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लोहरदगा के मजदूर की केरल में मौत, मां-बाप ने वह्ट्सएप के जरिए किए अंतिम दर्शन

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Published : Apr 25, 2020, 1:14 PM IST

लोहरदगा के एक युवक की केरल में मौत हो गई. युवक 2019 में ही अपने दोस्तों के साथ नौकरी करने गया था और वो वहां मजदूरी कर रहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण उसका काम बंद था और वो घर में ही रह रहा था. जहां उसकी तबीयत बिगड़ी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

Lohardaga labour dies in Kerala
लोहरदगा के मजदूर की केरल में हुई मौत

लोहरदगा: जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र के चुरकु खकसी टोली निवासी बोके उरांव का छोटा बेटा फूलकुवंर उरांव (20 वर्ष) कमाने 2019 में केरल गया था. जहां उसकी मौत हो गई और उसका शव लॉकडाउन के कारण लोहरदगा नहीं पहुंच पाया.

देखें पूरी खबर

फूलकुवंर उरांव गांव के अन्य दो दोस्त विकास उरांव और मुकेश उरांव के साथ केरल के कोजीकोट जिला अंतर्गत ओरवाना जक्सन में मजदूरी करने को लेकर सितंबर 2019 में गया था. वह वहां पर फिलहाल ठेकेदार जैसल टीपी के बिल्डिंग वर्क में हेल्पर का कार्य कर रहा था. इसी दौरान पीछले दिनों उसके कमरे में ही उसकी तबियत बिगड़ गई, जहां से उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई. मौत की सूचना विकास और मुकेश ने फोन के माध्यम से फूलकुंवर के पिता बोके उरांव को दी. बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां-बाप के आंखों में आंसू आ गया. उनके आंखों के आगे अंधेरा छा गया. मौत के बाद मुकेश और विकास ने व्हाट्सएप के माध्यम से उसके मां-बाप को फूलकुंवर का अंतिम दर्शन कराया.

इसे भी पढ़ें:- लोहरदगा में खेती की जुताई करने के समय पलटा ट्रैक्टर, अस्पताल ले जाते समय चालक ने तोड़ा दम

फूलचंद के परिवार को अबतक न तो ठेकेदार और न ही स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई मुआवजा मिला है. माता-पिता ने जिला प्रशासन से शव को लाने की फरियाद लगाई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण अनुमति नहीं मिल पाई. चुरकु खकसी टोली निवासी बोके उरांव के दो बेटे थे. फूलकुंवर की मौत के बाद केरल पुलिस न शव को कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम करवाया गया और अंतिम संस्कार के लिए दोस्तों को सौंप दिया गया.

लोहरदगा: जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र के चुरकु खकसी टोली निवासी बोके उरांव का छोटा बेटा फूलकुवंर उरांव (20 वर्ष) कमाने 2019 में केरल गया था. जहां उसकी मौत हो गई और उसका शव लॉकडाउन के कारण लोहरदगा नहीं पहुंच पाया.

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फूलकुवंर उरांव गांव के अन्य दो दोस्त विकास उरांव और मुकेश उरांव के साथ केरल के कोजीकोट जिला अंतर्गत ओरवाना जक्सन में मजदूरी करने को लेकर सितंबर 2019 में गया था. वह वहां पर फिलहाल ठेकेदार जैसल टीपी के बिल्डिंग वर्क में हेल्पर का कार्य कर रहा था. इसी दौरान पीछले दिनों उसके कमरे में ही उसकी तबियत बिगड़ गई, जहां से उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई. मौत की सूचना विकास और मुकेश ने फोन के माध्यम से फूलकुंवर के पिता बोके उरांव को दी. बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां-बाप के आंखों में आंसू आ गया. उनके आंखों के आगे अंधेरा छा गया. मौत के बाद मुकेश और विकास ने व्हाट्सएप के माध्यम से उसके मां-बाप को फूलकुंवर का अंतिम दर्शन कराया.

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फूलचंद के परिवार को अबतक न तो ठेकेदार और न ही स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई मुआवजा मिला है. माता-पिता ने जिला प्रशासन से शव को लाने की फरियाद लगाई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण अनुमति नहीं मिल पाई. चुरकु खकसी टोली निवासी बोके उरांव के दो बेटे थे. फूलकुंवर की मौत के बाद केरल पुलिस न शव को कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम करवाया गया और अंतिम संस्कार के लिए दोस्तों को सौंप दिया गया.

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