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पाकुड़ः विधिक सेवा प्राधिकार ने किया कार्यशाला का आयोजन, मोटर दुर्घटना के आश्रितों को मिलेगा त्वरित न्याय - पाकुड़ में वाहन दुर्घटना को लेकर जागरुकता अभियान

पाकुड़ के व्यवहार न्यायालय के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मौजूद पुलिस पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अधिवक्ताओं को कार्यशाला के उद्देश्य, पीड़ित और आश्रितों को मिलने वाले लाभ पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ने विस्तार से प्रकाश डाला.

पाकुड़ः विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से कार्यशाला का आयोजन, मोटर दुर्घटना के आश्रितों को मिलेगा त्वरित न्याय
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Published : Feb 10, 2020, 5:03 PM IST

पाकुड़: व्यवहार न्यायालय के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मुख्य रूप से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओमप्रकाश पांडेय मौजूद रहे.

देखें पूरी खबर

और पढ़ें- हजारीबाग में 10वीं और 11वीं सदी के कई ऐतिहासिक धरोहर मिले, प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया महत्व

दुर्घटना को लेकर नए नियम

कार्यशाला में मौजूद पुलिस पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अधिवक्ताओं को कार्यशाला के उद्देश्य, पीड़ित और आश्रितों को मिलने वाले लाभ के बारे में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ने विस्तार से जानकारी दी. कार्यशाला की जानकारी देते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओमप्रकाश पांडेय ने बताया कि इसमें बतौर प्रतिभागी अधिवक्ता, पुलिस पदाधिकारी, अनुसंधानकर्ता और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को दुर्घटनाओं को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से ट्यूनल गठन की जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि तय समय सीमा के अंदर दुर्घटना के मामलों का अनुसंधान करने, प्रपत्र ए, बी और सी को सही तरीके से भरने, दुर्घटना के 48 घंटे के अंदर पुलिस रिपोर्ट कोर्ट को समर्पित करने, 30 दिनों के अंदर चार्जसीट के साथ एडीआर समर्पित करने के बारे में बताया गया है. उन्होंने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण मोटर दुर्घटना के मामले में दावाकर्ता को मुआवजा राशि नहीं मिल पाती थी. उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय की ओर से दुर्घटना को लेकर नए नियम कानून बनाए गए हैं. ट्रिब्यूनल का भी गठन किया गया है ताकि दावा कर्ता को समय सीमा के अंदर मुआवजा राशि भुगतान हो सके.

पाकुड़: व्यवहार न्यायालय के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मुख्य रूप से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओमप्रकाश पांडेय मौजूद रहे.

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दुर्घटना को लेकर नए नियम

कार्यशाला में मौजूद पुलिस पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अधिवक्ताओं को कार्यशाला के उद्देश्य, पीड़ित और आश्रितों को मिलने वाले लाभ के बारे में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ने विस्तार से जानकारी दी. कार्यशाला की जानकारी देते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओमप्रकाश पांडेय ने बताया कि इसमें बतौर प्रतिभागी अधिवक्ता, पुलिस पदाधिकारी, अनुसंधानकर्ता और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को दुर्घटनाओं को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से ट्यूनल गठन की जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि तय समय सीमा के अंदर दुर्घटना के मामलों का अनुसंधान करने, प्रपत्र ए, बी और सी को सही तरीके से भरने, दुर्घटना के 48 घंटे के अंदर पुलिस रिपोर्ट कोर्ट को समर्पित करने, 30 दिनों के अंदर चार्जसीट के साथ एडीआर समर्पित करने के बारे में बताया गया है. उन्होंने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण मोटर दुर्घटना के मामले में दावाकर्ता को मुआवजा राशि नहीं मिल पाती थी. उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय की ओर से दुर्घटना को लेकर नए नियम कानून बनाए गए हैं. ट्रिब्यूनल का भी गठन किया गया है ताकि दावा कर्ता को समय सीमा के अंदर मुआवजा राशि भुगतान हो सके.

Intro:बाइट : मिथिलेश कुमार, डीएसपी, पाकुड़
बाइट : ओमप्रकाश पांडेय, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश

पाकुड़ : व्यवहार न्यायालय के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में मुख्य रूप से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओमप्रकाश पांडेय मौजूद थे।


Body:कार्यशाला में मौजूद पुलिस पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अधिवक्ताओ को कार्यशाला के उद्देश्य, पीड़ित व आश्रितों को मिलने वाले लाभ के बारे में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री पांडेय ने विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यशाला की जानकारी देते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री पांडेय ने बताया कि कार्यशाला में बतौर प्रतिभागी अधिवक्ता, पुलिस पदाधिकारी, अनुसंधानकर्ता एवं बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को दुर्घटनाओं बाद को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा ट्यूनल गठन की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि कई समय सीमा के अंदर दुर्घटना के मामलों का अनुसंधान करने प्रपत्र ए, बी और सी को सही तरीके से भरने, दुर्घटना के 48 घंटे के अंदर पुलिस रिपोर्ट कोर्ट को समर्पित करने, 30 दिनों के अंदर चार्जसीट के साथ एडीआर समर्पित करने के बारे में बताया गया है।उन्होंने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण मोटर दुर्घटना के मामले में दावाकर्ता को मुआवजा राशि नहीं मिल पाता था। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मोटर दुर्घटना को लेकर नए नियम कानून बनाए हैं ट्रिब्यूनल का भी गठन किया गया है ताकि दावा करता को समय सीमा के अंदर मुआवजा राशि भुगतान दिलाया जा सके।


Conclusion:वही, मुख्यालय डीएसपी संजय कुमार ने भी कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और मोटर दुर्घटना मामले में पुलिस पदाधिकारियों एवं अनुसंधानकर्ताओ के दायित्व और जवाबदेही की जानकारी दी।
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