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Naxalites in Palamu: विस्फोटों के बाद भी नहीं टूटा चक हाई स्कूल के बच्चों का हौसला, कलम की ताकत से नक्सलियों के मंसूबे को रौंदा

पलामू का मनातू प्रखंड अति नक्सल प्रभावित इलाका है. मनातू में स्थित है चक अपग्रेडेड हाई स्कूल. इस स्कूल को दो बार नक्सलियों ने उड़ा दिया. बावजूद यहां पढ़ने वाले बच्चों के हौसले में कोई कमी नहीं आई है. आज यहां 1900 बच्चे पढ़ाई करते हैं.

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Published : Mar 20, 2022, 1:16 PM IST

Updated : Mar 20, 2022, 2:05 PM IST

Naxalites in Palamu
Naxalites in Palamu

पलामूः चक अपग्रेडेड हाई स्कूल झारखंड का एक ऐसा स्कूल है जहां के विद्यार्थियों ने नक्सलियों के मंसूबे को अपने नन्हें पांव के तले रौंद डाला है. इस स्कूल को नक्सलियों ने विस्फोट कर दो बार नष्ट किया, लेकिन आज इस स्कूल में 1900 छात्र पढ़ाई करते हैं. जिस इलाके में नक्सलियों के एक फरमान के बाद स्कूल से लेकर हर चीज बंद हो जाती थी. आज उस इलाके में सैकड़ों बच्चे एक छत के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं. हौसला इतना है कि कम संसाधनों में भी ये मन लगाकर पढ़ रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः Naxalites in Palamu: पलामू के इस इलाके में नक्सलियों ने दो साल तक लगा रखा था लॉकडाउन, सुरक्षाबलों ने बदला माहौल

हम बात कर रहे हैं पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 90 किलोमीटर दूर मनातू थाना क्षेत्र के चक अपग्रेडेड हाई स्कूल की. इस स्कूल को नक्सलियों ने 2008 और 2011 में विस्फोट कर नष्ट कर दिया था. आज अपग्रेडेड हाई स्कूल चक में पलामू, चतरा और बिहार के गया के इलाके के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

नक्सलियों के मंसूबे को किया नाकाम, लेकिन सरकारी सिस्टम से हार रहे बच्चेः सैकड़ों मासूमों ने नक्सलियों के मंसूबे को तो नाकाम कर दिया है. लेकिन वह सरकारी सिस्टम से हार रहे हैं. अपग्रेडेड हाई स्कूल चक में मात्र 9 कमरे में 1900 छात्र पढ़ाई करते हैं. स्कूल में पहली से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में विभिन्न विषयों के 28 शिक्षकों की तैनाती की गई है. एक- एक कमरे में दो अलग-अलग क्लास का संचालन किया जाता है. स्कूल की छात्रा सिमरन शर्मा बताती है कि मजबूरी में वह लोग एक ही क्लास में बैठ कर पढ़ाई करते हैं. जिस कारण उन्हें परेशानी होती है. छात्र मणिनंदन कुमार बताते हैं कि स्कूल में बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई करते हैं लेकिन जिस अनुपात में सुविधा होनी चाहिए उस अनुपात में सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
स्कूल का नया भवन हैंडओवर होने से पहले ही हुआ जर्जरः अपग्रेडेड हाई स्कूल चक के लिए नया भवन बनकर तैयार हुआ है. ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल विभाग द्वारा लाखों की लागत से इस भवन को तैयार हुए लगभग दो वर्ष हो चुके हैं. स्कूल का भवन हैंडओवर होने से पहले ही जर्जर हो चुका है. स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल बृजेश सिंह ने बताया कि मामले में वरीय अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर अवगत कराया गया है, उन्हें आश्वासन भी दिया गया कि हालात में सुधार होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. स्कूल के शिक्षक भूषण कुमार पाठक बताते हैं कि कमरे कम होने के कारण छात्रों को परेशानी होती है. एक साथ कभी 1900 से छात्र नहीं आते हैं, लेकिन जिस दिन आ गए उस दिन पैर रखने की जगह नहीं मिलेगी. मामले में प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत- विधायकः अपग्रेडेड हाई स्कूल चक के भवन को लेकर स्थानीय विधायक डॉ. शशि भूषण मेहता ने बताया कि पूरे मामले में प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है. भवन बनकर तैयार हो गया है और जर्जर भी हो गया है. विधायक ने बताया कि हालत कैसी है बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि मात्र नौ कमरे के लिए 28 शिक्षक तैनात हैं. वे इस बात को विधानसभा में भी रखेंगे. अपग्रेडेड हाई स्कूल चक अति नक्सल प्रभावित इलाका में है. इस स्कूल में चक, रंगेया, मसूरिया, दलदलिया, केदल, कलाली, मनातू, डूमरवार, बौरा शरीफ के इलाके के बच्चे पढ़ाई करते हैं.

पलामूः चक अपग्रेडेड हाई स्कूल झारखंड का एक ऐसा स्कूल है जहां के विद्यार्थियों ने नक्सलियों के मंसूबे को अपने नन्हें पांव के तले रौंद डाला है. इस स्कूल को नक्सलियों ने विस्फोट कर दो बार नष्ट किया, लेकिन आज इस स्कूल में 1900 छात्र पढ़ाई करते हैं. जिस इलाके में नक्सलियों के एक फरमान के बाद स्कूल से लेकर हर चीज बंद हो जाती थी. आज उस इलाके में सैकड़ों बच्चे एक छत के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं. हौसला इतना है कि कम संसाधनों में भी ये मन लगाकर पढ़ रहे हैं.

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हम बात कर रहे हैं पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 90 किलोमीटर दूर मनातू थाना क्षेत्र के चक अपग्रेडेड हाई स्कूल की. इस स्कूल को नक्सलियों ने 2008 और 2011 में विस्फोट कर नष्ट कर दिया था. आज अपग्रेडेड हाई स्कूल चक में पलामू, चतरा और बिहार के गया के इलाके के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

नक्सलियों के मंसूबे को किया नाकाम, लेकिन सरकारी सिस्टम से हार रहे बच्चेः सैकड़ों मासूमों ने नक्सलियों के मंसूबे को तो नाकाम कर दिया है. लेकिन वह सरकारी सिस्टम से हार रहे हैं. अपग्रेडेड हाई स्कूल चक में मात्र 9 कमरे में 1900 छात्र पढ़ाई करते हैं. स्कूल में पहली से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में विभिन्न विषयों के 28 शिक्षकों की तैनाती की गई है. एक- एक कमरे में दो अलग-अलग क्लास का संचालन किया जाता है. स्कूल की छात्रा सिमरन शर्मा बताती है कि मजबूरी में वह लोग एक ही क्लास में बैठ कर पढ़ाई करते हैं. जिस कारण उन्हें परेशानी होती है. छात्र मणिनंदन कुमार बताते हैं कि स्कूल में बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई करते हैं लेकिन जिस अनुपात में सुविधा होनी चाहिए उस अनुपात में सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
स्कूल का नया भवन हैंडओवर होने से पहले ही हुआ जर्जरः अपग्रेडेड हाई स्कूल चक के लिए नया भवन बनकर तैयार हुआ है. ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल विभाग द्वारा लाखों की लागत से इस भवन को तैयार हुए लगभग दो वर्ष हो चुके हैं. स्कूल का भवन हैंडओवर होने से पहले ही जर्जर हो चुका है. स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल बृजेश सिंह ने बताया कि मामले में वरीय अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर अवगत कराया गया है, उन्हें आश्वासन भी दिया गया कि हालात में सुधार होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. स्कूल के शिक्षक भूषण कुमार पाठक बताते हैं कि कमरे कम होने के कारण छात्रों को परेशानी होती है. एक साथ कभी 1900 से छात्र नहीं आते हैं, लेकिन जिस दिन आ गए उस दिन पैर रखने की जगह नहीं मिलेगी. मामले में प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत- विधायकः अपग्रेडेड हाई स्कूल चक के भवन को लेकर स्थानीय विधायक डॉ. शशि भूषण मेहता ने बताया कि पूरे मामले में प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है. भवन बनकर तैयार हो गया है और जर्जर भी हो गया है. विधायक ने बताया कि हालत कैसी है बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि मात्र नौ कमरे के लिए 28 शिक्षक तैनात हैं. वे इस बात को विधानसभा में भी रखेंगे. अपग्रेडेड हाई स्कूल चक अति नक्सल प्रभावित इलाका में है. इस स्कूल में चक, रंगेया, मसूरिया, दलदलिया, केदल, कलाली, मनातू, डूमरवार, बौरा शरीफ के इलाके के बच्चे पढ़ाई करते हैं.
Last Updated : Mar 20, 2022, 2:05 PM IST
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