में उपलब्ध है. इसके अलावा छठ के मौके पर ईख के महत्व को देखते हुए दुकानदारों ने भारी मात्रा में गन्ना की खरीदारी कर ली है. मगर इस बार फल व्यवसाय पर कोरोना और बारिश का असर साफ दिखने लगा है.

फल व्यवसायी अशोक कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष छठ महापर्व के मौके पर हैदरनगर में 15 से 20 लाख रुपए का फल का कारोबार होता है. इस बार नवरात्र, दिपावली में भी अच्छा कारोबार नहीं हुआ. उम्मीद थी कि छठ महापर्व के मौके पर सबकुछ सामान्य हो जायेगा. मगर ऐसा होता दिख नहीं रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार छठ के मौके पर पांच से आठ लाख का कारोबार होने की संभावना है.

ये भी पढ़ें-डीजीपी का पुलिस अधिकारियों को निर्देश, हथियारबंद अपराधियों को मार गिराने में कोताही न बरतें

वहीं, फल व्यवसायी राजा गिरी ने बताया कि सरकार ने छठ महापर्व को लेकर सार्वजनिक घाट, तालाबों में छठ नहीं करने संबंधी गाइडलाइन जारी कर संशय की स्थिति पैदा कर दी थी, अब छूट मिला है. बहुत लोग जो अन्य राज्यों में काम करते हैं, वह नहीं आए. उन्होंने कहा कि फल व्यवसाय कोरोना की मार पहले से झेल रहा था. छठ महापर्व के मौके पर बेमौसम बारिश ने फल व्यवसाय को काफी प्रभावित किया है.

फल व्यवसायी शमीम राइन ने बताया कि फल व्यवसायियों ने भारी मात्रा में फल की खरीदारी कर ली क्योंकि पहले से मौसम ठीक चल रहा था. उन्होंने कहा कि अच्छा व्यवसाय होने की संभावना बन गई थी. मगर एकाएक बेमौसम बारिश की वजह से गांव से ग्राहक नहीं निकल रहे हैं, जिससे व्यवसाय करीब आधा हो गया है. फल व्यवसायी सनोज मालाकार ने बताया कि कोरोना के शुरुआती दौर से अबतक फल व्यवसाय मंदी की मार झेल रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों के बेरोजगार होने की वजह से उनके पास क्रय शक्ति घट गई है. यही वजह है कि पर्व त्योहारों में भी फलों की मांग कम हो गई है.

पलामूः छठ महापर्व को लेकर बाजार क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक फल की दुकानें सजी हैं. तरह-तरह के फल से बाजार पट गया है. सेब, अनार, नारंगी, अंगुर, अनानास, मौसम्मी से लेकर चिकू तक बाजार में उपलब्ध है. इसके अलावा छठ के मौके पर ईख के महत्व को देखते हुए दुकानदारों ने भारी मात्रा में गन्ना की खरीदारी कर ली है. मगर इस बार फल व्यवसाय पर कोरोना और बारिश का असर साफ दिखने लगा है.

फल व्यवसायी अशोक कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष छठ महापर्व के मौके पर हैदरनगर में 15 से 20 लाख रुपए का फल का कारोबार होता है. इस बार नवरात्र, दिपावली में भी अच्छा कारोबार नहीं हुआ. उम्मीद थी कि छठ महापर्व के मौके पर सबकुछ सामान्य हो जायेगा. मगर ऐसा होता दिख नहीं रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार छठ के मौके पर पांच से आठ लाख का कारोबार होने की संभावना है.

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वहीं, फल व्यवसायी राजा गिरी ने बताया कि सरकार ने छठ महापर्व को लेकर सार्वजनिक घाट, तालाबों में छठ नहीं करने संबंधी गाइडलाइन जारी कर संशय की स्थिति पैदा कर दी थी, अब छूट मिला है. बहुत लोग जो अन्य राज्यों में काम करते हैं, वह नहीं आए. उन्होंने कहा कि फल व्यवसाय कोरोना की मार पहले से झेल रहा था. छठ महापर्व के मौके पर बेमौसम बारिश ने फल व्यवसाय को काफी प्रभावित किया है.

फल व्यवसायी शमीम राइन ने बताया कि फल व्यवसायियों ने भारी मात्रा में फल की खरीदारी कर ली क्योंकि पहले से मौसम ठीक चल रहा था. उन्होंने कहा कि अच्छा व्यवसाय होने की संभावना बन गई थी. मगर एकाएक बेमौसम बारिश की वजह से गांव से ग्राहक नहीं निकल रहे हैं, जिससे व्यवसाय करीब आधा हो गया है. फल व्यवसायी सनोज मालाकार ने बताया कि कोरोना के शुरुआती दौर से अबतक फल व्यवसाय मंदी की मार झेल रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों के बेरोजगार होने की वजह से उनके पास क्रय शक्ति घट गई है. यही वजह है कि पर्व त्योहारों में भी फलों की मांग कम हो गई है.

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