पाकुड़: झारखंड सरकार ने पोषक तत्वो की कमी के कारण शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ होने वाले बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए साल 2010 में कुपोषण उपचार केंद्र चालू किया. पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र परिसर में ही कुपोषण उपचार केंद्र चालु किया गया. शुरूआती दौर में यह केंद्र ठीक रहा. हालंकि आज स्थिति यह है कि कुपोषित बच्चों का यहां इलाज तो हो रहा है, लेकिन सुविधा के नाम पर यह केंद्र खुद लाचार है.
इस कुपोषण उपचार केंद्र के भवन जर्जर हो चुके है और बरसात के मौसम में बूंद-बूद टपक रहे पानी से बच्चे और परिजन परेशान हो रहे हैं. बीच बीच में छत की टूटी परत भी गिरकर अपनी बदहाली का एहसास करा रही है. इस केंद्र में बिजली की व्यवस्था है पर पंखे नहीं हैं. इतना ही नहीं जो एएनएम कुपोषित बच्चों की देखभाल कर रही हैं उनसे रसोईया का भी काम कराया जा रहा है.
कुपोषण उपचार केंद्र की लाचारी और कुव्यवस्था की वजह से दर्जनों वैसे कुपोषित बच्चे जिन्हें उपचार के लिए यहां लाया गया उनके परिजन अधूरा इलाज कराकर भागने को मजबुर हुए. पैसे की कमी से गांव के वैसे ग्रामीण जिनके बच्चे कुपोषित हैं, उन्हें स्वस्थ्य बनाने के लिए कुपोषण उपचार केंद्र लाकर उपचार करवा रहे हैं.
मामले को लेकर प्रभारी सिविल सर्जन डा. सुशील कुमार मेहरोत्रा ने बताया कि कई बार भवन को दुरूस्त करने के लिए भवन प्रमंडल विभाग के अधिकारियों को पत्राचार किया गया. उन्होंने कहा कि कुछ वैसी समस्याएं भी हैं जिसके निदान को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं.