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पलामूः सहायक पुलिसकर्मियों ने आश्वासन के बाद पदयात्रा स्थगित की, दो दिनों बाद लेंगे निर्णय - सहायक पुलिस कर्मियों का पदयात्रा

पलामू में अपनी सेवा को विस्तार करने की मांग को लेकर सहायक पुलिस ने वर्दी-ए-इंसाफ यात्रा को छह घंटे के मान मनौव्वल के बाद वापस ले लिया. इस यात्रा में करीब 200 सहायक पुलिस के जवान शामिल थे. सहायक पुलिस अपनी मांगों को लेकर एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे हैं. जवानों ने पहले काला बिल्ला लगाया उसके बाद हड़ताल पर चले गए थे.

सहायक पुलिस कर्मियों ने छह घंटे के मान-मनव्वल के बाद पदयात्रा वापस लिया, assistant police staffs took their protest back after hours of request in palamu
सहायक पुलिस कर्मी
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Published : Sep 10, 2020, 4:00 PM IST

पलामूः अपनी सेवा को विस्तार करने की मांग को लेकर सहायक पुलिस ने वर्दी-ए-इंसाफ यात्रा को छह घंटे के मान मनौव्वल के बाद वापस ले लिया. यात्रा पलामू पुलिस लाइन से निकल कर चियांकी तक गई. चियांकी में वरीय अधिकारियों के समझाने के बाद सहायक पुलिस यात्रा को वापस लिए.

देखें पूरी खबर

200 जवानों की भर्ती हुई थी

एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर अरुण कुमार महथा की ओर से पुलिस मेंस एसोसिएशन के समझाने के बाद सहायक पुलिस वापस लौटे. इस यात्रा में करीब 200 सहायक पुलिस के जवान शामिल थे. सहायक पुलिस अपनी मांगों को लेकर एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे हैं. जवानों ने पहले काला बिल्ला लगाया उसके बाद हड़ताल पर चले गए थे.

बाद में सभी अपनी मांगों को लेकर वर्दी-ए-इंसाफ पदयात्रा निकाली. पलामू प्रमंडल में 700 सहायक पुलिसकर्मियों की 2017 में भर्ती हुई थी. लातेहार में 300 जबकि पलामू और गढ़वा में 200 जवानों की भर्ती हुई थी. प्रत्येक वर्ष एसपी के स्तर से सहायक पुलिस के कार्यों की समीक्षा होनी थी, जबकि तीन वर्ष के बाद डीआईजी सेवा आगे बढ़ाने को लेकर फैसला लेना था. पलामू सहायक पुलिस के जवान मामले में पलामू एसपी को पत्र लिखा है.

और पढ़ें- कोडरमा: सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से कोरोना संक्रमित कैदी फरार, हत्या के मामले में जेल में था बंद

उसके बाद हड़ताल पर गए हैं. जवानों का कहना है कि नक्सल को कम करने के लिए उनकी भर्ती हुई थी, अब नक्सल कमजोर हो गए तो उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. तीन वर्ष तक वर्दी में रहने के बाद उनकी उम्र भी इस मुकाम पर आ गई है, कि वे किसी और सेवा में नहीं जा सकते.

पलामूः अपनी सेवा को विस्तार करने की मांग को लेकर सहायक पुलिस ने वर्दी-ए-इंसाफ यात्रा को छह घंटे के मान मनौव्वल के बाद वापस ले लिया. यात्रा पलामू पुलिस लाइन से निकल कर चियांकी तक गई. चियांकी में वरीय अधिकारियों के समझाने के बाद सहायक पुलिस यात्रा को वापस लिए.

देखें पूरी खबर

200 जवानों की भर्ती हुई थी

एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर अरुण कुमार महथा की ओर से पुलिस मेंस एसोसिएशन के समझाने के बाद सहायक पुलिस वापस लौटे. इस यात्रा में करीब 200 सहायक पुलिस के जवान शामिल थे. सहायक पुलिस अपनी मांगों को लेकर एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे हैं. जवानों ने पहले काला बिल्ला लगाया उसके बाद हड़ताल पर चले गए थे.

बाद में सभी अपनी मांगों को लेकर वर्दी-ए-इंसाफ पदयात्रा निकाली. पलामू प्रमंडल में 700 सहायक पुलिसकर्मियों की 2017 में भर्ती हुई थी. लातेहार में 300 जबकि पलामू और गढ़वा में 200 जवानों की भर्ती हुई थी. प्रत्येक वर्ष एसपी के स्तर से सहायक पुलिस के कार्यों की समीक्षा होनी थी, जबकि तीन वर्ष के बाद डीआईजी सेवा आगे बढ़ाने को लेकर फैसला लेना था. पलामू सहायक पुलिस के जवान मामले में पलामू एसपी को पत्र लिखा है.

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उसके बाद हड़ताल पर गए हैं. जवानों का कहना है कि नक्सल को कम करने के लिए उनकी भर्ती हुई थी, अब नक्सल कमजोर हो गए तो उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. तीन वर्ष तक वर्दी में रहने के बाद उनकी उम्र भी इस मुकाम पर आ गई है, कि वे किसी और सेवा में नहीं जा सकते.

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