पाकुड़: जिला में पत्थर उद्योग (stone business in Pakur) से जुड़े कारोबारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकाल के लिए पत्थर इकाईयां बंद कर दी गयी है. काफी मान मनौवल में असफल होने के बाद डैमेज कंट्रोल में प्रशासन जुट गया है. क्योंकि यह कारोबार सरकार को करोड़ों अरबों रुपये का राजस्व देने के साथ-साथ हजारों मजदूरों को रोजगार भी मुहैया कराता है.
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12 अगस्त से ही जिला के पत्थर कारोबारियों ने अफसरशाही के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. कारोबार को बेमियादी बंद (stone business closed indefinitely) करने के बाद प्रशासन का पत्थर व्यवसायियों के साथ वार्ता का दौर शुरू हो गया है. लेकिन आंदोलन में शामिल पत्थर व्यवसायी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. अनिश्चितकालीन पत्थर इकाईयों को बंद करने के बाद मजदूरों के समक्ष रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गयी है तो शासन प्रशासन के सामने राजस्व के घाटे का डर सता रहा है.
जिला के खनन पट्टाधारियों एवं क्रशर मालिकों द्वारा पत्थरों का उत्खनन, प्रेषण कार्य बंद (Traders closed stone business) करने की वजह से पत्थर औद्योगिक क्षेत्र मालपहाड़ी, पीपलजोड़ी, बासमाता, चेंगाडांगा, कान्हुपुर, कालीदासपुर, कशिला, खक्सा, चांदपुर, सुंदरापहाड़ी, गोलपुर, सीतपहाड़ी, मानसिंहपुर, फतेहपुर, महारो, चौड़ामोड़ जैसे स्थानों में कारोबार अनिश्चितकालीन पत्थर इकाईयों को बंद कर देने के कारण वीरानी छा गयी है. पत्थर व्यवसायी संघ के आह्वान पर अनिश्चितकालिन बंद की वजह से रेल मार्ग के जरिए पत्थरों का परिवहन भी प्रभावित हुआ है. अपनी अपनी इकाईयों को अनिश्चितकालीन बंद करने वाले पत्थर व्यवसायी समय पर माइनिंग चलान मुहैया कराने, सीटीओ एवं ईसी प्रमाण पत्र निर्गत करने में लेट लतीफी व्यवस्था में सुधार करने, अहर्ता पूरी करने वाले व्यवसायियों को समय पर खनन पट्टा निर्गत करने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं.
हालांकि प्रशासन द्वारा पत्थर व्यवसायियों के साथ प्रथम चरण की वार्ता हुई लेकिन वह बेनतीजा रही. प्रशासन पत्थर व्यवसायियों की समस्याओं को दूर करने के साथ पत्थर कारोबार को वैध तरीके से संचालित कराने को लेकर डैमेज कंट्रोल में जुटा हुआ है. पत्थर कारोबारियों द्वारा कारोबार बंद करने के बाद शुक्रवार को अधिकारियों ने व्यवसायियों के साथ बैठक की और उनकी समस्याओं को जाना लेकिन कारोबारी इतने आक्रोशित थे कि बैठक के दौरान जिला खनन पदाधिकारी, खान निरीक्षक एवं एसडीओ को खरी-खोटी सुनाई और जमकर हो-हल्ला किया. वो लगातार मांग करते नजर आए कि अफसरशाही बंद हो, व्यवसायियों को बेवजह परेशान नहीं करें, समय पर माइनिंग चलान के अलावा ईसी, सीटीओ निर्गत करने की मांग की.
पत्थर व्यवसायियों ने बताया कि जबतक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता कारोबार बंद रहेगा. वहीं एसडीओ हरिवंश पंडित ने कहा कि पत्थर व्यवसायियों की समस्याओं को सुना गया और खनन विभाग को यह निर्देश दिया गया कि जिनका उद्योग वैध तरीके से चल रहा है, उसे 48 घंटे के अंदर माइनिंग चलान निर्गत करें और जिनको कोई दिक्कत है उसका मिलकर समाधान करें. उन्होंने कहा कि अन्य समस्याओं को लेकर वरीय पदाधिकारियों के संज्ञान में दिया जाएगा.