लोहरदगा: कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने स्वच्छता को सबसे अधिक महत्व दिया है. स्वच्छता के बिना कोरोना संक्रमण को रोका नहीं जा सकता है. यदि स्वच्छता नहीं है तो कोरोना वायरस संक्रमण सबसे ज्यादा प्रभावी होता है. इसके बावजूद लोहरदगा में मेडिकल कचरा और शहर का कचरा जिस तरीके से सड़क किनारे फेंका जा रहा है, वह साफ तौर पर संदेश दे रहा है कि जब सड़क पर मेडिकल कचरा फेंका जाएगा तो कोरोना कैसे भागेगा.
हर दिन फेंका जा रहा कई टन कचरा
लोहरदगा शहरी क्षेत्र से सटे ब्राह्मणडीहा गांव के समीप डंपिंग यार्ड में शहर का कचरा फेंका जाता है. अब भी यहां पर हर दिन कई टन कचरा फेंका जा रहा है. दुखद पहलू यह है कि इस कचरे में मेडिकल कचरा भी शामिल हो गया है. हालांकि यह मेडिकल कचरा कौन फेंक रहा है, यह तो स्पष्ट नहीं हो रहा, परंतु इतना तय है कि मेडिकल कचरा फेंक कर लोहरदगा के लोगों की जान खतरे में डाली जा रही है. लोहरदगा शहर से हर दिन कई टन कचरा निकलता है. जिसे नगर परिषद ट्रैक्टर के माध्यम से ब्राह्मणडीहा गांव के समीप स्थित डंपिंग यार्ड में फेंक देता है. पहले इस कचरे को डंपिंग यार्ड के गड्ढे में फेंका जाता था. अब तो हद हो चुकी है.
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कचरे को सड़क किनारे फेंकने से वहां से गुजरने वाले लोग काफी भयभीत हैं. उन्हें संक्रमण का खतरा सता रहा है. स्थानीय लोग साफ तौर पर कहते हैं कि इस प्रकार से कचरे को सड़क पर फेंक देने से कोई भी बीमार पड़ जाएगा. कोरोना तो बाद में जान लेगा, पहले दूसरी बीमारियां ही लोगों को अपनी चपेट में ले लेगी.
पहले भी हुआ था विरोध
नगर परिषद ने डंपिंग यार्ड में कचरा निस्तारण को लेकर स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया गया था, परंतु इस कचरे को अब गड्ढे के बजाय सड़क किनारे फेंका जा रहा है. इस सड़क से होकर कई गांव के लोग जिला मुख्यालय और किस्को प्रखंड मुख्यालय तक का सफर तय करते हैं. मेडिकल कचरा साफ तौर पर इस कचरे में दिखाई दे रहा है. फिर भी इस बात को स्वास्थ्य विभाग मानने को तैयार नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार कहते हैं कि मेडिकल कचरा सदर अस्पताल का नहीं है. यदि कोई दूसरा वहां पर कचरा फेंक रहा है तो इस बात की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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बता दें कि पहले भी यहां पर कचरा निष्पादन का विरोध किया गया था. इस मामले को लेकर कई बार ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है. मामला पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शांत हुआ हालांकि स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है. कचरा अब भी फेंका जा रहा है, वह भी पहले से कहीं ज्यादा भयावह तरीके से. कचरे में मेडिकल कचरे को भी फेंका जा रहा है. इस बात को ना तो कोई देखने वाला है और ना ही समझने वाला है.
कचरे को लेकर चिंतित हैं ग्रामीण
लोहरदगा में सड़क पर फेंका जा रहा कचरा कोरोना संक्रमण को निमंत्रण दे रहा है. शहर के डंपिंग यार्ड में सामान्य कचरे के साथ-साथ मेडिकल कचरा भी फेंका जा रहा है. ग्रामीण इस स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं. स्वास्थ्य विभाग यह मानने को तैयार ही नहीं है कि यहां पर मेडिकल कचरा फेंका जाता है. जबकि हकीकत साफ तौर पर दिखाई दे रही है.