पाकुड़: शासन की अदूरदर्शिता और पथ निर्माण विभाग की लापरवाही का ही नतीजा है कि सड़क की सूरत-ए-हाल से वाहन चालक और राहगीर बेहाल है. हम बात कर रहे हैं संथाल परगना प्रमंडल की महत्वपूर्ण धरमपुर गोड्डा सड़क की. इस सड़क पर आवागमन करने से पहले उसकी बदहाल स्थिति को देखकर राहगीरों और वाहन चालकों के रूह कांप जाते है, क्योंकि सैकड़ों जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे और बरसात में जलजमाव जो हो जाता है. यह सड़क न केवल लोगों के आवागमन के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि बिहार और संथाल परगना के कारोबारियों एवं व्यवसायियों के लिए भी एक लाइफ लाइन भी है.
जिले को गोड्डा से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण धरमपुर गोड्डा सड़क आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा, तो कारोबारी और व्यापारी सरकार को रोज कोस रहें हैं. इनका कहना है कि 14 किलोमीटर सड़क की दूरी ये 14 मिनट में तय करते थे, लेकिन आज डेढ़ घंटे लग जा रहे है. सड़कों में उभरे गड्ढे और जलजमाव राहगीर काफी परेशान कर रहा है. उभरे गड्ढों में बाइक का चक्का पूरा डूब जा रहा है तो, पत्थरों की ढुलाई करने वाले ट्रक और हाइवा चालकों को हिचकोले खाने के साथ वाहन के कल-पूर्जे क्षतिग्रस्त होने और दुर्घटना का भय लगा रहता है. पथ निर्माण विभाग की इस सड़क का हाल यह है कि किसी तरह आवागमन लायक बनाने के लिए ट्रक मालिकों को अब खुद के खर्च से गड्ढों की भरायी करानी पड़ती है. लॉकडाउन के दौरान कुछ शर्तो के साथ मिली छूट से व्यापारियों और पत्थर व्यवसायियों में यह आश जगी थी कि उनका कारोबार अच्छा चलेगा लेकिन सड़क बदहाल होने से उनके सपने साकार नहीं हो रहे हैं.
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इधर, दर्जनों गावों के लोग भी सरकारी उपेक्षा से तंग आकर अब आंदोलन का मूड बना रहे हैं. बता दें कि यह वही सड़क है जिसका सहारा लेकर गोड्डा भागलपुर वाहन चालक आना जाना करते हैं. लोगों में इस बात को लेकर ज्यादा गुस्सा है कि सरकार तो बदल गयी, लेकिन धरमपुर-गोड्डा सड़क की स्थिति अबतक नही बदली. फिलहाल लोग जान जोखिम में डालकर इस सड़क पर आवागमन करने को मजबूर हैं.
इस मामले में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार का कहना है धरमपुर गोड्डा सड़क नेशनल हाइवे के लिए चिन्हित हो गया है और एनएच का देखरेख देवघर जिले से होता है. उन्होंने बताया कि जहां तक मुझे जानकारी मिली है इस सड़क का जल्द टेंडर होने वाला है.