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पाकुड़ में धूमधाम से मनाई जा रही दुर्गा पूजा, चालकोहड़ा की दी बलि - singhvahini temple in rajapada pakur

पाकुड़ में दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है. दुर्गा पूजा को लेकर मंदिरों और पूजा पंडालों में रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ रही. इस मौके पर अतिप्राचीन सिंघवाहनी मंदिर में राज परिवार के सदस्यों ने पूजा अर्चना में हिस्सा लिया और चालकोहड़ा (भुआ) की बलि भी दी गई.

Durga Puja celebrated in Pakur
दुर्गा पूजा
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Published : Oct 25, 2020, 2:25 PM IST

Updated : Oct 25, 2020, 3:14 PM IST

पाकुड़: जिला में आज महानवमी और दशमी धूमधाम से मनाई जा रही है. दुर्गा पूजा को लेकर मंदिरों और पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. महानवमी के मौके पर जिला मुख्यालय के राजापाड़ा स्थित प्राचीन सिंघवाहनी मंदिर में राज परिवार के सदस्यों ने पूजा अर्चना में हिस्सा लिया. यहां चालकोहड़ा (भुआ) की बलि दी गई.

देखें पूरी खबर

जिला के कई पूजा पंडालों में पूजा अर्चना और प्रतिमा दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सभी पूजा पंडालों में कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन का भी अनुपालन किया गया. मां दुर्गा के जयघोष से माहौल भक्तिमय रहा.

राज परिवार के सदस्यों और पुरोहित ने बताया कि सैकड़ों वर्षों से इस सिंहवाहिनी मंदिर में मां दुर्गा की पूजा की जाती है. इस मंदिर में सालों से पूर्व तांत्रिक विधि से पूजा कराई जाती थी लेकिन राज के समय पाकुड़ की रानी ने बलि प्रथा को खत्म करने का निर्णय लिया, तभी से इस मंदिर में वैदिक विधि से पूजा अर्चना शुरू कराई गई और बलि चालकोहड़ा का दिया जाने लगा.

ये भी पढ़े- छिन्नमस्तिका मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, गाइडलाइन का पालन कर लोगों ने की पूजा-अर्चना

सिंहवाहिनी मंदिर में आज भी दूर दराज से लोग स्थापित मां दुर्गा का दर्शन करने और पूजा अर्चना करने पहुंचते है. इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर परिसर में किसी प्रकार का साज सज्जा नहीं कराई गई है. पूजा अर्चना के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया. इसके साथ ही यहां किसी प्रकार का भोग प्रसाद का वितरण नहीं किया गया.

पाकुड़: जिला में आज महानवमी और दशमी धूमधाम से मनाई जा रही है. दुर्गा पूजा को लेकर मंदिरों और पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. महानवमी के मौके पर जिला मुख्यालय के राजापाड़ा स्थित प्राचीन सिंघवाहनी मंदिर में राज परिवार के सदस्यों ने पूजा अर्चना में हिस्सा लिया. यहां चालकोहड़ा (भुआ) की बलि दी गई.

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जिला के कई पूजा पंडालों में पूजा अर्चना और प्रतिमा दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सभी पूजा पंडालों में कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन का भी अनुपालन किया गया. मां दुर्गा के जयघोष से माहौल भक्तिमय रहा.

राज परिवार के सदस्यों और पुरोहित ने बताया कि सैकड़ों वर्षों से इस सिंहवाहिनी मंदिर में मां दुर्गा की पूजा की जाती है. इस मंदिर में सालों से पूर्व तांत्रिक विधि से पूजा कराई जाती थी लेकिन राज के समय पाकुड़ की रानी ने बलि प्रथा को खत्म करने का निर्णय लिया, तभी से इस मंदिर में वैदिक विधि से पूजा अर्चना शुरू कराई गई और बलि चालकोहड़ा का दिया जाने लगा.

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सिंहवाहिनी मंदिर में आज भी दूर दराज से लोग स्थापित मां दुर्गा का दर्शन करने और पूजा अर्चना करने पहुंचते है. इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर परिसर में किसी प्रकार का साज सज्जा नहीं कराई गई है. पूजा अर्चना के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया. इसके साथ ही यहां किसी प्रकार का भोग प्रसाद का वितरण नहीं किया गया.

Last Updated : Oct 25, 2020, 3:14 PM IST
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