पलामूः जिले के सरकारी बाबुओं और ठेकेदारों को पलामू का हथियार काफी पसंद है. पिछले कुछ महीनों में पलामू में बड़े पैमाने पर हथियारों का लाइसेंस जारी किया गया है. जिला प्रशासन ने जारी 54 हथियार लाइसेंस की फिर से जांच शुरू की है. स्पेशल ब्रांच को जांच की जिम्मेदारी दी गई है. जिन लोगों के हथियार के लाइसेंस की जांच होनी है उनमें कई सरकारी बाबू भी शामिल हैं. लाइसेंस लेने वालों में कई संविदा कर्मी और कई ठेकेदार शामिल हैं. पलामू का इलाका हथियार के लाइसेंस के लिए चर्चित रहा है. पलामू में 1900 से अधिक लोगों के पास हथियार का लाइसेंस है, जबकि जिला में पुलिस बल की संख्या 1800 से भी कम है. पलामू में पुलिस और इनके पदाधिकारियों की संख्या जोड़ दिया जाए तो लाइसेंस धारक से इनकी संख्या कम है.
कौन-कौन से व्यक्ति के नाम पर जारी लाइसेंस की हो रही जांचः शक्ति सिंह, नागेंद्र बाबू सिंह, अशोक साहनी, गौरव सिंह, साहेब सिंह, प्रिंस कुमार, नेशात अहमद, रबिन्द्र कुमार सिंह, सतीश दुबे ,राजवीर सिंह , राकेश कुमार, मोहम्मद सैफुल्लाह, रजनीकांत सिंह, अखिलेश तिवारी, आशीष शुक्ला, जयंत कुमार सिंह, अनुराग अंकुर, मीरा पांडे, अभिषेक आनंद, लव कुमार मेहता, किरण कुमारी, ईबरार रिजवी, शमीम अहमद, नेसार अहमद, श्याम किशोर सिंह, मेराज अहमद, अमर कुमार गुप्ता, विकास सेठी, विपिन, ज्योत्सना सिंह, चंदन कुमार सिंह, सुनील कुमार गुप्ता, शशिकांत गुप्ता, अनुपम कुमार सिंह, इकबाल हसन, प्रमोद कुमार सिंह, नवीन कुमार गुप्ता, संजीव कुमार, अनूप कुमार सिंह, विवेक कुमार सिंह, मोहन शर्मा, राकेश प्रसाद, सुबोध कुमार सिंह, अमित राज, नवीन राज, सुनीता सिंह, शशि किरण समेत 54 लोगों के नाम हैं.
आजसू ने सभी लाइसेंस की जांच की मांग कीः पलामू के इलाके में हथियार का लाइसेंस काफी चर्चित रहा है. 2015-16 तक पलामू में प्रत्येक 319 वे व्यक्ति के पास लाइसेंस मौजूद था. एक-एक व्यक्ति के पास दो से अधिक लाइसेंस थे, लेकिन जिला प्रशासन ने उस दौरान अभियान चलाया था और 4400 से अधिक लाइसेंस को रद्द किया था. आजसू के केंद्रीय सचिव इम्तियाज अहमद नजमी ने कहा कि हथियार रखना स्टेटस सिंबल बन चुका है. उन्होंने पलामू में जारी अब तक सभी हथियार के लाइसेंस की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पलामू में हथियार के लाइसेंस के साथ-साथ बॉडीगार्ड देने की भी जांच होनी चाहिए.
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