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नगर परिषद के खोखले दावे, कई मोहल्लों में पानी की घोर किल्लत झेल रहे लोग

नगर परिषद की खुली पोल, शहर के लोगों तक पीने के शुद्ध पानी के लिए शासन और प्रशासन के वादे खोखले नजर आ रहे हैं, हर तरफ पानी की समस्याओं को लेकर लोग परेशान हो रहे हैं.

नगर परिषद के खोखले दावे
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Published : Mar 1, 2019, 1:01 PM IST

पाकुड़: शहर के लोगों तक पाइप लाइन के जरीये शुद्ध जल मुहैया कराने का दावा शासन और प्रशासन ने किया जरूर था, लेकिन फिलहाल सभी दावों का पोल खुलता दिख रहा है. नगर परिषद की लापरवाही से शहर के लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिल रहा है.

शहर के लोगों तक पीने के शुद्ध पानी के लिए शासन और प्रशासन कितना जागरूक है इसका नजारा वार्ड संख्या 4 के आनंदपुरी मुहल्ले में हर रोज देखने को मिल रहा है. मुहल्ले के लोगों को पीने का पानी लेने के लिए नाली तक का पानी पीना पड़ रहा है.


स्थानीय लोगों ने नगर परिषद पर लगाया आरोप
स्थानीय लोग पानी की किल्लत से बेहद परेशान हैं, उनका कहना है कि पिछले 8 सालों से यहां के लोग हर रोज पानी की समस्याओं को झेल रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में स्थिति और बद से बदतर हो गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि नगर परिषद की लापरवाही की वजह से लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है.

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शहरी स्वच्छता में पाकुड़ भी शामिल
झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग ने शहरी स्वच्छता सर्वे 2019 के लिए राज्य में तीन शहरों का चयन किया है, जिसमें पाकुड़ भी शामिल है.


स्वच्छता मिशन के लिए भारत सरकार से सम्मान
पाकुड़ नगर परिषद को कचरा निष्पादन में बेहतर कार्य के लिए भारत सरकार ने सम्मानित किया है, उसके बावजूद शहर में पीने योग्य पानी के लिए नाले के पानी का उपयोग करना नगर परिषद के लिए बेहद शर्म की बात है.

पाकुड़: शहर के लोगों तक पाइप लाइन के जरीये शुद्ध जल मुहैया कराने का दावा शासन और प्रशासन ने किया जरूर था, लेकिन फिलहाल सभी दावों का पोल खुलता दिख रहा है. नगर परिषद की लापरवाही से शहर के लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिल रहा है.

शहर के लोगों तक पीने के शुद्ध पानी के लिए शासन और प्रशासन कितना जागरूक है इसका नजारा वार्ड संख्या 4 के आनंदपुरी मुहल्ले में हर रोज देखने को मिल रहा है. मुहल्ले के लोगों को पीने का पानी लेने के लिए नाली तक का पानी पीना पड़ रहा है.


स्थानीय लोगों ने नगर परिषद पर लगाया आरोप
स्थानीय लोग पानी की किल्लत से बेहद परेशान हैं, उनका कहना है कि पिछले 8 सालों से यहां के लोग हर रोज पानी की समस्याओं को झेल रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में स्थिति और बद से बदतर हो गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि नगर परिषद की लापरवाही की वजह से लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है.

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शहरी स्वच्छता में पाकुड़ भी शामिल
झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग ने शहरी स्वच्छता सर्वे 2019 के लिए राज्य में तीन शहरों का चयन किया है, जिसमें पाकुड़ भी शामिल है.


स्वच्छता मिशन के लिए भारत सरकार से सम्मान
पाकुड़ नगर परिषद को कचरा निष्पादन में बेहतर कार्य के लिए भारत सरकार ने सम्मानित किया है, उसके बावजूद शहर में पीने योग्य पानी के लिए नाले के पानी का उपयोग करना नगर परिषद के लिए बेहद शर्म की बात है.

Intro:पाकुड़: लोगो को शुद्ध जल मुहैया कराने, लोगो के घरो तक पाइप लाइन के जरीये पीने का पानी पहुंचाने के मामले में शासन और प्रशासन लगातार दावे कर रहा है पर हकीकत सरजमीं पर कुछ और ही बयां कर रही है।



Body:नगर परिषद में स्वच्छता और स्वस्थता के प्रति शासन प्रशासन कितना संवेदनहीन है इसका नजारा वार्ड संख्या 4 के आनंदपुरी मुहल्ले में रोज दिख रहा है। इस मुहल्ले के लोगो को शुद्ध पीने का पानी लेने के पहले नाली का पानी सेवन करना पड़ रहा है। शुद्ध पेयजल की मुहल्लेवासियो की चाह उन्हे रोज दंडवत होने पर भी मजबुर होना पड़ रहा है। नगर परिषद अध्यक्ष हो या उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षद किसी की नजर अबतक आनंदपुरी के लोगो की दुर्दशा पर शायद नही पड़ी है।
सुबह होते ही मुहल्ले की महिलाए हो या वृद्ध, युवक सभी नाली के अंदर से बिछाये गये पाइप को उठाकर शुद्ध पेयजल लेने के लिए पहले नाली का पानी सेवन करते है। उन्हे ऐसा इसलिए करना पड़ता है कि शहरी क्षेत्र में आपूर्ति की जा रही इस मुहल्ले के नाली के अंदर बिछाये गये पाइप में पानी का दबाव बनाने के लिए दुसरे पाइप से उन्हे फुंकना पड़ता है और इस दौरान नाली का पानी पहले उनके मुह में जाता है और जब अच्छे तरीके से दबाव बन जाता है तो पाइप से शुद्ध पेयजल वे अपने बर्तनो में लेते है।
यहां उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग ने शहरी स्वच्छता सर्वे 2019 में राज्य के तीन शहरो का चयन किया है जिसमें पाकुड़ को भी शामिल किया है। इसी नगर परिषद पाकुड़ को कचरा निष्पादन में बेहतर कार्य के लिए भारत सरकार ने भी सम्मानित किया है परंतु जिस नाली के अंदर पेयजल जलापूर्ति के लिए पाइप बिछाये गये है उसे देखकर सहज ही अंदाजा लगता है कि इसकी सफाई कब हुई होगी।


Conclusion:इस बदहाली का एक पहलु यह भी है कि मुहल्ले के लोगो की इस दुर्दशा के मामले में नगर परिषद अध्यक्ष उपाध्यक्ष तक सामने बोलने से बच रहे है।
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