पलामू: एक बार फिर से कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच तेज हो गई है. कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच के लिए सीबीआई की टीम पलामू पहुंच चुकी है. कथित मुठभेड़ की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर और टॉप अधिकारी जल्द ही पलामू पंहुचने वाले हैं. सभी घटनास्थल का जायजा लेंगे. सीबीआई की टीम ने पिछले एक सप्ताह में मीडिया के कई लोगों का बयान दर्ज किया है और कई लोगों का बयान लेना बाकी है. जांच टीम का नेतृत्व एएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं.
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350 से अधिक लोगों का बयान ले चुकी है सीबीआई
कथित बकोरिया मुठभेड़ के मामले की जांच लगभग पूरी हो गई है. जल्द ही सीबीआई पूरा सेटअप रांची शिफ्ट करने वाली है. बाकी जांच अब रांची में होगी. बता दें कि 8 जून 2015 को पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में कथित मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए थे. इस मुठभेड़ की जांच सीबीआई कर रही है. लगभग आठ महीने के बाद सीबीआई की टीम पलामू पंहुची है और मामले की जांच कर रही है. सीबीआई की टीम अब तक इस मामले में 350 से अधिक लोगों का बयान दर्ज कर चुकी है. मामले में पलामू के तत्कालीन डीआईजी, एसपी, लातेहार एसपी, तत्कालीन मनिका, सतबरवा और सदर थाना के प्रभारी से पूछताछ हो चुकी है.
एफएसएल, आईपीएस, कोबरा और सीआरपीएफ के अधिकारियों से होगी पूछताछ
बकोरिया मुठभेड़ की जांच करने वाली एफएसएल टीम से सीबीआई पूछताछ करेगी. जबकि तत्कालीन डीजी, सीआरपीएफ आईजी, डीआईजी, कमांडेंट, कोबरा कमांडेंट, सहायक कमांडेट से सीबीआई पूछताछ करेगी. मामले में पूछताछ के लिए कई टॉप अधिकारियों को जल्द नोटिस भेजा जाएगा. पलामू के तत्कालीन अभियान एसपी से भी पूछताछ होने वाली है.
डीआईजी और सदर थानेदार ने मुठभेड़ को बताया है फर्जी, कई के परिजन नहीं दे रहे गवाही
तत्कालीन डीआईजी और सदर थानेदार ने सीबीआई को बताया है कि मुठभेड़ फर्जी है. जबकि मारे गए कुछ के परिजनों ने विरोधाभास बयान दिया है. कई के परिजन और जानने वाले सीबीआई के समक्ष गवाही नहीं दे रहे हैं. 8 जून 2015 को बकोरिया के भलवही घाटी में कथित तौर पर 12 नक्सली मारे गए थे. मारे गए नक्सलियों में टॉप कमांडर आरके उर्फ अनुराग, उसका बेटा और भतीजा शामिल था. कथित मुठभेड़ में 4 नाबालिग, एक पारा शिक्षक और उसका भाई भी मारा गया था. सीआईडी जांच की धीमी गति के बाद हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया था. बाद में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी जो अस्वीकृत कर दी गई. सीबीआई की टीम 2018 से मुठभेड़ की जांच कर रही है.