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दलालों की गिरफ्त में लोहरदगा सदर अस्पताल! सरकारी अस्पताल में घूम रहे एजेंट्स पर प्रबंधन मौन क्यों? - सरकारी अस्पताल में इलाज

लोहरदगा सदर अस्पताल में दलाली हो रही है. सरकारी अस्पताल में एजेंट घूम रहे हैं. जो सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भोले-भाले लोगों को बरगलाकर अपना उल्लू सीधा कर उन्हें निजी अस्पताल तक ले जा रहे हैं.

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लोहरदगा सदर अस्पताल
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Published : Dec 6, 2021, 7:34 PM IST

Updated : Dec 6, 2021, 7:43 PM IST

लोहरदगा: जिला में स्वास्थ्य व्यवस्था की सबसे बड़ी इकाई सदर अस्पताल दलालों की गिरफ्त में है. दिन हो या रात निजी अस्पतालों के एजेंट सदर अस्पताल में घूमते रहते हैं. भोले-भाले ग्रामीणों, मजबूर मरीज के परिजनों को अपना निशाना बनाते हैं. निशुल्क और त्वरित इलाज की आस लगाकर सदर अस्पताल आने वाले मरीज और उनके परिजनों को अपने झांसे में लेकर सदर अस्पताल से ले जाकर निजी अस्पताल में भर्ती करा देते हैं और उनसे हजारों रुपए वसूलते हैं. इसको लेकर कहीं ना कहीं इसमें स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी पूरे मामले पर निगाह बनाए हुए हैं. दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है.

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य व्यवस्था पर दलालों का कब्जा, जिला प्रशासन की कार्रवाई शुरु

डराते, बरगलाते हैं और फिर अपने झांसे में ले लेते हैं
कोई भी मरीज जब सदर अस्पताल में पहुंचता है तो उस पर सबसे पहली नजर निजी अस्पतालों के एजेंट की पड़ती है. निजी अस्पतालों के एंबुलेंस सदर अस्पताल के बाहर तैनात रहते हैं. एजेंट किसी मरीज के परिजन के रूप में सदर अस्पताल में भटकते रहते हैं. जैसे ही कोई मरीज पहुंचता है, उसे सदर अस्पताल में खराब इलाज व्यवस्था के नाम पर डराया जाता है. इसके बावजूद अगर कोई परिजन अपने मरीज को अस्पताल में भर्ती करा देता है, तब फिर सदर अस्पताल में ही स्वास्थ्यकर्मी के नाम पर घूम रहे निजी अस्पतालों के एजेंट, उन्हें बेहतर इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले जाने के लिए दबाव देते हैं.

देखें पूरी खबर

इतना ही नहीं अस्पतालकर्मी में से ही कुछ लोग मरीज के परिजनों को डराते हैं कि यहां इलाज नहीं हो सकता, निजी अस्पताल में ले जाइए. फिर बड़े आराम से मरीज और उसके परिजन को झांसे में लेकर निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है. खासकर प्रसव के लिए आने वाले मरीज और उसके परिजनों के साथ अक्सर ऐसा होता है. निशुल्क इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजन झांसे में पड़कर हजारों लूटा देते हैं.

सारी सुविधाएं फिर भी स्वास्थ्य व्यवस्था का बन रहा मजाक
Lohardaga Sadar Hospital में सारी सुविधाएं हैं, अच्छे चिकित्सक हैं, महिला चिकित्सक हैं, बेहतर प्रसव कक्ष है, दवाओं की बेहतर व्यवस्था है, अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर है. सिर्फ इतना ही नहीं इलाज के लिए एक-दो नहीं बल्कि 13 चिकित्सक सदर अस्पताल में कार्यरत हैं. ऑक्सीजन, आईसीयू, एसएनसीयू, चाइल्ड यूनिट सहित तमाम सुविधाएं हैं. फिर भी स्वास्थ्य व्यवस्था का मजाक बन रहा है. साढ़े लाख की आबादी वाले लोहरदगा जिला में सदर अस्पताल स्वास्थ्य व्यवस्था की सबसे बड़ी इकाई है. निजी अस्पतालों के एजेंट सदर अस्पताल का नाम खराब कर रहे हैं. इसमें सदर अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं. जो निजी अस्पतालों में जाकर उनके साथ हाथ मिलाने का काम करते हैं.

लोहरदगा: जिला में स्वास्थ्य व्यवस्था की सबसे बड़ी इकाई सदर अस्पताल दलालों की गिरफ्त में है. दिन हो या रात निजी अस्पतालों के एजेंट सदर अस्पताल में घूमते रहते हैं. भोले-भाले ग्रामीणों, मजबूर मरीज के परिजनों को अपना निशाना बनाते हैं. निशुल्क और त्वरित इलाज की आस लगाकर सदर अस्पताल आने वाले मरीज और उनके परिजनों को अपने झांसे में लेकर सदर अस्पताल से ले जाकर निजी अस्पताल में भर्ती करा देते हैं और उनसे हजारों रुपए वसूलते हैं. इसको लेकर कहीं ना कहीं इसमें स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी पूरे मामले पर निगाह बनाए हुए हैं. दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है.

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डराते, बरगलाते हैं और फिर अपने झांसे में ले लेते हैं
कोई भी मरीज जब सदर अस्पताल में पहुंचता है तो उस पर सबसे पहली नजर निजी अस्पतालों के एजेंट की पड़ती है. निजी अस्पतालों के एंबुलेंस सदर अस्पताल के बाहर तैनात रहते हैं. एजेंट किसी मरीज के परिजन के रूप में सदर अस्पताल में भटकते रहते हैं. जैसे ही कोई मरीज पहुंचता है, उसे सदर अस्पताल में खराब इलाज व्यवस्था के नाम पर डराया जाता है. इसके बावजूद अगर कोई परिजन अपने मरीज को अस्पताल में भर्ती करा देता है, तब फिर सदर अस्पताल में ही स्वास्थ्यकर्मी के नाम पर घूम रहे निजी अस्पतालों के एजेंट, उन्हें बेहतर इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले जाने के लिए दबाव देते हैं.

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इतना ही नहीं अस्पतालकर्मी में से ही कुछ लोग मरीज के परिजनों को डराते हैं कि यहां इलाज नहीं हो सकता, निजी अस्पताल में ले जाइए. फिर बड़े आराम से मरीज और उसके परिजन को झांसे में लेकर निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है. खासकर प्रसव के लिए आने वाले मरीज और उसके परिजनों के साथ अक्सर ऐसा होता है. निशुल्क इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजन झांसे में पड़कर हजारों लूटा देते हैं.

सारी सुविधाएं फिर भी स्वास्थ्य व्यवस्था का बन रहा मजाक
Lohardaga Sadar Hospital में सारी सुविधाएं हैं, अच्छे चिकित्सक हैं, महिला चिकित्सक हैं, बेहतर प्रसव कक्ष है, दवाओं की बेहतर व्यवस्था है, अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर है. सिर्फ इतना ही नहीं इलाज के लिए एक-दो नहीं बल्कि 13 चिकित्सक सदर अस्पताल में कार्यरत हैं. ऑक्सीजन, आईसीयू, एसएनसीयू, चाइल्ड यूनिट सहित तमाम सुविधाएं हैं. फिर भी स्वास्थ्य व्यवस्था का मजाक बन रहा है. साढ़े लाख की आबादी वाले लोहरदगा जिला में सदर अस्पताल स्वास्थ्य व्यवस्था की सबसे बड़ी इकाई है. निजी अस्पतालों के एजेंट सदर अस्पताल का नाम खराब कर रहे हैं. इसमें सदर अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं. जो निजी अस्पतालों में जाकर उनके साथ हाथ मिलाने का काम करते हैं.

Last Updated : Dec 6, 2021, 7:43 PM IST
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