पाकुड़: व्यवहार न्यायालय के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मुख्य रूप से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओमप्रकाश पांडेय मौजूद रहे.
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दुर्घटना को लेकर नए नियम
कार्यशाला में मौजूद पुलिस पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अधिवक्ताओं को कार्यशाला के उद्देश्य, पीड़ित और आश्रितों को मिलने वाले लाभ के बारे में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ने विस्तार से जानकारी दी. कार्यशाला की जानकारी देते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओमप्रकाश पांडेय ने बताया कि इसमें बतौर प्रतिभागी अधिवक्ता, पुलिस पदाधिकारी, अनुसंधानकर्ता और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को दुर्घटनाओं को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से ट्यूनल गठन की जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि तय समय सीमा के अंदर दुर्घटना के मामलों का अनुसंधान करने, प्रपत्र ए, बी और सी को सही तरीके से भरने, दुर्घटना के 48 घंटे के अंदर पुलिस रिपोर्ट कोर्ट को समर्पित करने, 30 दिनों के अंदर चार्जसीट के साथ एडीआर समर्पित करने के बारे में बताया गया है. उन्होंने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण मोटर दुर्घटना के मामले में दावाकर्ता को मुआवजा राशि नहीं मिल पाती थी. उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय की ओर से दुर्घटना को लेकर नए नियम कानून बनाए गए हैं. ट्रिब्यूनल का भी गठन किया गया है ताकि दावा कर्ता को समय सीमा के अंदर मुआवजा राशि भुगतान हो सके.