ETV Bharat / state

बीजापुर की तरह 9 साल पहले बूढ़ापहाड़ में भी माओवादियों ने किया था जवान का अपहरण, जानें कैसे हुई थी रिहाई - Naxalites kidnap jawan in bijapur

बीजापुर की तरह 9 साल पहले माओवादियों ने एक जवान का अपहरण कर लिया था. चार दिनों तक जवान को अपने कब्जे में रखा था. उस वक्त झारखंड के मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ता शशिभूषण पाठक जवान को माओवादियों के कब्जे से निकाल कर बाहर लाए थे.

Naxalites kidnap jawan in Jharkhand
झारखंड में नक्सलियों ने किया जवान का अपहरण
author img

By

Published : Apr 7, 2021, 5:38 PM IST

Updated : Apr 7, 2021, 6:24 PM IST

पलामू: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने कोबरा जवान राकेश्वर मिन्हास का अपहरण कर लिया है. करीब नौ साल पहले झारखंड के बूढ़ापहाड़ में भी एक पुलिस जवान सुनेश राम का अपहरण कर लिया गया था. चार दिनों के बाद जवान को छोड़ा गया था. इस दौरान झारखंड के मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ता शशिभूषण पाठक जवान को माओवादियों के कब्जे से निकाल कर बाहर लाए थे. माओवादियों के कब्जे से वापस आने के बाद जवान के सुर बदल गए थे और उसने मीडिया के सामने कई बातें बताई थी जो माओवादियो के समर्थन में थी.

यह भी पढ़ें: 1855 में सिदो-कान्हो ने संथाल से फूंका था आजादी का बिगुल, तोपों के सामने तीर-धनुष से ही अंग्रजों को पिला दिया था पानी

माओवादियों ने किया था 5 का अपहरण, जवान को चार दिनों तक कब्जे में रखा था

जनवरी 2011 में गढ़वा के भंडरिया थाना क्षेत्र के बड़गड में हुए नक्सल हमले में 13 पुलिस जवान शहीद हुए थे. इस घटना में भंडरिया थाना प्रभारी को माओवादियों ने जिंदा जला दिया था. इसी हमले के गढ़वा जिला परिषद अध्यक्ष सुषमा मेहता भी चपेट आई थी. माओवादियों ने सुषमा मेहता, उनके बॉडीगार्ड सुनेश राम समेत पांच का अपहरण किया था. बाद में सुषमा मेहता और उनके साथ मौजूद तीन लोगों को छत्तीसगढ़ के राजपुर में छोड़ा गया था. लेकिन, माओवादियों ने जवान सुनेश राम को अपने कब्जे में रखा था.

जवान को छोड़ने के एवज में माओवादियों ने रखी थी कई मांग

अपहृत जवान सुरेश राम को छोड़ने की एवज में माओवादियों ने झारखंड पुलिस के सामने कई शर्त रखी थी. माओवादियों ने उस दौरान लातेहार जिले के सरयू ओरिया और कोने में बने पुलिस पिकेट को हटाने की मांग रखी थी. तब माओवादियों ने पत्रकारों को बताया था कि सुरेश राम को युद्ध बंदी बनाया गया है. बाद में मानवाधिकार कार्यकर्ता शशिभूषण पाठक माओवादियों के सुरक्षित ठिकाना बूढ़ापहाड़ गए थे और जवान को बाहर लेकर आए थे. उस वक्त बूढ़ापहाड़ पर माओवादियो का नेतृत्व एक करोड़ का इनामी माओवादी अरविंद कर रहा था. 2017-18 में अरविंद की मौत हो गई थी.

बीजापुर में नक्सलियों के कब्जे में है जवान

तीन अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें 22 जवान शहीद हुए थे और कई नक्सली भी मारे गए थे. इस दौरान नक्सलियों ने कोबरा जवान राकेश्वर मिन्हास का अपहरण कर लिया था. जवान अब भी नक्सलियों के कब्जे में है.

पलामू: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने कोबरा जवान राकेश्वर मिन्हास का अपहरण कर लिया है. करीब नौ साल पहले झारखंड के बूढ़ापहाड़ में भी एक पुलिस जवान सुनेश राम का अपहरण कर लिया गया था. चार दिनों के बाद जवान को छोड़ा गया था. इस दौरान झारखंड के मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ता शशिभूषण पाठक जवान को माओवादियों के कब्जे से निकाल कर बाहर लाए थे. माओवादियों के कब्जे से वापस आने के बाद जवान के सुर बदल गए थे और उसने मीडिया के सामने कई बातें बताई थी जो माओवादियो के समर्थन में थी.

यह भी पढ़ें: 1855 में सिदो-कान्हो ने संथाल से फूंका था आजादी का बिगुल, तोपों के सामने तीर-धनुष से ही अंग्रजों को पिला दिया था पानी

माओवादियों ने किया था 5 का अपहरण, जवान को चार दिनों तक कब्जे में रखा था

जनवरी 2011 में गढ़वा के भंडरिया थाना क्षेत्र के बड़गड में हुए नक्सल हमले में 13 पुलिस जवान शहीद हुए थे. इस घटना में भंडरिया थाना प्रभारी को माओवादियों ने जिंदा जला दिया था. इसी हमले के गढ़वा जिला परिषद अध्यक्ष सुषमा मेहता भी चपेट आई थी. माओवादियों ने सुषमा मेहता, उनके बॉडीगार्ड सुनेश राम समेत पांच का अपहरण किया था. बाद में सुषमा मेहता और उनके साथ मौजूद तीन लोगों को छत्तीसगढ़ के राजपुर में छोड़ा गया था. लेकिन, माओवादियों ने जवान सुनेश राम को अपने कब्जे में रखा था.

जवान को छोड़ने के एवज में माओवादियों ने रखी थी कई मांग

अपहृत जवान सुरेश राम को छोड़ने की एवज में माओवादियों ने झारखंड पुलिस के सामने कई शर्त रखी थी. माओवादियों ने उस दौरान लातेहार जिले के सरयू ओरिया और कोने में बने पुलिस पिकेट को हटाने की मांग रखी थी. तब माओवादियों ने पत्रकारों को बताया था कि सुरेश राम को युद्ध बंदी बनाया गया है. बाद में मानवाधिकार कार्यकर्ता शशिभूषण पाठक माओवादियों के सुरक्षित ठिकाना बूढ़ापहाड़ गए थे और जवान को बाहर लेकर आए थे. उस वक्त बूढ़ापहाड़ पर माओवादियो का नेतृत्व एक करोड़ का इनामी माओवादी अरविंद कर रहा था. 2017-18 में अरविंद की मौत हो गई थी.

बीजापुर में नक्सलियों के कब्जे में है जवान

तीन अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें 22 जवान शहीद हुए थे और कई नक्सली भी मारे गए थे. इस दौरान नक्सलियों ने कोबरा जवान राकेश्वर मिन्हास का अपहरण कर लिया था. जवान अब भी नक्सलियों के कब्जे में है.

Last Updated : Apr 7, 2021, 6:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.