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पलामू: सरकार पर दलित और आदिवासीयों के पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को खत्म करने का आरोप, आंदोलन की घोषणा

पलामू जिले में सरकार पर दलित और आदिवासीयों के पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को खत्म करने का आरोप लगाया है. इसके तहत आंदोलन की घोषणा कर दी गई है.

accused of ending post matric scholarship of tribals in palamu
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप
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Published : Dec 16, 2020, 3:29 PM IST

पलामू: जिले में दलित और आदिवासी संगठनों ने सरकार पर पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को साजिश के तहत खत्म करने का आरोप लगाया है. पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में केंद्र सरकार ने राज्य के साथ अनुपात में कमी कर दी है. 14 वे वित्त में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में राज्य का 90 प्रतिशत जबकि केंद्र का 10 प्रतिशत हिस्सा कर दिया है. मामले में बुधवार को दलित आर्थिक अधिकार आंदोलन, आइसा, आंबेडकर विचार मंच समेत कई संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.

देखें पूरी खबर
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिपसंगठनों ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का बोझ उठाना राज्य सरकार के लिए आसान नहीं है. संगठनों ने मांग किया कि केंद्र की सरकार पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए राशि की घोषणा करे. ताकि 62 लाख छात्रों को राहत मिल सके. केंद्र और राज्य के बीच 60-40 का अनुपात लागू किया जाए. शिकायत निवारण प्रणाली बनाया जाए. ताकि छात्रों की समस्याओं का समाधान हो सके. आदिवासी एवं दलित छात्रों की योग्यता आय को 2.5 लाख से बढ़ा कर आठ लाख किया जाए.

इसे भी पढ़ें-17 दिसंबर से टाटा स्टील टूर चैंपियनशिप, डेढ़ करोड़ के लिए 126 गोल्फर लगाएंगे जोर

छात्र संगठन करेंगे आंदोलन , दिया जाएगा धरना
आदिवासी और दलित छात्र संगठन पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के मामले को लेकर आंदोलन करेंगे. छात्र नेता दिव्या भगत ने कहा कि मामले में बड़ा आंदोलन होगा. यह एक तरह से आरक्षण को समाप्त करने की साजिश है. मामले में एक राजनीतिक वर्ग चुप है. मौके पर एनसीडीएचर के स्टेट कोऑर्डिनेटर मिथिलेश कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता जेम्स हेरेंज, युगल पाल, फिल्म मेकर राम डाल्टन, गायिका मेघा श्रीराम डाल्टन, गणेश रवि मौजूद रहे.

पलामू: जिले में दलित और आदिवासी संगठनों ने सरकार पर पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को साजिश के तहत खत्म करने का आरोप लगाया है. पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में केंद्र सरकार ने राज्य के साथ अनुपात में कमी कर दी है. 14 वे वित्त में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में राज्य का 90 प्रतिशत जबकि केंद्र का 10 प्रतिशत हिस्सा कर दिया है. मामले में बुधवार को दलित आर्थिक अधिकार आंदोलन, आइसा, आंबेडकर विचार मंच समेत कई संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.

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पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिपसंगठनों ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का बोझ उठाना राज्य सरकार के लिए आसान नहीं है. संगठनों ने मांग किया कि केंद्र की सरकार पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए राशि की घोषणा करे. ताकि 62 लाख छात्रों को राहत मिल सके. केंद्र और राज्य के बीच 60-40 का अनुपात लागू किया जाए. शिकायत निवारण प्रणाली बनाया जाए. ताकि छात्रों की समस्याओं का समाधान हो सके. आदिवासी एवं दलित छात्रों की योग्यता आय को 2.5 लाख से बढ़ा कर आठ लाख किया जाए.

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आदिवासी और दलित छात्र संगठन पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के मामले को लेकर आंदोलन करेंगे. छात्र नेता दिव्या भगत ने कहा कि मामले में बड़ा आंदोलन होगा. यह एक तरह से आरक्षण को समाप्त करने की साजिश है. मामले में एक राजनीतिक वर्ग चुप है. मौके पर एनसीडीएचर के स्टेट कोऑर्डिनेटर मिथिलेश कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता जेम्स हेरेंज, युगल पाल, फिल्म मेकर राम डाल्टन, गायिका मेघा श्रीराम डाल्टन, गणेश रवि मौजूद रहे.

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