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पाकुड़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की समीक्षा बैठक, प्रदेश सचिव ने कृषि कानून पर केंद्र को घेरा - Oppose to agricultural law

पाकुड़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान प्रदेश सचिव तनवीर आलम ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कृषि कानून का विरोध किया. उन्होंने कहा कि नया कानून लाकर देशवासियों को परेशान कर रही है, किसानों पर नया कानून जबरन थोपा जा रहा है.

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कांग्रेस की समीक्षा बैठक
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Published : Oct 27, 2020, 7:37 PM IST

पाकुड़: जिला में कांग्रेस प्रदेश सचिव तनवीर आलम ने कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है, नया कानून लाकर देशवासियों को परेशान कर रही है. उन्होने नोटबंदी, जीएसटी का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी और जीएसटी लागू कर देश में परिवर्तन का सपना दिखाया था लेकिन इससे लोगों को ही परेशानी हुई है.

इसे भी पढे़ं:- पाकुड़ में मूर्ति विसर्जन के दौरान दो गुटों में मारपीट, तफ्तीश में जुटी पुलिस

प्रदेश सचिव ने कहा कि आज पूरे देश में कृषि कानून का विरोध हो रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों पर नया कानून जबरन थोपने का काम किया गया है, इस कानून में न्यूनतम समर्थन मुल्य का जिक्र तक नहीं है. प्रदेश सचिव ने कहा कि कांट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों की आजादी खत्म होगी. उन्होंने मंडी को बंद कर दिए जाने को खतरनाक बताते हुए कहा कि इससे मंडी से जुड़े लोगों के सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है, इस कानून से किसानों का भला नहीं होने वाला है, अगर किसी का भला होगा तो वह काॅरपोरेट घराना है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान भी चलाया और राष्ट्रपति के नाम प्रेषित ज्ञापन डीसी को सौंपा.

पाकुड़: जिला में कांग्रेस प्रदेश सचिव तनवीर आलम ने कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है, नया कानून लाकर देशवासियों को परेशान कर रही है. उन्होने नोटबंदी, जीएसटी का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी और जीएसटी लागू कर देश में परिवर्तन का सपना दिखाया था लेकिन इससे लोगों को ही परेशानी हुई है.

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प्रदेश सचिव ने कहा कि आज पूरे देश में कृषि कानून का विरोध हो रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों पर नया कानून जबरन थोपने का काम किया गया है, इस कानून में न्यूनतम समर्थन मुल्य का जिक्र तक नहीं है. प्रदेश सचिव ने कहा कि कांट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों की आजादी खत्म होगी. उन्होंने मंडी को बंद कर दिए जाने को खतरनाक बताते हुए कहा कि इससे मंडी से जुड़े लोगों के सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है, इस कानून से किसानों का भला नहीं होने वाला है, अगर किसी का भला होगा तो वह काॅरपोरेट घराना है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान भी चलाया और राष्ट्रपति के नाम प्रेषित ज्ञापन डीसी को सौंपा.

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