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पाकुड़: हड़ताली मनरेगा कर्मियों ने की बैठक, 10 सितंबर की वार्ता को दिया साजिश करार - पाकुड़ में मनरेगा कर्मियों की मांग

पाकुड़ जिले में शनिवार को हड़ताली मनरेगा कर्मियों ने बैठक की है. जहां 10 सितंबर की वार्ता को कर्मचारियों ने साजिश करार दिया है. वहीं अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है.

mnrega workers strike
मनरेगा कर्मियों की हड़ताल
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Published : Sep 12, 2020, 11:46 AM IST

पाकुड़: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने शनिवार को बैठक की है. जहां कर्मचारियों ने जिला शाखा ने बिते 10 सितंबर को ग्रामीण विकास मंत्री के साथ हुई वार्ता को साजिश करार दिया है. साथ ही संघ ने अपने पांच सूत्री मांगों को लेकर अपना आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है.

झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ की बैठक
शनिवार को जिला मुख्यालय के गोकुलपुर आम बगीचा में पाकुड़ जिले के 6 प्रखंडों के हड़ताली मनरेगा कर्मियों की बैठक संघ के जिलाध्यक्ष अजीत कुमार टुडू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सबसे पहले बिते 10 सितंबर को ग्रामीण विकास मंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद हड़ताल को समाप्त करने की घोषणा को साजिश करार दिया गया.

इसे भी पढ़ें-पलामू में नदी-नाला में फर्क करना मुश्किल, प्रदूषित पानी का सेवन करने को मजबूर हैं लोग


आंदोलन तेज करने का निर्णय
बैठक में संघ के जिलाध्यक्ष ने मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायी करने, बर्खास्त किए गए मनरेगा कर्मियों की फिर सेवा बहाल करने, 50 लाख का बीमा कराने और मानदेय में बढ़ोत्तरी करने की मांग बिना पूरा किए हड़ताल खत्म नहीं करने की बात कही. वहीं बैठक में मौजूद हड़ताली मनरेगा कर्मियों ने सरकार की वादाखिलाफी के विरूद्ध अपना आंदोलन आगे और तेज करने का निर्णय लिया.

पाकुड़: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने शनिवार को बैठक की है. जहां कर्मचारियों ने जिला शाखा ने बिते 10 सितंबर को ग्रामीण विकास मंत्री के साथ हुई वार्ता को साजिश करार दिया है. साथ ही संघ ने अपने पांच सूत्री मांगों को लेकर अपना आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है.

झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ की बैठक
शनिवार को जिला मुख्यालय के गोकुलपुर आम बगीचा में पाकुड़ जिले के 6 प्रखंडों के हड़ताली मनरेगा कर्मियों की बैठक संघ के जिलाध्यक्ष अजीत कुमार टुडू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सबसे पहले बिते 10 सितंबर को ग्रामीण विकास मंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद हड़ताल को समाप्त करने की घोषणा को साजिश करार दिया गया.

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बैठक में संघ के जिलाध्यक्ष ने मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायी करने, बर्खास्त किए गए मनरेगा कर्मियों की फिर सेवा बहाल करने, 50 लाख का बीमा कराने और मानदेय में बढ़ोत्तरी करने की मांग बिना पूरा किए हड़ताल खत्म नहीं करने की बात कही. वहीं बैठक में मौजूद हड़ताली मनरेगा कर्मियों ने सरकार की वादाखिलाफी के विरूद्ध अपना आंदोलन आगे और तेज करने का निर्णय लिया.

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