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पाकुड़ में ग्रमीण और कोल कंपनी के कर्मियों के बीच झड़प, बिना काम शुरू कराए लौटा प्रशासन - पाकुड़ न्यूज

पाकुड़ में कोल कंपनी के कर्मी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ग्राणीमों की धक्का मुक्की हुई. ये लोग पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक में काम शुरू कराने के लिए पहुंचे थे. ग्रामीणों के रूख को देखते हुए अधिकारी बिना काम शुरू कराए लौट गए.

Clashes between villagers and coal company personnel in Pakur
Clashes between villagers and coal company personnel in Pakur
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Published : Mar 22, 2022, 8:28 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 9:43 PM IST

पाकुड़: बीते सात दिनों से पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक के बंद पड़े उत्खनन और परिवहन काम शुरू कराने गये कोल कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विस्थापितों की धक्का मुक्की हुई. विशनपुर के विस्थापितों द्वारा कोल कंपनी के अधिकारियों के साथ न केवल धक्का मुक्की की गयी बल्कि सुरक्षा में तैनात जवानों पर अलकुस्सी भी फेंका गया.

ये भी पढ़ें- होली के दिन धनबाद और हजारीबाग में मारपीट, पथराव

विस्थापितों के विरोध के कारण पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड एवं बीजीआर माइनिंग इंफ्रा लिमिटेड के अधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारियों और जवानो को बैरंग लौटना पड़ा. कोल कंपनी एवं प्रशासन से जुड़े अधिकारी बंद पड़े कोयला खदान को चालु करने के लिए विस्थापितों से वार्ता करने पहुंचे थे. इसी दौरान कोयला उत्खनन और परिवहन का काम अचानक चालु कर दिया गया.

देखें पूरी खबर

सैकड़ों की संख्या में तीर धनुष लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने पहले काम बंद कराया और मौजूद कोल कंपनी के अधिकारियों और कर्मियो के साथ धक्का मुक्की की. विरोध कर रहे ग्रामीणों की ओर से पथराव किए जाने की बात भी कही जा रही है. विस्थापितों के विरोध की वजह से कोयला उत्खनन और परिवहन का काम आज सातवें दिन भी शुरू नहीं हो पाया. बीजीआर के पीआरओ संजय बेसरा ने बताया कि विस्थापितों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं है, इसलिए कोयला उत्खनन और परिवहन काम शुरू नही हो पाया है.

विस्थापितों द्वारा की गई धक्का मुक्की को लेकर एसपी एचपी जनार्दनन ने कहा ग्रामीणों के विरोध के कारण कोयला उत्खनन और परिवहन बंद है. अधिकारी समझाने बुझाने गए थे और इस दौरान ग्रामीणों के साथ कुछ बहस हुई है, लेकिन किसी तरह की धक्का मुक्की नहीं हुई है. एसपी ने कहा कि ग्रामीण समझने को तैयार नहीं है इसलिए हमारे अधिकारी और कर्मी लौट गए.

पाकुड़: बीते सात दिनों से पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक के बंद पड़े उत्खनन और परिवहन काम शुरू कराने गये कोल कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विस्थापितों की धक्का मुक्की हुई. विशनपुर के विस्थापितों द्वारा कोल कंपनी के अधिकारियों के साथ न केवल धक्का मुक्की की गयी बल्कि सुरक्षा में तैनात जवानों पर अलकुस्सी भी फेंका गया.

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विस्थापितों के विरोध के कारण पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड एवं बीजीआर माइनिंग इंफ्रा लिमिटेड के अधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारियों और जवानो को बैरंग लौटना पड़ा. कोल कंपनी एवं प्रशासन से जुड़े अधिकारी बंद पड़े कोयला खदान को चालु करने के लिए विस्थापितों से वार्ता करने पहुंचे थे. इसी दौरान कोयला उत्खनन और परिवहन का काम अचानक चालु कर दिया गया.

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सैकड़ों की संख्या में तीर धनुष लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने पहले काम बंद कराया और मौजूद कोल कंपनी के अधिकारियों और कर्मियो के साथ धक्का मुक्की की. विरोध कर रहे ग्रामीणों की ओर से पथराव किए जाने की बात भी कही जा रही है. विस्थापितों के विरोध की वजह से कोयला उत्खनन और परिवहन का काम आज सातवें दिन भी शुरू नहीं हो पाया. बीजीआर के पीआरओ संजय बेसरा ने बताया कि विस्थापितों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं है, इसलिए कोयला उत्खनन और परिवहन काम शुरू नही हो पाया है.

विस्थापितों द्वारा की गई धक्का मुक्की को लेकर एसपी एचपी जनार्दनन ने कहा ग्रामीणों के विरोध के कारण कोयला उत्खनन और परिवहन बंद है. अधिकारी समझाने बुझाने गए थे और इस दौरान ग्रामीणों के साथ कुछ बहस हुई है, लेकिन किसी तरह की धक्का मुक्की नहीं हुई है. एसपी ने कहा कि ग्रामीण समझने को तैयार नहीं है इसलिए हमारे अधिकारी और कर्मी लौट गए.

Last Updated : Mar 22, 2022, 9:43 PM IST
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