पाकुड़: मकर संक्रांति त्योहार के मौके पर पाकुड़िया प्रखंड के शीतपुर गरम कुंड एवं हिरणपुर प्रखंड के रानीपुर स्थित परगला नदी में स्नान ध्यान एवं पूजा करने हजारों की संख्या में सफाहोड़ आदिवासी श्रद्धालु पहुंचे. श्रद्धालुओं ने गरम कुंड एवं परगला नदी में स्नान किया और भगवान शिव पार्वती, सीता राम, भगवान सुर्य एवं स्थापित देवी देवताओं की पूजा अर्चना की और अपने परिवार एवं समाज के लोगों के सुख समृद्धि की कामना की.
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पाकुड़िया प्रखंड के शीतपुर गरम कुंड में स्नान ध्यान एवं पूजा अर्चना के लिए पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम पुलिस प्रशासन द्वारा किया गया था. थाना प्रभारी अभिषेक कुमार राय पुरी टीम के साथ शीतपुर गरम कुंड मेला स्थल पर तैनात रहे. सफाहोड़ आदिवासियों ने पहले गरम कुंड में स्नान किया और पारंपरिक रीति रिवाज से देवी देवताओं की पूजा अर्चना की एवं पुरोहितो एवं पुरखा बाबा को दान भी दिया. गरम कुंड मेला के मौके पर स्नान एवं पूजा अर्चना करने पहुंचे झारखंड राज्य के कई जिलो के अलावे बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम, मध्य प्रदेश से भी श्रद्धालु पहुंचे. मेला स्थल पर लगे फल, मिठाई, बर्तन, खिलौने, आभूषण की दुकानों में जमकर लोगों ने खरीददारी की. मेला में पहुंचे लोगों ने मेला स्थल में लगाये गये मनोरंजन के साधनों का भी घंटों आनंद उठाया. पूरा शीतपुर गरम कुंड स्थल श्रद्धालुओं की भीड़ से दिनभर पटा रहा. वहीं हिरणपुर प्रखंड के परगला नदी में खासकर सफाहोड़ आदिवासी स्नान ध्यान करने पहुंचे. यहां मेला का भी आयोजन किया गया. मेला समिति द्वारा सफाहोड़ पुरखा बाबा को सम्मानित भी किया गया.
पुरखा बाबा देव सोरेन ने बताया कि शीतपुर गरम कुंड ने स्नान करने एवं इष्ट देवता की पूजा अर्चना करने देश के झारखंड के पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, दुमका के अलावे असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित नेपाल से हजारों खासकर सफहोड़ आदिवासी श्रद्धालू पहुंचते हैं और यहां पूजा अर्चना करते हैं. पुरखा बाबा ने बताया कि इस गरम कुंड में स्नान ध्यान करने से सुख समृद्धि तो मिलती ही है साथ साथ चर्म रोग सहित कई अन्य बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं. उन्होंने बताया कि हजारों साल से यहां पूजा अर्चना होती है. उन्होंने बताया कि इस मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालु साफ सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं जबकि यहां मांस, मछली व नशापान का सेवन कोई नहीं करता है.