लोहरदगा: हाल में हुई घटनाओं के बाद 'हाथी' नाम सुनकर ही लोग खौफ से कांप जा रहे हैं. लातेहार, लोहरदगा और रांची जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में पिछले तीन-चार दिनों के दौरान हाथी ने जो उत्पात मचाया, उसे भूल पाना लोगों के लिए आसान नहीं है. एक-एक कर हाथी ने 11 लोगों की जान ले ली. वन विभाग की नींद उड़ी हुई है. आखिर गजराज गुस्से में क्यों है? गजराज को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग अब क्या कदम उठाएगा? इन तमाम बातों के बारे में बता रहे हैं लोहरदगा के वन प्रमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार.
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गुस्से में क्यों हैं गजराज: लोहरदगा वन प्रमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार कहते हैं कि दरअसल, हाथी कई कारणों से गुस्से में है. हाथी के चलने का एक मार्ग निश्चित होता है, जिसे एलिफेंट कॉरिडोर कहा जाता है. हाथी उसी रास्ते से आता है और जाता है. हाल के समय में एलीफेंट कॉरिडोर में कई गांव बस चुके हैं. कई घरों का निर्माण हो गया है. इस बात को लेकर हाथी काफी गुस्से में है.
हाथी को पसंद है महुआ की गंध: दूसरा कारण यह है कि हाथी अपने झुंड से बिछड़ गया है. लंबे समय से वह अपने झुंड से अलग है. इस वजह से भी वह गुस्से में है. तीसरी वजह यह है कि हाथी के करीब जब लोग जबरदस्ती जाने की कोशिश करते हैं, तो उसे गुस्सा आता है. कोई पटाखा फोड़ता है तब भी उसे गुस्सा आता है. ऐसे में हाथी से दूर रहना ही बेहतर है. हाथी गांव की ओर आकर्षित इस वजह से होता है क्योंकि उसे महुआ की गंध काफी ज्यादा पसंद है. घर में रखा हुआ भोजन और महुआ हाथी को आकर्षित करता है.
आगे क्या करेगा वन विभाग: इसके अलावा भी कई ऐसे कारण हैं, जिसकी वजह से हाथी काफी ज्यादा गुस्से में है. फिलहाल, हाथी को इस क्षेत्र से बाहर निकालने को लेकर वन विभाग की टीम काम कर रही है. इसके लिए एक राज्य स्तरीय टीम का गठन किया गया है. यह टीम अगले एक-दो दिनों में फैसला लेगी कि अब आगे क्या करना है. इसके लिए काफी कम विकल्प हैं.