पाकुड़: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास भले ही अपराध-मुक्त प्रदेश का सपना देख रहे हैं लेकिन सरकार के ही नुमाइंदे इसमें रोड़ा अटका रहे हैं. ताजा मामला पाकुड़ जिले का है जहां मौत की जांच करने पहुंचे ओपी प्रभारी ग्रामीणों से खिदमत करवाते दिखे.
पाकुड़ के रद्धीपुर के सेनपुर गांव में एक दंपति की मौत की जांच करने ओपी क्षेत्र प्रभारी राजकिशोर मिश्रा अपने दलबल के साथ मौका ए वारदात पर पहुंचे थे. यहां तेज धूप में साहेब को पसीने छूटने लगे. फिर क्या था उन्होंने ग्रामीणों का गमझा ही अपने सिर के ऊपर फैलवा लिया ताकि छांव में आराम से काम निपटा सकें. ग्रामीण दोनों तरफ से गमझे को पकड़ कर साहेब को ठंडक का अहसास कराते रहे तब जाकर जांच की खानापूर्ति पूरी हो सकी.
इसके बाद दबी जुबान से लोग इस घटना की निंदा करने लगे. जिसने भी सुना उसके जेहन में ये सवाल जरूर कौंधा कि जो पुलिस चंद मिनटों के लिए धूप सहन नहीं कर सकती है, वह अपराधियों को पीछे भला कैसे भागेगी?
'साहेब' से बर्दाश्त नहीं होती 'गर्मी', सूबे में कैसे होगा क्राइम कंट्रोल?
झारखंड में क्राइम बढ़ता जा रहा है और पुलिस उसे रोकने में नाकाम साबित हो रही है. इसकी एक बड़ी वजह पुलिस का ठीक से काम न करना है. इसका एक उदाहरण पाकुड़ में दिखा जहां हत्या की जांच करने गई पुलिस धूप में थोड़ी देर खड़े होने में ही परेशान हो गई और पुलिस अधिकारी के लिए ग्रामीणों को उनके सिर के उपर गमझा फैलाना पड़ा.
पाकुड़: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास भले ही अपराध-मुक्त प्रदेश का सपना देख रहे हैं लेकिन सरकार के ही नुमाइंदे इसमें रोड़ा अटका रहे हैं. ताजा मामला पाकुड़ जिले का है जहां मौत की जांच करने पहुंचे ओपी प्रभारी ग्रामीणों से खिदमत करवाते दिखे.
पाकुड़ के रद्धीपुर के सेनपुर गांव में एक दंपति की मौत की जांच करने ओपी क्षेत्र प्रभारी राजकिशोर मिश्रा अपने दलबल के साथ मौका ए वारदात पर पहुंचे थे. यहां तेज धूप में साहेब को पसीने छूटने लगे. फिर क्या था उन्होंने ग्रामीणों का गमझा ही अपने सिर के ऊपर फैलवा लिया ताकि छांव में आराम से काम निपटा सकें. ग्रामीण दोनों तरफ से गमझे को पकड़ कर साहेब को ठंडक का अहसास कराते रहे तब जाकर जांच की खानापूर्ति पूरी हो सकी.
इसके बाद दबी जुबान से लोग इस घटना की निंदा करने लगे. जिसने भी सुना उसके जेहन में ये सवाल जरूर कौंधा कि जो पुलिस चंद मिनटों के लिए धूप सहन नहीं कर सकती है, वह अपराधियों को पीछे भला कैसे भागेगी?
पाकुड़: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास भले ही अपराध-मुक्त प्रदेश का सपना देख रहे हैं लेकिन सरकार के ही नुमाइंदे इसमें रोड़ा अटका रहे हैं. ताजा मामला पाकुड़ जिले का है जहां मौत की जांच करने पहुंचे ओपी प्रभारी ग्रामीणों से खिदमत करवाते दिखे.
पाकुड़ के रद्धीपुर के सेनपुर गांव में एक दंपति की मौत की जांच करने ओपी क्षेत्र प्रभारी राजकिशोर मिश्रा अपने दलबल के साथ मौका ए वारदात पर पहुंचे थे. यहां तेज धूप में साहेब को पसीने छूटने लगे. फिर क्या था उन्होंने ग्रामीणों का गमझा ही अपने सिर के ऊपर फैलवा लिया ताकि छांव में आराम से काम निपटा सकें. ग्रामीण दोनों तरफ से गमझे को पकड़ कर साहेब को ठंडक का अहसास कराते रहे तब जाकर जांच की खानापूर्ति पूरी हो सकी.
इसके बाद दबी जुबान से लोग इस घटना की निंदा करने लगे. जिसने भी सुना उसके जेहन में ये सवाल जरूर कौंधा कि जो पुलिस चंद मिनटों के लिए धूप सहन नहीं कर सकती है, वह अपराधियों को पीछे भला कैसे भागेगी?
Conclusion: