लोहरदगाः कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर राज्य सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन घोषित कर दिया है. 31 मार्च तक पूरे राज्य को लॉकडाउन किया गया है. सरकार का उद्देश्य है कि जितनी कम संख्या में लोग घर से बाहर निकलें, कोरोना के संक्रमण को उतना ही रोका जा सकता है.
इसके लिए आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी गैर जरूरी सेवाओं को बंद रखने का निर्देश दिया गया है. बावजूद इसके लोहरदगा में बाजार खुले हुए हैं. सामान्य दिनों की तरह ही हलचल नजर आ रही है. लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है.
सामान्य दिनों की तरह हलचल
लोहरदगा जिले में गतिविधि सामान्य दिनों की तरह ही नजर आ रही है. ज्यादातर बाजार खुले हुए हैं. विशेषकर व्यवसायिक क्षेत्र वाले बाजारों की हालत सामान्य दिनों की तरह ही है. लोग दुकानों में खरीदारी करते देखे जा सकते हैं.
इसके अलावा सामानों की लोडिंग-अनलोडिंग का काम भी बदस्तूर जारी है. देखने वाली बात यह है कि प्रशासन की लाख चेतावनी और समझाने के बावजूद ऐसे लोगों पर कोई भी असर नहीं पड़ रहा है. यही हालात रहे तो लोहरदगा में कोरोना के संक्रमण को रोक पाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाएगा. प्रशासनिक पहल के बावजूद लोगों में जागरूकता का अभाव साफ तौर पर नजर आ रहा है.
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चलाया जा रहा है अभियान
दूसरी ओर डीसी आकांक्षा रंजन के निर्देश पर एसडीपीओ जितेंद्र कुमार सिंह, लोहरदगा सीओ प्रमेश कुशवाहा सहित अन्य अधिकारी लगातार शहर में घूम-घूम कर लोगों को लॉकडाउन के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ उनसे घरों में ही रहने की अपील कर रहे हैं.
ग्रामीण इलाकों में भी अन्य अधिकारियों को इसके लिए प्रतिनियुक्त करते हुए जरूरी निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि काफी कम संख्या में लोग घर से बाहर निकलें. साथ ही लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जा सके कि, घर से बाहर निकलने की स्थिति में उन्हें किस प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
प्रशासनिक निर्देशों के बावजूद अब तक स्थिति जो है वह बेहद चिंताजनक दिखाई दे रही है. लोगों ने कोरोना वायरस के संक्रमण प्रधानमंत्री की अपील और लॉक डाउन के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया है.
लोहरदगा जिले में लॉकडाउन की स्थिति के बावजूद बाजार सामान्य दिनों की तरह खुले हुए हैं. आम लोगों ने लॉकडाउन के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया है.
आवश्यक सेवाओं के साथ-साथ अनावश्यक सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठान भी खुले नजर आ रहे हैं. सामान्य दिनों की तरह ही हलचल है. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी लगातार अभियान चलाते हुए लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं.