लोहरदगा: जिला के सुदूरवर्ती बुलबुल जंगल में महुआ चुनने के दौरान आईईडी बम की चपेट में आने से महिला की मौत हो गई है. महिला पलामू जिला के पांकी की रहने वाली बताई जा रही है. हालांकि महिला के शव को ग्रामीण जंगल से निकाल कर उसके मायके में पहुंचा चुके हैं. इसके बाद ही पुलिस को मामले की जानकारी हुई है. लोहरदगा में आईईडी विस्फोट के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. महिला के बारे में पता लगाने को लेकर पुलिस द्वारा अभियान तेज कर दिया गया है.
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लोहरदगा जिला के जंगलों में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई है. घटनास्थल बुलबुल का जंगल है. सूचना मिलने के बाद लातेहार और लोहरदगा थाना की पुलिस मामले की जांच और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. हालांकि लोहरदगा जिला पुलिस द्वारा घटना की पुष्टि की गई है. मृतक की पहचान हो चुकी है. जंगल में महुआ चुनने गई थी महिलाः जिला के सुदूरवर्ती बुलबुल जंगल में शुक्रवार को महिला शकुंती देवी अन्य महिलाओं के साथ महुआ चुनने के लिए गई थी. जहां पर वह आईईडी की चपेट में आ गई. जिसकी वजह से महिला की मौके पर ही मौत हो गई. महिला का नाम शकुंती देवी बताया जा रहा है. महिला पलामू जिला के पांकी की रहने वाली थी जबकि लातेहार जिला के छिपादोहर थाना अंतर्गत गणेशपुर गांव में महिला का मायका है.
महिला लातेहार जिला के गोताग गांव में अपने एक रिश्तेदार के घर में आई हुई थी. जहां से वह अन्य महिलाओं के साथ महुआ चुनने के लिए बुलबुल जंगल में पहुंच गई थी. इसी दौरान से शकुंती अचानक से आईईडी बम विस्फोट की चपेट में आ गई. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. शनिवार को ग्रामीण उसका शव लेकर उसके मायके लातेहार जिला के छिपादोहर थाना क्षेत्र के गनेशपुर पहुंचे. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. सूचना मिलने के बाद लातेहार और लोहरदगा पुलिस पूरे मामले की जांच और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
लोहरदगा जिला में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से लगातार ग्रामीण और सुरक्षा बल के जवान अपनी जान गंवा रहे हैं. विगत 8 फरवरी 2022 से चलाए गए ऑपरेशन डबलबुल के दौरान भी दो जवान आईईडी की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इससे पहले भी कई ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. फिर एक बार एक महिला की मौत ने कई सवालों को जन्म दे दिया है.