पाकुड़: प्रधानमंत्री मोदी ने मत्स्य पालकों की आय दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की है, लेकिन पाकुड़ के बिट्टू कुमार दास ने बिना सरकारी सहयोग मिले ही वृहद पैमाने पर मछली पालन का काम शुरू कर दिया है. बिट्टू का घर पाकुड़ जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम बंगाल से सटे सोनारपाड़ा गांव में है. उसने करीब 10 कट्ठा जमीन पर फार्म लगाया है. एक साल पहले बायोफ्लॉक टेक्नोलॉजी से सघन मात्रा में मछली पालन का काम शुरू किया गया. दो लाख रुपये की राशि से चार बायोफ्लॉक टैंक का निर्माण कराने के बाद मछली पालन का काम शुरू किया.
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मछली पालन पर जोर
मछली पालन शुरू करने के कुछ महीने तक बिट्टू को क्रियाशील की कमी होने के कारण थोड़ी दिक्कतें जरूर आई, लेकिन इनके हौसले को बुलंद करने के लिए दोस्तों ने सहयोग किया. पश्चिम बंगाल के नईहट्टी से मछली का जीरा लाकर उसका पालन शुरू किया गया. धीरे-धीरे अपनी मेहनत और लगन की वजह से न केवल सघन मात्रा में मत्स्य पालन का काम जोर पकड़ा, बल्कि इसकी बिक्री भी बढ़ी, जबसे कोरोना संक्रमण का फैलाव पूरे देश में शुरू हुआ, लोग बाजारों में कम संख्या में निकलने लगे. आवागमन की समस्या भी लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुई. इसके बावजूद नीली क्रांति की मसाल को आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर बिट्टू कुमार दास ने पश्चिम बंगाल से मछली का जीरा लाकर सघन मात्रा में मछली पालन कर बिक्री शुरू की.
बंगाल के कई जिलों से मछली खरीदने पहुंचते है लोग
पश्चिम बंगाल के ही मल्लारपुर प्राइवेट पॉलिटेक्निक कॉलेज में बतौर सहायक शिक्षक अपनी सेवा दे रहे बिट्टू महेशपुर प्रखंड के लोगों को स्वादिष्ट मछली का सेवन कराने के साथ-साथ बीरभूम और मुर्शिदाबाद जिले में वृहद पैमाने पर मछली की आपूर्ति भी कराने लगे हैं. आज पश्चिम बंगाल के आधा कई स्थानों से मछली की खरीददारी करने कारोबारी सोनारपाड़ा स्थित बिट्टू के फार्म हाउस पहुंच रहे हैं. यही नहीं कई मछुआरे भी बायोफ्लॉक टेक्नोलॉजी से सघन मात्रा में की जा रही मछली पालन को देखने और जानने आ रहे हैं. बिट्टू इस रोजगार से प्रति महीने 20 से 25 हजार रुपये की आमदनी कर रहे हैं.
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मछली पालन को कृषि से जोड़कर किए जाएंगे काम
बिट्टू का कहना है कि अगर उन्हें क्रियाशील पूंजी और नियमित बिजली मिल जाएं तो, उनकी आमदनी हर महीने एक लाख से ऊपर होगी और वह सैकड़ों लोगों को रोजगार से भी जोड़ पाएंगे. इस मामले में पाकुड़ डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि करने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए कार्य योजना बनायी गयी है. उन्होंने कहा कि जिला मॉनिटरिंग टीम को तालाबों में कन्वर्जन कर मत्स्य पालन को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा. डीसी ने कहा कि मछली पालन को कृषि के साथ जोड़कर काम किए जाएंगे.