पाकुड़ः जिला में कोल माइंस विस्थापित का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इसको लेकर जेएमएम विधायक ने अपनी सरकार के सिस्टम पर सवाल उठाए हैं. इसको लेकर जेएमएम विधायक पाकुड़ डीसी से मिले हैं और विस्थापितों को मुआवजा और नियोजन समेत उनकी समस्याओं का समाधान करने की मांग की है.
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अपनी सरकार के सिस्टम के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के बोरियो विधायक सह अनुसूचित जाति जनजाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सभापति लोबिन हेंब्रम गुरुवार को पाकुड़ पहुंचे. लोबिन हेंब्रम ने पाकुड़ जिला के अमड़ापाड़ा पचवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लाॅक (Amdapara Pachwara North Coal Block) से प्रभावित रैयतों और विस्थापितों के साथ बैठक की. इसके अलावा कोल कंपनी द्वारा उनके साथ की जा रही नाइंसाफी को लेकर डीसी से मिले. साथ ही विधायक लोबिन हेंब्रम ने कोल कंपनियों पर निशाना साधा है.
विधायक ने कहा कि इन सारी समस्याओं से पाकुड़ डीसी को अवगत करा दिया गया है. यहां जमीन लेने का तरीका क्या है, मुआवजा किस तरह दिया जा रहा है और विस्थापन पर क्या काम चल रहा है. इसको लेकर कंपनी के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था लेकिन वो नहीं आए. झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि कोयला उत्खनन क्षेत्र से प्रभावित लोगों को कोल कंपनी मुआवजा, नौकरी, मुलभूत और बुनियादी सुविधाए मुहैया नहीं करा रहे हैं. उन्होने कहा कि अगर ऐसा ही होता रहा और समस्या का समाधान नहीं किया गया तो प्रशासन और कोयला कंपनी को पानी पिला देंगे. विधायक ने कहा कि वैसे तो भाजपा के शासनकाल से ही अफसरशाही है लेकिन हाल में कुछ ज्यादा अफसरों की मनमानी बढ़ गयी है.
जेएमएम विधायक ने कहा कि हमारे क्षेत्र ललमटिया में कोयला खदान है और इससे प्रभावित रैयतों को नौकरी मिली, विस्थापन का काम चल रहा और उचित मुआवजा भी मिला. लेकिन पाकुड़ जिला में ऐसा नही हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन और कोल कंपनी प्रभावित लोगों को सहयोग नहीं कर रहा है. उन्होने कहा कि हम जमीन देते रहेंगे और नौकरी मुआवजा नहीं मिलेगा, ऐसा कब तक चलेगा. विधायक ने कहा कि हम उसी आदिवासी के वंशज है जिन्होने अंग्रेजों को खदेड़ दिया था तो कोयला कंपनी क्या है. विधायक लोबिन ने कहा कि सिस्टम से काम नहीं चल रहा है, आदिवासी बर्दाश्त कर रहा है अगर इसी तरह चलेगा तो हमें संघर्ष करना होगा.