लोहरदगा: लोहरदगा के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. मामले में अदालत ने गैंगरेप के तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं अदालत ने गैंगरेप के सभी दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया है. अदालत ने डेढ़ साल के बाद मामले में फैसला सुनाया है. सामूहिक दुष्कर्म की घटना लोहरदगा के सदर थाना क्षेत्र में हुई थी.
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मामले में व्यवहार न्यायालय के एडीजे वन अखिलेश कुमार तिवारी की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना के मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं दोषियों में सदर थाना क्षेत्र के तिगरा बगीचा टोली निवासी सेराज अंसारी के पुत्र आरोपित संझार अंसारी, यासीन अंसारी के पुत्र आरोपित सरफराज अंसारी उर्फ बाबू और सिद्धिक अंसारी के पुत्र शहजादा अंसारी उर्फ छोटू को धारा 376डी में आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माना, धारा 363 में छह साल और 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 323 में एक साल और एक हजार रुपये जुर्माना, धारा 342 में एक साल और एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 506 में दो साल और एक हजार रुपए का जुर्माना के अलावे एससी-एसटी (तीन)( डब्ल्यू) (टू) में चार साल और पांच हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है.
लड़की का अपहरण कर आरोपियों ने किया था गैंगरेपः लोहरदगा जिले के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में 24 जनवरी 2022 को लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी. वारदात के दिन लड़की अपने रिश्तेदार के घर शादी में जा रही थी. इसी दौरान आरोपियों ने बंदूक के बट से लड़की के सिर पर वार कर पहले उसे घायल कर दिया था. इसके बाद उसका मुंह बंद कर उसका अपहरण कर नदी के पास ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. साथ ही घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी. इस मामले को लेकर एससी-एसटी थाना में कांड संख्या 7/22 दर्ज किया गया था.