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आंध्र प्रदेश में फंसे हैं लोहरदगा के मजदूर, झारखंड सरकार नहीं कर रही मदद - Jharkhand government is not helping laborers

लॉकडाउन के दौरान देश के हर कोने में झारखंड के मजदूर फंसे हुए हैं. ऐसे में आंध्र प्रदेश में फंसे लोहरदगा और गुमला के मजदूर भी पैदल अपने घर आने को विवश हैं.

workers of Lohardaga are trapped
आंध्र प्रदेश में फंसे हैं लोहरदगा के मजदूर
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Published : May 17, 2020, 11:35 AM IST

लोहरदगा: सेन्हा थाना अंतर्गत बूटी झखरा और गुमला जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के 40 मजदूर आंध्र प्रदेश के नीलूर जिला अंतर्गत नायडूपेटा गांव में फंसे हुए हैं. ये लोग रोजगार की तलाश में दिसंबर 2019 में आंध्र प्रदेश गए थे. इन मजदूरों को वापस आने का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

मजदूर परेशान हैं. उनका कहना है कि 18 मई को पैदल ही आंध्र प्रदेश से लोहरदगा और गुमला जिले के लिए रवाना हो जाएंगे. ये मजदूर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पीड़ा बता रहे हैं. बनाए हुए वीडियो में उन्होंने अपनी समस्याओं को बताया है. मजदूर कह रहे हैं कि उन्होंने झारखंड सरकार के प्रवासी मजदूर वेबसाइट में भी अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. इसके अलावे कई अन्य माध्यमों से अपना निबंधन कराते हुए वापस अपने गांव पहुंचाने की फरियाद लगाई थी.

ये भी पढ़ें- पैकेज की चौथी किस्त में कोयला, रक्षा उत्पादन, विमानन में संरचनात्मक सुधारों पर जोर: सीतारमण

लोहरदगा के 13 मजदूर और शेष गुमला जिले के मजदूर शामिल हैं. इस बात को 15 दिन से ज्यादा समय गुजर चुका है. अब तो खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा. ऐसे में उनके पास पैदल अपने गांव लौटने के अलावा कोई और चारा नहीं है. यदि सरकार और प्रशासन कुछ नहीं करती है तो वह 18 मई को पैदल ही अपने गांव के लिए रवाना हो जाएंगे. वे सभी लोगों से वापस लौटने को लेकर मदद की फरियाद लगा रहे हैं.

लोहरदगा: सेन्हा थाना अंतर्गत बूटी झखरा और गुमला जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के 40 मजदूर आंध्र प्रदेश के नीलूर जिला अंतर्गत नायडूपेटा गांव में फंसे हुए हैं. ये लोग रोजगार की तलाश में दिसंबर 2019 में आंध्र प्रदेश गए थे. इन मजदूरों को वापस आने का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

मजदूर परेशान हैं. उनका कहना है कि 18 मई को पैदल ही आंध्र प्रदेश से लोहरदगा और गुमला जिले के लिए रवाना हो जाएंगे. ये मजदूर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पीड़ा बता रहे हैं. बनाए हुए वीडियो में उन्होंने अपनी समस्याओं को बताया है. मजदूर कह रहे हैं कि उन्होंने झारखंड सरकार के प्रवासी मजदूर वेबसाइट में भी अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. इसके अलावे कई अन्य माध्यमों से अपना निबंधन कराते हुए वापस अपने गांव पहुंचाने की फरियाद लगाई थी.

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लोहरदगा के 13 मजदूर और शेष गुमला जिले के मजदूर शामिल हैं. इस बात को 15 दिन से ज्यादा समय गुजर चुका है. अब तो खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा. ऐसे में उनके पास पैदल अपने गांव लौटने के अलावा कोई और चारा नहीं है. यदि सरकार और प्रशासन कुछ नहीं करती है तो वह 18 मई को पैदल ही अपने गांव के लिए रवाना हो जाएंगे. वे सभी लोगों से वापस लौटने को लेकर मदद की फरियाद लगा रहे हैं.

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