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नक्सलियों के गढ़ चक का पलामू से संपर्क टूटा, वर्षों से अधूरा है पूल, नदी में आई बाढ़

नक्सलियों के गढ़ चक का पलामू से संपर्क टूट गया है. चक झारखंड के चतरा और बिहार-गया सीमा से सटा हुआ है. दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण दुलकी नदी में बाढ़ आ गई है. इस कारण पलामू से चक का संपर्क टूट गया है.

chak disconnected with palamu, नक्सलियों के गढ़ चक का पलामू से संपर्क टूटा
टूटा हुआ पुल
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Published : Jun 20, 2020, 10:18 PM IST

पलामूः नक्सलियों के गढ़ चक का पलामू से संपर्क टूट गया है. चक झारखंड के चतरा और बिहार-गया सीमा से सटा हुआ है. चक को जोड़ने वाली दुलकी नदी का पूल वर्षों से अधूरा है. पलामू में दो दिनों से बारिश हो रही है, बारिश के कारण दुलकी नदी में बाढ़ आ गई है. इस कारण पलामू से चक का संपर्क टूट गया है. चक के इलाके में 12 गांव है. यह इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है, यहां दो पुलिस पिकेट है, जिससे नक्सल विरोधी अभियान का संचालन होता है.

देखें पूरी खबर

वर्षों से पूल है अधूरा

चक पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में मौजूद है. चक को जोड़ने वाली दुलकी नदी पर बन रहा पूल वर्षो से अधूरा है. चक को जोड़ने वाली 14 किलोमीटर का रोड वर्षों में बना था. रोड के लिए छह बार टेंडर निकाला गया था लेकिन नक्सलियों के भय से कोई ठेकेदार टेंडर नही डालता था. गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद रोड बन कर तैयार हुआ था, सुरक्षाबलों की सुरक्षा में चक रोड बन कर तैयार हुआ था. चक के ग्रामीणों का कहना है कि वर्षो से पूल अधूरा है जिस कारण वे अपने जिला मुख्यालय नहीं जा पाते.

और पढ़ें- निगम बना राजनीति का अड्डा, गठबंधन सरकार और बीजेपी मेयर आमने-सामने

नक्सली नही चाहते थे चक में रोड और पूल बने

2008 में चक में पुलिस पिकेट बना था, जिसके बाद नक्सलियों ने डेढ़ वर्षों के लिए चक को बंद कर दिया था. नक्सली नहीं चाहते थे कि चक का रोड और पूल बन कर तैयार हो. चक का इलाका माओवादियों का सुरक्षित मांद था कभी, लेकिन पिकेट बनने के बाद इस इलाके में बदलाव हुआ है.

पलामूः नक्सलियों के गढ़ चक का पलामू से संपर्क टूट गया है. चक झारखंड के चतरा और बिहार-गया सीमा से सटा हुआ है. चक को जोड़ने वाली दुलकी नदी का पूल वर्षों से अधूरा है. पलामू में दो दिनों से बारिश हो रही है, बारिश के कारण दुलकी नदी में बाढ़ आ गई है. इस कारण पलामू से चक का संपर्क टूट गया है. चक के इलाके में 12 गांव है. यह इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है, यहां दो पुलिस पिकेट है, जिससे नक्सल विरोधी अभियान का संचालन होता है.

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वर्षों से पूल है अधूरा

चक पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में मौजूद है. चक को जोड़ने वाली दुलकी नदी पर बन रहा पूल वर्षो से अधूरा है. चक को जोड़ने वाली 14 किलोमीटर का रोड वर्षों में बना था. रोड के लिए छह बार टेंडर निकाला गया था लेकिन नक्सलियों के भय से कोई ठेकेदार टेंडर नही डालता था. गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद रोड बन कर तैयार हुआ था, सुरक्षाबलों की सुरक्षा में चक रोड बन कर तैयार हुआ था. चक के ग्रामीणों का कहना है कि वर्षो से पूल अधूरा है जिस कारण वे अपने जिला मुख्यालय नहीं जा पाते.

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नक्सली नही चाहते थे चक में रोड और पूल बने

2008 में चक में पुलिस पिकेट बना था, जिसके बाद नक्सलियों ने डेढ़ वर्षों के लिए चक को बंद कर दिया था. नक्सली नहीं चाहते थे कि चक का रोड और पूल बन कर तैयार हो. चक का इलाका माओवादियों का सुरक्षित मांद था कभी, लेकिन पिकेट बनने के बाद इस इलाके में बदलाव हुआ है.

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