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लोगों के मनोरंजन की प्रशासन को नहीं है कोई चिंता, सिदो कान्हू मुर्मू पार्क डेढ़ महीने से बंद

असामाजिक तत्वों द्वारा प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने के डेढ़ महीने बाद भी सिदो कान्हू पार्क का ताला नहीं खुला है. इससे लोगों का मनोरंजन भी डेढ़ महीने से बंद है. प्रशासन को भी इसकी कोई चिंता नहीं है.

Sido Kanhu Murmu Park
Sido Kanhu Murmu Park
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Published : Jul 1, 2023, 10:06 AM IST

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पाकुड़: सिदो कान्हू मुर्मू पार्क में पाकुड़ ही नहीं बल्कि निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से आने वाले लोगों का भी मनोरंजन होता था. लेकिन इन दिनों यह पार्क पावर और प्रतिष्ठा की भेंट चढ़ गया है. यही वजह है कि लाखों रुपये सालाना राजस्व देने वाले इस पार्क का ताला बीते डेढ़ माह से बंद है और लोगो को मनोरंजन का मौका नहीं मिल पा रहा है.

यह भी पढ़ें: Hool Diwas in Jharkhand: हूल दिवस पर शहीदों को सीएम ने किया नमन, साहिबगंज जिला को दी योजनाओं की सौगात

सिदो कान्हू मुर्मू पार्क में लोग मनोरंजन के अलावा ऐतिहासिक धरोहर मार्टिलो टावर और संथाल हूल के नायक शहीद सिदो कान्हू और चांद भैरव के दर्शन करने से भी वंचित हैं. क्योंकि प्रशासन पार्क के मुख्य गेट पर लगा ताला खुलवाने में सक्षम साबित नहीं हो रहा है. लिहाजा लोगों को पार्क में जाने और मार्टिलो टावर और शहीदों की प्रतिमा का दर्शन करने का अवसर नहीं मिल पा रहा.

आधा दर्जन से ज्यादा बार हो चुकी है बैठक: प्रशासन ने इस पार्क के मुख्य द्वार का ताला खुलवाने के लिए अब तब आधा दर्जन बार बैठक कर मामले को सुलझाने का भरपूर प्रयास किया है. लेकिन एक पक्ष अपनी इस जिद पर अड़ा हुआ है कि पार्क के संवेदक को हटाये बिना इसे खोलने नहीं दिया जाएगा. प्रतिष्ठा और पावर की भेंट चढ़ने के कारण सिदो कान्हू मुर्मू पार्क की सार्थकता सही साबित नहीं हो रही है.

क्या है विवाद: बीते डेढ़ माह पहले इस पार्क में स्थापित सिदो कान्हू में से एक की प्रतिमा को असमाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. मामले की जानकारी मिलते ही आदिवासी संगठनों के समर्थकों और कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने चक्का जाम कर दिया और सिदो कान्हू मुर्मू के वंशज मंडल मुर्मू ने अनिश्चितकालिन तालाबंदी कर दी. तालाबंदी के निर्णय में छात्र नेता कमल मुर्मू के अलावा आदिवासी समाज के मार्क बास्की, मुखिया विकास गौंड, रामसिंह टुडू सहित दर्जनों लोगों ने क्षतिग्रस्त प्रतिमा को दुरुस्त करने, पीतल की नयी प्रतिमा लगाने और प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने के मामले में संवेदक को दोषी मानते हुए उनकी संविदा रद्द करने के बाद ही पार्क का ताला खोलने की बात प्रशासन के समक्ष कही थी.

प्रतिमा की कराई गई मरम्मत: बैठकों के उपरांत हूल दिवस के मौके पर पार्क को खोलने का निर्णय लिया गया था. प्रशासन ने आदिवासी संगठनों और छात्र-छात्राओं के प्रतिनिधि द्वारा रखी गयी शर्तों के मुताबिक क्षतिग्रस्त प्रतिमा की मरम्मती भी करायी, सीसीटीवी कैमरा लगाया गया और पीतल की नयी प्रतिमा के निर्माण के आदेश भी दिये गये. लेकिन अब तक सिदो कान्हू मुर्मू पार्क का ताला हुल दिवस को छोड़कर आमजनों के लिए नहीं खोला गया है.

अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी: संवेदक शंभु नंदन का कहना है कि प्रतिमा क्षतिग्रस्त किये जाने के मामले को लेकर नगर थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. उन्होंने बताया कि बीते 12 मई से पार्क में तालाबंदी कर दिये जाने के कारण प्रतिदिन 15 हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि नगर परिषद और जिला प्रशासन को पार्क खुलवाने के लिए आवेदन दिया गया. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

वहीं, डीसी वरूण रंजन ने बीते डेढ़ माह से बंद पड़े पार्क को लेकर कहा कि आदिवासी संगठनो के प्रतिनिधियों द्वारा किए गए डिमांड को पूरा कर दिया गया है. कुछ बिंदुओं पर विभाग से राय मांगी गयी है. साथ ही एसडीओ को संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर समस्या का हल निकालने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि नगर परिषद में हुई खुली डाक में सिदो कान्हू मुर्मू पार्क के लिए सर्वाधिक 28 लाख 50 हजार की बोली लगाने वाले शंभु नंदन कुमार के साथ एकरारनामा किया गया है.

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पाकुड़: सिदो कान्हू मुर्मू पार्क में पाकुड़ ही नहीं बल्कि निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से आने वाले लोगों का भी मनोरंजन होता था. लेकिन इन दिनों यह पार्क पावर और प्रतिष्ठा की भेंट चढ़ गया है. यही वजह है कि लाखों रुपये सालाना राजस्व देने वाले इस पार्क का ताला बीते डेढ़ माह से बंद है और लोगो को मनोरंजन का मौका नहीं मिल पा रहा है.

यह भी पढ़ें: Hool Diwas in Jharkhand: हूल दिवस पर शहीदों को सीएम ने किया नमन, साहिबगंज जिला को दी योजनाओं की सौगात

सिदो कान्हू मुर्मू पार्क में लोग मनोरंजन के अलावा ऐतिहासिक धरोहर मार्टिलो टावर और संथाल हूल के नायक शहीद सिदो कान्हू और चांद भैरव के दर्शन करने से भी वंचित हैं. क्योंकि प्रशासन पार्क के मुख्य गेट पर लगा ताला खुलवाने में सक्षम साबित नहीं हो रहा है. लिहाजा लोगों को पार्क में जाने और मार्टिलो टावर और शहीदों की प्रतिमा का दर्शन करने का अवसर नहीं मिल पा रहा.

आधा दर्जन से ज्यादा बार हो चुकी है बैठक: प्रशासन ने इस पार्क के मुख्य द्वार का ताला खुलवाने के लिए अब तब आधा दर्जन बार बैठक कर मामले को सुलझाने का भरपूर प्रयास किया है. लेकिन एक पक्ष अपनी इस जिद पर अड़ा हुआ है कि पार्क के संवेदक को हटाये बिना इसे खोलने नहीं दिया जाएगा. प्रतिष्ठा और पावर की भेंट चढ़ने के कारण सिदो कान्हू मुर्मू पार्क की सार्थकता सही साबित नहीं हो रही है.

क्या है विवाद: बीते डेढ़ माह पहले इस पार्क में स्थापित सिदो कान्हू में से एक की प्रतिमा को असमाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. मामले की जानकारी मिलते ही आदिवासी संगठनों के समर्थकों और कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने चक्का जाम कर दिया और सिदो कान्हू मुर्मू के वंशज मंडल मुर्मू ने अनिश्चितकालिन तालाबंदी कर दी. तालाबंदी के निर्णय में छात्र नेता कमल मुर्मू के अलावा आदिवासी समाज के मार्क बास्की, मुखिया विकास गौंड, रामसिंह टुडू सहित दर्जनों लोगों ने क्षतिग्रस्त प्रतिमा को दुरुस्त करने, पीतल की नयी प्रतिमा लगाने और प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने के मामले में संवेदक को दोषी मानते हुए उनकी संविदा रद्द करने के बाद ही पार्क का ताला खोलने की बात प्रशासन के समक्ष कही थी.

प्रतिमा की कराई गई मरम्मत: बैठकों के उपरांत हूल दिवस के मौके पर पार्क को खोलने का निर्णय लिया गया था. प्रशासन ने आदिवासी संगठनों और छात्र-छात्राओं के प्रतिनिधि द्वारा रखी गयी शर्तों के मुताबिक क्षतिग्रस्त प्रतिमा की मरम्मती भी करायी, सीसीटीवी कैमरा लगाया गया और पीतल की नयी प्रतिमा के निर्माण के आदेश भी दिये गये. लेकिन अब तक सिदो कान्हू मुर्मू पार्क का ताला हुल दिवस को छोड़कर आमजनों के लिए नहीं खोला गया है.

अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी: संवेदक शंभु नंदन का कहना है कि प्रतिमा क्षतिग्रस्त किये जाने के मामले को लेकर नगर थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. उन्होंने बताया कि बीते 12 मई से पार्क में तालाबंदी कर दिये जाने के कारण प्रतिदिन 15 हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि नगर परिषद और जिला प्रशासन को पार्क खुलवाने के लिए आवेदन दिया गया. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

वहीं, डीसी वरूण रंजन ने बीते डेढ़ माह से बंद पड़े पार्क को लेकर कहा कि आदिवासी संगठनो के प्रतिनिधियों द्वारा किए गए डिमांड को पूरा कर दिया गया है. कुछ बिंदुओं पर विभाग से राय मांगी गयी है. साथ ही एसडीओ को संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर समस्या का हल निकालने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि नगर परिषद में हुई खुली डाक में सिदो कान्हू मुर्मू पार्क के लिए सर्वाधिक 28 लाख 50 हजार की बोली लगाने वाले शंभु नंदन कुमार के साथ एकरारनामा किया गया है.

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