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Ganga Water In Pakur: पाकुड़ में पेयजल की समस्या का जल्द होगा समाधान, गंगा के पानी से बुझेगी ग्रामीणों की प्यास

पाकुड़ के चार प्रखंडों में जल्द पानी की समस्या दूर होगी. गंगाजल से इन चार प्रखंड के लोगों की प्यास बुझेगी. इसके तहत युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. पहले फेज में दो प्रखंडों में ट्रायल होगा. ट्रायल सफल हो जाने के बाद बाकी के दो प्रखंडों में काम शुरू होगा.

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Ganga Water Will supply In Four Blocks Of Pakur
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Published : Mar 12, 2023, 12:14 PM IST

पाकुड़: जिले के ग्रामीण इलाकों के लोगों की प्यास अब गंगाजल से बुझेगी. इसके लिए लोगों को अब ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. शासन-प्रशासन ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल योजना पर काम शुरू कर दिया है. तीन वर्ष के अंदर ग्रामीणों के घरों तक पीने का शुद्ध पानी पाइप लाइन से पहुंचने लगेगा.

ये भी पढे़ं-Pakur Water Treatment Plant: दो प्रखंडों के लोगों को मिलेगा गंगा का शुद्ध पेयजल, मंत्री ने किया निर्माण कार्य का निरीक्षण

एल एंड टी कंपनी ने युद्धस्तर पर किया काम किया शुरूः इस मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का शिलान्यास बीते दिनों राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था. इसके बाद योजना को पूरा कराने के लिए एल एंड टी कंपनी ने पाकुड़ सदर प्रखंड के पोखरिया गांव में युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है. इस मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का लाभ पाकुड़ के ग्रामीण क्षेत्र के अलावे हिरणपुर, महेशपुर और पाकुड़िया प्रखंड के लाखों ग्रामीणों को मिलेगा.

पहले पाकुड़ ग्रामीण क्षेत्र और हिरणपुर प्रखंड के लोगों को मिलेगा लाभः मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत सबसे पहले पाकुड़ ग्रामीण और हिरणपुर प्रखंड के लोगों को लाभ मिलेगा. जैसे ही यह योजना पाकुड़ ग्रामीण क्षेत्र और हिरणपुर प्रखंड में सफल होगी, इसका विस्तार महेशपुर वाया शहरग्राम में किया जाएगा. इसके बाद पाकुड़िया प्रखंड में इस योजना पर काम किया जाएगा.

पोखरिया गांव में लगाया जाएगा ट्रीटमेंट प्लांटः वर्तमान में पाकुड़ और हिरणपुर प्रखंड के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए एल एंड टी कंपनी ने पोखरिया गांव में 42.0 एमएलडी ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू कर दिया है. राजमहल गंगा से पाइपलाइन के जरिए पोखरिया गांव में पानी को स्टोर किया जाएगा और ट्रीटमेंट किया जाएगा. पानी को पीने योग्य बनाकर पाइप लाइन के जरिए घर-घर गंगा जल की सप्लाई की जाएगी.

पाकुड़ और हिरणपुर की साढ़े चार लाख से अधिक की आबादी को मिलेगा लाभः 266.91 करोड़ की राशि से बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के चालू होने से पाकुड़ और हिरणपुर प्रखंड के लगभग चार लाख, 57 हजार, 100 आबादी की प्यास बुझायी जाएगी. मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के चालू होते ही जिले के वैसे लोगों के चेहरे में खुशी देखी जा रही है, जो शुद्ध पेयजल के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर पानी ढो कर लाते हैं.

गर्मी के लिए बंद पड़े खदानों में पानी स्टोर कर रखा जाएगाः पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मुताबिक गर्मी के मौसम में गंगा में जलस्तर घट जाने के कारण पाइपलाइन से पानी लाना संभव नहीं हो पाएगा और इससे निपटने के लिए पाकुड़ प्रखंड के मालपहाड़ी पत्थर औद्योगिक क्षेत्र में वर्षों से बंद पड़े खदानों में गर्मी का मौसम आने से पहले पानी को स्टोर कर रखा जाएगा और जैसे ही गंगा का पानी आना बंद होगा, पत्थर खदान में स्टोर पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जाएगा और फिर सप्लाई फिल्टर कर सप्लाई की जाएगी.

पाकुड़ के चार प्रखंडों में पेयजल की है घोर समस्याः बता दें कि पाकुड़ जिले के इन चार प्रखंडों में पेयजल की घोर समस्या है और शुद्ध पेयजल के लिए खासकर गर्मी के मौसम में हाहाकार मच जाता है. कई बार तो ग्रामीण शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए हड़िया, बर्तन, बाल्टी और ड्रम लेकर सड़क जाम करने को मजबूर हो जाते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए समाजसेवी, राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता वर्षों से पेयजल की समस्या के समाधान को लेकर आवाज भी बुलंद करते आ रहे हैं. इस योजना के चालू होने से अब लोगों में यह आस जगी है कि अब कुछ दिनों बाद समस्या का समाधान होगा और खासकर गर्मी के मौसम में पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा.

पाकुड़: जिले के ग्रामीण इलाकों के लोगों की प्यास अब गंगाजल से बुझेगी. इसके लिए लोगों को अब ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. शासन-प्रशासन ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल योजना पर काम शुरू कर दिया है. तीन वर्ष के अंदर ग्रामीणों के घरों तक पीने का शुद्ध पानी पाइप लाइन से पहुंचने लगेगा.

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एल एंड टी कंपनी ने युद्धस्तर पर किया काम किया शुरूः इस मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का शिलान्यास बीते दिनों राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था. इसके बाद योजना को पूरा कराने के लिए एल एंड टी कंपनी ने पाकुड़ सदर प्रखंड के पोखरिया गांव में युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है. इस मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का लाभ पाकुड़ के ग्रामीण क्षेत्र के अलावे हिरणपुर, महेशपुर और पाकुड़िया प्रखंड के लाखों ग्रामीणों को मिलेगा.

पहले पाकुड़ ग्रामीण क्षेत्र और हिरणपुर प्रखंड के लोगों को मिलेगा लाभः मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत सबसे पहले पाकुड़ ग्रामीण और हिरणपुर प्रखंड के लोगों को लाभ मिलेगा. जैसे ही यह योजना पाकुड़ ग्रामीण क्षेत्र और हिरणपुर प्रखंड में सफल होगी, इसका विस्तार महेशपुर वाया शहरग्राम में किया जाएगा. इसके बाद पाकुड़िया प्रखंड में इस योजना पर काम किया जाएगा.

पोखरिया गांव में लगाया जाएगा ट्रीटमेंट प्लांटः वर्तमान में पाकुड़ और हिरणपुर प्रखंड के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए एल एंड टी कंपनी ने पोखरिया गांव में 42.0 एमएलडी ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू कर दिया है. राजमहल गंगा से पाइपलाइन के जरिए पोखरिया गांव में पानी को स्टोर किया जाएगा और ट्रीटमेंट किया जाएगा. पानी को पीने योग्य बनाकर पाइप लाइन के जरिए घर-घर गंगा जल की सप्लाई की जाएगी.

पाकुड़ और हिरणपुर की साढ़े चार लाख से अधिक की आबादी को मिलेगा लाभः 266.91 करोड़ की राशि से बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के चालू होने से पाकुड़ और हिरणपुर प्रखंड के लगभग चार लाख, 57 हजार, 100 आबादी की प्यास बुझायी जाएगी. मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के चालू होते ही जिले के वैसे लोगों के चेहरे में खुशी देखी जा रही है, जो शुद्ध पेयजल के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर पानी ढो कर लाते हैं.

गर्मी के लिए बंद पड़े खदानों में पानी स्टोर कर रखा जाएगाः पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मुताबिक गर्मी के मौसम में गंगा में जलस्तर घट जाने के कारण पाइपलाइन से पानी लाना संभव नहीं हो पाएगा और इससे निपटने के लिए पाकुड़ प्रखंड के मालपहाड़ी पत्थर औद्योगिक क्षेत्र में वर्षों से बंद पड़े खदानों में गर्मी का मौसम आने से पहले पानी को स्टोर कर रखा जाएगा और जैसे ही गंगा का पानी आना बंद होगा, पत्थर खदान में स्टोर पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जाएगा और फिर सप्लाई फिल्टर कर सप्लाई की जाएगी.

पाकुड़ के चार प्रखंडों में पेयजल की है घोर समस्याः बता दें कि पाकुड़ जिले के इन चार प्रखंडों में पेयजल की घोर समस्या है और शुद्ध पेयजल के लिए खासकर गर्मी के मौसम में हाहाकार मच जाता है. कई बार तो ग्रामीण शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए हड़िया, बर्तन, बाल्टी और ड्रम लेकर सड़क जाम करने को मजबूर हो जाते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए समाजसेवी, राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता वर्षों से पेयजल की समस्या के समाधान को लेकर आवाज भी बुलंद करते आ रहे हैं. इस योजना के चालू होने से अब लोगों में यह आस जगी है कि अब कुछ दिनों बाद समस्या का समाधान होगा और खासकर गर्मी के मौसम में पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा.

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