पाकुड़: जिला के अमड़ापाड़ा लिंक रोड पर पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक से पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की तरफ से बिना ट्रांजिट परमिट के कोयला ढुलाई को सरकार ने गंभीरता से लिया है. क्योंकि कोयले की ढुलाई कर सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. इसको लेकर पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव ने बिना ट्रांजिट परमिट के कोयला की हो रही ढुलाई पर रोक लगाने का निर्देश वन प्रमंडल पदाधिकारी को दिया है.
बिना परिवहन अनुज्ञा पत्र के कोयला लोड वाहनों का परिचालन स्थगितडीएफओ ने बिना परिवहन अनुज्ञा पत्र के कोयला लोड वाहनों का परिचालन स्थगित करने का निर्देश पत्र जारी करते हुए पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक को दिया है. कोयले का परिवहन करने वाली कंपनी बीजीआर इंफ्रा लिमिटेड सैकड़ों हाईवा से कोयले का परिवहन लोटामारा रेलवे साइडिंग तक करती है. सरकार ने कोयले को वनोपज की श्रेणी में आने के बाद इसके परिवहन के लिए ट्रांजिट परमिट की अनिवार्यता सुनिश्चित की. वन विभाग ने बिना ट्रांजिट परमिट के कोयले के परिवहन को लेकर पहले डब्ल्यूबीपीडीसीएल एवं बीजीआर कंपनी के अधिकारियों को नोटिस निर्गत किया था और जब नोटिस को कोल कंपनी ने गंभीरता से नहीं लिया तो वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने कोयला से लदे चार वाहन जब्त किए. वाहनों के जब्त होने के कार्रवाई के बावजूद भी डब्लूबीपीडीसीएल कंपनी सड़क एवं रेलवे मार्ग से कोयले का परिवहन जारी रखा. सरकार के राजस्व की हो रही चोरी को लेकर वन विभाग की नींद खुली और बिना ट्रांजिट परमिट के कोयला के परिवहन को स्थगित करने का निर्देश जारी किया. वन विभाग के जारी निर्देश से ट्रांसपोर्टर्स में हड़कंप मच गया है.
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इस मामले में बीजीआर कोल कंपनी के पीआरओ संजय बेसरा का कहना है कि झारखंड के किसी जिला में बिना ट्रांजिट परमिट के कोयले ढुलाई पर रोक नहीं है, सिर्फ पाकुड़ में ही ऐसी कार्रवाई शुरू है. पीआरओ ने कहा कि कंपनी ने वन विभाग को राजस्व राशि का भुगतान भी किया है और शेष बकाया राशि भी बीजीआर कंपनी जमा करेगी.