पाकुड़: प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने के दौरान उनका खाना-पानी सहित अन्य सुविधाएं बहाल किए जाने का शासन प्रशासन का दावा खोखला साबित हो रहा है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुविधाए नहीं मिलने के कारण दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूर ताला तोड़कर नहाने और शौच करने के लिए भागने को मजबूर हो रहे हैं. ऐसा ही कुछ हुआ जिले के सदर प्रखंड के कालीदासपुर पंचायत अंतर्गत कासिला के माॅडल स्कूल में बनाये गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में.
जाानकारी के अनुसार 15 मई को हैदराबाद से सैकड़ों प्रवासी मजदूर पाकुड़ लाए गए थे. जिले के सदर प्रखंड के झिकरहट्टी के पूर्वी और पश्चिमी पंचायत, उदयनारायणपुर, सीतेशनगर, जयकिष्टोपुर, पृथ्वीनगर के अलावा महेशपुर प्रखंड के देवीनगर और अमड़ापाड़ा के 218 प्रवासी मजदूरों का थर्मल स्कैनिंग के बाद कासिला माॅडल स्कूल जिसे क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है वहां रखा गया. जब इन मजदूरों के लिए शौच या स्नान करने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की गई थी. शौच और स्नान करने के लिए सभी मजदूरों ने मिलकर सेंटर में लगाए गए ताला को तोड़ा और खुले मैदान में शौच करने चले गए.
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मामले की जानकारी मिलने के बाद आनन-फानन में सदर बीडीओ संतोष कुमार प्रजापति, सीओ आलोक वरण केशरी, पुलिस निरीक्षक मुफसिल अभय शंकर अपने दल बल के साथ क्वॉरेंटाइन सेंटर पर पहुंचे, जिसके बाद सेंटर का ताला तोड़कर शौच और स्नान करने गए मजदूरों को ढुंढ कर वापस लाया गया. इधर सूचना मिलते ही एसपी मणिलाल मंडल भी माॅडल स्कूल पहुंचे. अधिकारियों ने माॅडल स्कूल के खराब पड़े मोटर को दुरूस्त कराया. अधिकारियों ने प्रवासी मजदूरों को किसी प्रकार की समस्या होने पर फोन करने की अपील की है.
डीसी कुलदीप चैधरी ने फोन पर बताया कि 15 मई को 160 प्रवासी मजदूर के आने की सूचना रेलवे ने दिया था, 216 प्रवासी मजदूर यहां आ गए हैं, जिसमें पाकुड़िया और महेशपुर के भी लोग भी शामिल हैं. डीसी ने बताया कि रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार क्वॉरेंटाइन सेंटर का चयन किया था. देर रात हो जाने के कारण सभी मजदूरों को एक ही स्थान पर रखा गया और पाकुड़िया और महेशपुर प्रखंड के मजदूर हो हल्ला करने लगे. उन्होंने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराई गई है.