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राजमहल सांसद के डेंगू की चपेट में आते ही स्वास्थ्य विभाग की खुली नींद, सिविल सर्जन ने दिए ये सुझाव

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Published : Aug 26, 2019, 8:51 PM IST

Updated : Aug 26, 2019, 11:21 PM IST

राजमहल के सांसद विजय हांसदा डेंगू के बीमारी से जुझ रहें हैं, जिसके बाद पाकुड़ स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ एसएन झा ने प्रेस से बात करते हुए बताया कि कहीं भी पानी का जमाव नहीं होने दें.

सिविल सर्जन डा. एसएन झा ने प्रेस से बात करते हुए

पाकुड़: राजमहल से झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद विजय हांसदा डेंगू बीमारी की चपेट में है, ये सुनते ही पाकुड़ जिला के स्वास्थय विभाग के कान खड़े हो गए हैं. सोमवार को सिविल सर्जन डॉ एसएन झा ने अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकार सम्मेलन कर, डेंगू से बचने की जानकारी दी. सिविल सर्जन डा. झा ने बताया कि मुख्यतः मच्छर काटने से डेंगू बीमारी की चपेट में लोग आते हैं. इससे बचने के लिए घर के आसपास किसी भी प्रकार के पानी को जमने नहीं दें और खासकर टंकी, फुल के गमले, कुलर, फ्रीज आदि से निकलने वाले पानी को किसी हाल में ठहरने नहीं दें.

देखें पूरी खबर


डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण अचानक तेज बुखार आना, सिर दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, छाती और हाथों में खसरा जैसे चकते दाने का निकलना, मसुड़ों से खून आना, भोजन में अरूची, भूख नहीं लगना आदि लक्षण देखने को मिलता है.
सिविल सर्जन डॉ झा से पूछे गए सवाल पर कहा कि पाकुड़ में डेंगू की जांच के लिए सैम्पल धनबाद या रांची भेजना पड़ता है. वहीं यदि किसी मरीज के शरीर में प्लेटलेट घट जाए तो इसके लिए भी उन्हें धनबाद या रांची रेफर करना पड़ता है. सिविल सर्जन ने बताया कि पाकुड़ जिले में इस साल एक भी डेंगू का मरीज नहीं पाया गया है.


शनिवार से बीमार थे सांसद
दो दिन पहले झामुमो सांसद विजय हांसदा को तेज बुखार और बदन दर्द की शिकायत हुई. उन्होने सदर अस्पताल के डॉ अमित कुमार से अपना इलाज करवाया. डॉक्टर ने विजय हांसदा को रक्त जांच की सलाह दी. सांसद हांसदा के रक्त जांच के दौरान पता चला कि उनका प्लेटलेट काउंट 90 हजार था और चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रविवार को कोलकाता रेफर कर दिया.

पाकुड़: राजमहल से झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद विजय हांसदा डेंगू बीमारी की चपेट में है, ये सुनते ही पाकुड़ जिला के स्वास्थय विभाग के कान खड़े हो गए हैं. सोमवार को सिविल सर्जन डॉ एसएन झा ने अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकार सम्मेलन कर, डेंगू से बचने की जानकारी दी. सिविल सर्जन डा. झा ने बताया कि मुख्यतः मच्छर काटने से डेंगू बीमारी की चपेट में लोग आते हैं. इससे बचने के लिए घर के आसपास किसी भी प्रकार के पानी को जमने नहीं दें और खासकर टंकी, फुल के गमले, कुलर, फ्रीज आदि से निकलने वाले पानी को किसी हाल में ठहरने नहीं दें.

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डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण अचानक तेज बुखार आना, सिर दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, छाती और हाथों में खसरा जैसे चकते दाने का निकलना, मसुड़ों से खून आना, भोजन में अरूची, भूख नहीं लगना आदि लक्षण देखने को मिलता है.
सिविल सर्जन डॉ झा से पूछे गए सवाल पर कहा कि पाकुड़ में डेंगू की जांच के लिए सैम्पल धनबाद या रांची भेजना पड़ता है. वहीं यदि किसी मरीज के शरीर में प्लेटलेट घट जाए तो इसके लिए भी उन्हें धनबाद या रांची रेफर करना पड़ता है. सिविल सर्जन ने बताया कि पाकुड़ जिले में इस साल एक भी डेंगू का मरीज नहीं पाया गया है.


शनिवार से बीमार थे सांसद
दो दिन पहले झामुमो सांसद विजय हांसदा को तेज बुखार और बदन दर्द की शिकायत हुई. उन्होने सदर अस्पताल के डॉ अमित कुमार से अपना इलाज करवाया. डॉक्टर ने विजय हांसदा को रक्त जांच की सलाह दी. सांसद हांसदा के रक्त जांच के दौरान पता चला कि उनका प्लेटलेट काउंट 90 हजार था और चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रविवार को कोलकाता रेफर कर दिया.

Intro:बाइट : डा. एस एन झा, सिविल सर्जन, पाकुड़

पाकुड़ : झारखंड मुक्ति मोर्चा के राजमहल सांसद विजय हांसदा डेंगु बिमारी की चपेट में सुनते ही पाकुड़ जिले में स्वास्थ विभाग का कान खड़ा हो गया है। सोमवार को सिविल सर्जन डा. एसएन झा ने अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकार सम्मेलन किया और डेंगु बिमारी की चपेट में आने से लोग कैसे अपना बचाव करे की जानकारी दी।


Body:सिविल सर्जन डा. झा ने बताया कि मुख्यतः एडिस मच्छर काटने से डेंगु बिमारी की चपेट में लोग आते है और इससे बचाव के लिए घर के आसपास किसी भी प्रकार के पानी को जमने नही दे और खासकर टंकी, फुल के गमले, कुलर, फ्रीज आदि से निकलने वाले पानी को किसी हाल में ठहरने नही दे। उन्होने बताया कि डेंगु का लक्षण अचानक तेज बुखार आना, सिर दर्द, जोड़ो एवं मांसपेशियो में दर्द, छाती एवं हाथों में खसरा जैसे चकते दाने का निकलना, मसुरे से खुन आना, भोजन में अरूची, भुख न लगना आदि लक्षण देखने को मिलता है। 
सिविल सर्जन डा. झा से पुछे गये सवाल पर कहा कि पाकुड़ में डेंगु का जांच के लिए सैम्पल धनबाद या रांची भेजना पड़ता है। वही यदि किसी मरीज के शरीर में प्लेटलेट घट जाए तो इसके लिए भी उन्हे रेफर करना पड़ता है। सिविल सर्जन ने बताया कि पाकुड़ जिले में इस वर्ष एक भी डेंगु का मरीज नही पाया गया है।


Conclusion:गौरतलब हो कि बिते दो दिन पूर्व झामुमो सांसद विजय हांसदा को तेज बुखार व बदन दर्द की शिकायत पर उन्होने सदर अस्पताल के डा. अमित कुमार से अपना इलाज करवाया था और उन्होने रक्त जांच का सलाह दिया था। सांसद श्री हांसदा का रक्त जांच के दौरान पता चला कि उनका प्लेटलेट काउंट 90 हजार था और चिकित्सको ने उसे बेहतर इलाज के लिए रविवार को कोलकाता रेफर दिया था। इसकी जानकारी सोमवार को सिविल सर्जन को अखबारो एवं चैनलो से मिली और सिविल सर्जन ने एक पत्रकार सम्मेलन किया और डेंगु से बचाव व उसके लक्षण की जानकारी दी।
Last Updated : Aug 26, 2019, 11:21 PM IST
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