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लोहरदगा के अधिवक्ता 2 मई तक नहीं करेंगे काम, कोरोना के मद्देनजर लिया निर्णय

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर जिला अधिवक्ता संघ के अधिवक्ताओं ने लोहरदगा में 2 मई तक अपने आप को न्यायिक कार्य से अलग रखने का फैसला लिया है. इसकी जानकारी प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश के अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया और झारखंड राज्य बार एसोसिएशन को दी गई है.

lohardaga advocates will not work until May 2
लोहरदगा के अधिवक्ता 2 मई तक नहीं करेंगे काम
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Published : Apr 26, 2021, 11:07 AM IST

लोहरदगा: जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच व्यवहार न्यायालय लोहरदगा के अधिवक्ताओं ने बड़ा फैसला लिया है. लोहरदगा के अधिवक्ता 26 अप्रैल से लेकर 2 मई तक न्यायिक कार्यों से अलग रहेंगे. अधिवक्ताओं ने ये निर्णय कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने को लेकर लिया है. इसकी जानकारी अधिवक्ताओं की ओर से प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश को भी दी गई है, जिसमें स्थिति से अवगत कराते हुए प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश से अनुरोध किया गया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में रविवार को मिले 5903 कोरोना पॉजिटिव, 103 लोगों की मौत

कठोर आदेश पारित नहीं करने की मांग

कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर हर कोई चिंतित हैं. संक्रमण से बचाव को लेकर समाज का प्रत्येक वर्ग ठोस कदम उठा रहा है. इसी कड़ी में लोहरदगा जिले के अधिवक्ताओं ने भी अहम फैसला लिया है. लोहरदगा जिले के अधिवक्ता 26 अप्रैल से लेकर 2 मई तक न्यायिक कार्यों से अलग रहेंगे.

जिला अधिवक्ता संघ के सचिव अजय कुमार ने प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश झारखंड स्टेट बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र भेजा है. जिसमें कहा है कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 26 अप्रैल से 2 मई 2021 तक जिला अधिवक्ता संघ के सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे.

ऐसे में अधिवक्ताओं की ओर से प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश से अनुरोध किया गया है कि सभी तरह के वादों में किसी भी तरह का कठोर आदेश पारित नहीं किया जाए. अधिवक्ताओं के इस निर्णय के बाद 26 अप्रैल से व्यवहार न्यायालय परिसर में पूरी तरह से सन्नाटा पंसर जाएगा. इससे मामलों की सुनवाई भी प्रभावित होगी.

लोहरदगा: जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच व्यवहार न्यायालय लोहरदगा के अधिवक्ताओं ने बड़ा फैसला लिया है. लोहरदगा के अधिवक्ता 26 अप्रैल से लेकर 2 मई तक न्यायिक कार्यों से अलग रहेंगे. अधिवक्ताओं ने ये निर्णय कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने को लेकर लिया है. इसकी जानकारी अधिवक्ताओं की ओर से प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश को भी दी गई है, जिसमें स्थिति से अवगत कराते हुए प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश से अनुरोध किया गया है.

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कठोर आदेश पारित नहीं करने की मांग

कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर हर कोई चिंतित हैं. संक्रमण से बचाव को लेकर समाज का प्रत्येक वर्ग ठोस कदम उठा रहा है. इसी कड़ी में लोहरदगा जिले के अधिवक्ताओं ने भी अहम फैसला लिया है. लोहरदगा जिले के अधिवक्ता 26 अप्रैल से लेकर 2 मई तक न्यायिक कार्यों से अलग रहेंगे.

जिला अधिवक्ता संघ के सचिव अजय कुमार ने प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश झारखंड स्टेट बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र भेजा है. जिसमें कहा है कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 26 अप्रैल से 2 मई 2021 तक जिला अधिवक्ता संघ के सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे.

ऐसे में अधिवक्ताओं की ओर से प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश से अनुरोध किया गया है कि सभी तरह के वादों में किसी भी तरह का कठोर आदेश पारित नहीं किया जाए. अधिवक्ताओं के इस निर्णय के बाद 26 अप्रैल से व्यवहार न्यायालय परिसर में पूरी तरह से सन्नाटा पंसर जाएगा. इससे मामलों की सुनवाई भी प्रभावित होगी.

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