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Year Ender: पलामू टाइगर रिजर्व के लिए 2023 रहा खास, तीन से अधिक बाघ मौजूद होने की पुष्टि, एक दशक बाद लौटी रौनक

Year Ender 2023 PTR. साल 2023 पलामू टाइगर रिजर्व के लिए भी काफी खास रहा. इस साल यहां तीन से अधिक बाघ के मौजूद होने की पुष्टि हुई. एक दशक बाद यहां फिर से रौनक लौटी है.

Palamu Tiger Reserve
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 29, 2023, 8:27 AM IST

Updated : Dec 31, 2023, 3:24 PM IST

पलामू: एशिया का चर्चित पलामू टाइगर रिजर्व 2023 में काफी चर्चित रहा. 2023 में पलामू टाइगर रिजर्व की इलाके में बाघों की गिनती से संबंधित आंकड़े को जारी किया गया. इस रिपोर्ट में पहली बार पलामू टाइगर रिजर्व की इलाके में बाघों की मौजूदगी की पुष्टि की गई.

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा आंकड़ों को जारी करने के कुछ ही दिनों के बाद पिटीआर के इलाके में तीन से अधिक बाघों के मौजूद होने की पुष्टि हुई है. एक दशक में ऐसा पहली बार हुआ है कि पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में तीन से अधिक बाघ देखे गए हैं, तीन बाघ की तस्वीर स्पष्ट रूप से कैमरों में कैद हुई है, जबकि चौथे की पुष्टि के लिए तस्वीरों का आकलन किया जा रहा है. इससे पहले 2009 में पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में सात बार की पुष्टि हुई. 2018 में पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में हुई बाघों की गिनती में आंकड़े को शून्य बताया गया था. इसके बाद से पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघों की मौजूदगी के लिए सवाल उठ रहे थे, लेकिन 2023 में लगातार पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में बाघ देखे गए.

मार्च में देखा गया था पहली बार बाघ, दिसंबर मे पर्यटक के कैमरा में कैद हुई तस्वीर: पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघों की मौजूदगी के लेकर कई पहल की गई थी. कुछ दिनों पहले पलामू टाइगर रिजर्व ने बाघ देखने वालों पर इनाम की राशि की भी घोषणा की थी. पीटीआर प्रबंधन के तरफ से बाघ देखने वाले को पांच हजार रुपए का इनाम, जबकि बाघ की मौजूदगी के सभी प्रमाण देने वाले को 25000 रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई थी. मार्च 2023 में पहली बार पलामू टाइगर रिजर्व के उत्तरी छोर पर बाघ देखा गया था और उसकी तस्वीर कैमरा में कैद हुई थी. दूसरी बार जुलाई और अगस्त के महीने में उत्तरी क्षेत्र में ही बाघ को देखा गया था. अक्टूबर नवंबर में तीसरी बार इस क्षेत्र में बाघ देखा गया. दिसंबर के महीने में पर्यटकों के भीड़ भाड़ वाले इलाके में बाघ को देखा गया, जहां प. बंगाल के एक पर्यटक ने बाघ की तस्वीर को अपने कमरे में कैद किया.

1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है पीटीआर, बांधवगढ़ से जुड़ा है कॉरिडोर: पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसकी सीमा झारखंड और छत्तीसगढ़ से सटी हुई है. झारखंड में यह पलामू, गढ़वा, लातेहार, लोहरदगा और गुमला से सटा हुआ इलाका है. पलामू टाइगर रिजर्व का कॉरिडोर मध्य प्रदेश के बांधवगढ़, संजय डुबरी टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है. बाघ अक्सर एक दूसरे के इलाके में दाखिल होते रहते हैं. इसके लिए बाघ 700 से 800 किलोमीटर तक की दूरी तय करते हैं.

1971-72 में गठित हुआ था पलामू टाइगर रिजर्व: 1971- 72 में पूरे देश में बाघों के संरक्षण के लिए योजना की शुरुआत की गई थी. इस दौरान पूरे देश में एक साथ नौ टाइगर रिजर्व का गठन किया गया था, पलामू टाइगर रिजर्व इसमें शामिल था. जिस समय पलामू टाइगर रिजर्व का गठन किया गया, उस वक्त इलाके में बाघों की संख्या 50 के करीब थी. 2005 में यहां बाघों की संख्या 38 बताई गई थी, 2007 में बाघों की संख्या 17, 2009 में बाघों की संख्या छह बताई गई, 2017-18 में एक बाघ की पुष्टि हुई थी.

ये भी पढ़ें:

पीटीआर में चौथे बाघ की एंट्री! कैमरा ट्रैप के फोटो का किया जा है मिलान

पलामू: एशिया का चर्चित पलामू टाइगर रिजर्व 2023 में काफी चर्चित रहा. 2023 में पलामू टाइगर रिजर्व की इलाके में बाघों की गिनती से संबंधित आंकड़े को जारी किया गया. इस रिपोर्ट में पहली बार पलामू टाइगर रिजर्व की इलाके में बाघों की मौजूदगी की पुष्टि की गई.

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा आंकड़ों को जारी करने के कुछ ही दिनों के बाद पिटीआर के इलाके में तीन से अधिक बाघों के मौजूद होने की पुष्टि हुई है. एक दशक में ऐसा पहली बार हुआ है कि पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में तीन से अधिक बाघ देखे गए हैं, तीन बाघ की तस्वीर स्पष्ट रूप से कैमरों में कैद हुई है, जबकि चौथे की पुष्टि के लिए तस्वीरों का आकलन किया जा रहा है. इससे पहले 2009 में पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में सात बार की पुष्टि हुई. 2018 में पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में हुई बाघों की गिनती में आंकड़े को शून्य बताया गया था. इसके बाद से पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघों की मौजूदगी के लिए सवाल उठ रहे थे, लेकिन 2023 में लगातार पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में बाघ देखे गए.

मार्च में देखा गया था पहली बार बाघ, दिसंबर मे पर्यटक के कैमरा में कैद हुई तस्वीर: पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघों की मौजूदगी के लेकर कई पहल की गई थी. कुछ दिनों पहले पलामू टाइगर रिजर्व ने बाघ देखने वालों पर इनाम की राशि की भी घोषणा की थी. पीटीआर प्रबंधन के तरफ से बाघ देखने वाले को पांच हजार रुपए का इनाम, जबकि बाघ की मौजूदगी के सभी प्रमाण देने वाले को 25000 रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई थी. मार्च 2023 में पहली बार पलामू टाइगर रिजर्व के उत्तरी छोर पर बाघ देखा गया था और उसकी तस्वीर कैमरा में कैद हुई थी. दूसरी बार जुलाई और अगस्त के महीने में उत्तरी क्षेत्र में ही बाघ को देखा गया था. अक्टूबर नवंबर में तीसरी बार इस क्षेत्र में बाघ देखा गया. दिसंबर के महीने में पर्यटकों के भीड़ भाड़ वाले इलाके में बाघ को देखा गया, जहां प. बंगाल के एक पर्यटक ने बाघ की तस्वीर को अपने कमरे में कैद किया.

1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है पीटीआर, बांधवगढ़ से जुड़ा है कॉरिडोर: पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसकी सीमा झारखंड और छत्तीसगढ़ से सटी हुई है. झारखंड में यह पलामू, गढ़वा, लातेहार, लोहरदगा और गुमला से सटा हुआ इलाका है. पलामू टाइगर रिजर्व का कॉरिडोर मध्य प्रदेश के बांधवगढ़, संजय डुबरी टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है. बाघ अक्सर एक दूसरे के इलाके में दाखिल होते रहते हैं. इसके लिए बाघ 700 से 800 किलोमीटर तक की दूरी तय करते हैं.

1971-72 में गठित हुआ था पलामू टाइगर रिजर्व: 1971- 72 में पूरे देश में बाघों के संरक्षण के लिए योजना की शुरुआत की गई थी. इस दौरान पूरे देश में एक साथ नौ टाइगर रिजर्व का गठन किया गया था, पलामू टाइगर रिजर्व इसमें शामिल था. जिस समय पलामू टाइगर रिजर्व का गठन किया गया, उस वक्त इलाके में बाघों की संख्या 50 के करीब थी. 2005 में यहां बाघों की संख्या 38 बताई गई थी, 2007 में बाघों की संख्या 17, 2009 में बाघों की संख्या छह बताई गई, 2017-18 में एक बाघ की पुष्टि हुई थी.

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Last Updated : Dec 31, 2023, 3:24 PM IST
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