पलामू: गढ़वा डाकघर घोटाला मामले में सीबीआई की टीम ने 9 दिनों में 135 लोगों से पूछताछ की है. सीबीआई की टीम गढ़वा के इलाके में कैंप कर रही है और अब तक 135 लोगों से पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई की टीम इंस्पेक्टर तपेश पचौरी के नेतृत्व में डाकघरों के विभिन्न कागजातों को खंगाला है और घोटाला पीड़ितों से पूछताछ की है. गढ़वा के रमना और नगर उंटारी डाकघर में करीब तीन करोड़ रुपये घोटाला हुआ था.
ये भी पढ़ें: डाक विभाग में 11.64 करोड़ का घोटाला, एक ही ड्राफ्ट से निकाले गए दो बार पैसे
गढ़वा के डाकघर घोटाले का आरोप तत्कालीन उप डाकपाल कामेश्वर राम, मंजीत, कुमार अश्विनी कुमार और संजय कुमार के ऊपर लगा था. सभी पर डाकघर के ग्राहकों के आवर्ती खाता से प्रथम भुगतान के बाद फर्जी तरीके से अलग अलग तारीखों में फिर से भुगतान करने का आरोप है. जांच में पाया गया कि सैकड़ों ग्राहकों और आरडी जमाकर्ताओं की राशि भी गायब कर दी गई. मामले में तत्कालीन सहायक डाक अधीक्षक शंकर कुजूर ने गढ़वा में सरकारी राशि के गबन का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाया था. उस दौरान डाकघर के आरडी लेजर को भी गायब कर दिया. पूरे मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज किया गया था. सीबीआई ने 2022 में पूरे मामले को टेकओवर किया है.
16 जनवरी से कैंप कर रही सीबीआई की टीम: गढ़वा के इलाके में पिछले 16 जनवरी से सीबीआई की टीम कैंप कर रही है. दौरान सीबीआई की टीम डाकघरों के आरडी खातों की भी जांच कर रही है. जिन खातों से घोटाले हुए हैं उन खातों के पीड़ितों को बुलाया गया है और उनसे पूछताछ की गई है. सीबीआई ने करीब 135 लोगों के बयान को कलमबद्ध किया है.
घोटाले के आरोपी डाकपाल कामेश्वर राम पलामू के छतरपुर, मनजीत कुमार पलामू के पोखराहा, अश्विनी कुमार भवनाथपुर के अरसली और संजय कुमार गढ़वा के रमना के रहने वाले हैं. सीबीआई की टीम ने सभी आरोपियों के संपत्ति का भी आकलन किया है. घोटाले के एक आरोपी कामेश्वर राम को पलामू से भी पहले गिरफ्तार किया गया है. मामले में सीबीआई की टीम कुछ महीने पहले पलामू के कई इलाकों में भी छापेमारी की थी. आरोपियों के पास काफी संपत्ति मिली थी जिसे सीबीआई ने जब्त करने की भी प्रक्रिया शुरू की गई थी.