लोहरदगा: विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड की राजनीति गरम होती जा रही है. लोहरदगा सीट को लेकर बीजेपी और आजसू पार्टी के बीच गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों ही पार्टियों के संभावित प्रत्याशियों ने अब खुले तौर पर तेवर दिखाना शुरू कर दिया है.
बीजेपी के संभावित प्रत्याशी सुखदेव भगत की ओर से नामांकन पत्र खरीदा जा चुका है. इसके बाद शुक्रवार को आजसू पार्टी की ओर से भी संभावित प्रत्याशी नीरू शांति भगत के लिए नामांकन पत्र खरीदा गया है. दोनों ही दलों के बीच अब मुकाबला भी नजर आने लगा है. हालांकि, अब तक बीजेपी और आजसू दोनों ही पार्टियों का लोहरदगा सीट पर गठबंधन रहा था. इस बार के चुनाव में दोनों ही दलों ने लोहरदगा सीट पर अपना दावा ठोंक दिया है. बीजेपी-आजसू गठबंधन को लेकर अबतक कुछ भी साफ नहीं हो सका है.
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बीजेपी और आजसू ने लोहरदगा सीट पर एक विधानसभा उपचुनाव सहित 3 चुनाव में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था, जिसमें साल 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सुखदेव भगत ने चुनाव जीता था. साल 2009 और 2014 में सुखदेव भगत को एनडीए प्रत्याशी आजसू के कमल किशोर भगत के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, जबकि साल 2015 के विधानसभा उपचुनाव में एनडीए के प्रत्याशी आजसू की नीरू शांति भगत को सुखदेव भगत ने हराकर वापस लोहरदगा विधानसभा सीट कांग्रेस की झोली में डाल दिया था.
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इस बार सुखदेव भगत बीजेपी के हो गए हैं. उन्होंने हाल में ही कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है. सुखदेव भगत के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही लोहरदगा विधानसभा सीट से उनका टिकट फाइनल माना जा रहा था. इस सीट पर आजसू ने फिर एक बार अपना दावा ठोका है. आजसू के नेताओं ने खुले तौर पर कई मौके पर कहा है कि लोहरदगा विधानसभा सीट उनकी परंपरागत सीट रही है. ऐसे में वे हर हाल में यहां से चुनाव लड़ेंगे.