लोहरदगा: मेहनतकश किसान अपनी मेहनत का सही उपयोग करना जानते हैं. परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो, उसे अपने तरीके से ढालना उन्हें बखूबी आता है. ऐसा ही मामला है लोहरदगा का जहां गन्ने की पैदावार तो खूब हुई, पर लॉकडाउन की वजह से बिक्री नहीं होने के कारण किसानों मायूस हो गए, लेकिन फिर उन्होंने ऐसा तरीका निकाला जिससे उनकी मेहनत को सही दाम मिल सके.
लॉकडाउन के कारण जब किसानों के गन्ने की बिक्री नहीं हुई तो कई किसान अपनी फसल जलाने तक को विवश हो गए थे, लेकिन इन सबके बीच एक सकारात्मक खबर निकल कर यह भी आई है कि अब इन किसानों को गन्ने से गुड़ की मिठास मिल रही है. लोहरदगा के ग्रामीण क्षेत्र में परिस्थितियों से लड़ते हुए किसानों ने कुछ ऐसा रास्ता निकाला है कि उन्हें अब नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा. पहले सिर्फ जूस के लिए किसान गन्ने की बिक्री करते थे, लेकिन अब इसी गन्ने से गुड़ तैयार कर रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं.
नुकसान को मुनाफे में तब्दील करने की तरकीब
लोहरदगा जिले के भुजनियां गांव में भी काफी ज्यादा गन्ने की खेती होती है. यहां के किसानों को इस बार मुनाफे की उम्मीद काफी ज्यादा थी. लेकिन लॉकडाउन की वजह से परिस्थितियों ने करवट ली और गन्ना की खेती करने वाले किसानों को नुकसान सहना पड़ा. लोहरदगा में लगभग 1 हजार एकड़ में गन्ने की पैदावार होती है. इस बार भी काफी बेहतर पैदावार हुई थी. जब बिक्री नहीं हुई तो किसानों ने आग लगाना शुरू कर दिया था.
मशीन मंगा कर लिया प्रशिक्षण
ऐसे में सदर प्रखंड के भुजनियां गांव के किसानों ने कुछ अलग ही फैसला लिया. इसके लिए पलामू से गुड़ तैयार करने की मशीन मंगाई गई. किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए एक प्रशिक्षक भी बुलाया गया. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसानों ने गन्ना से गुड़ तैयार करना शुरू कर दिया. अब हर दिन कई क्विंटल गुड़ तैयार कर बाजार में बेचा जा रहा है. 30 से 35 रुपए प्रति किलो गुड़ की बिक्री हो रही है. जो गन्ना उनकी आंखों का आंसू निकाल रहा था, वही गन्ना अब चेहरे पर मुस्कान बिखेर रहा है.
कई लोगों को मिल रहा है रोजगार
इस काम में 30 से 35 लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है. किसानों ने अपनी मेहनत से बता दिया कि नुकसान को मुनाफे में तब्दील किया जा सकता है. बस थोड़ी सी मेहनत और थोड़ी सी अक्ल लगाने की जरूरत है. धीरे-धीरे कर अब गन्ने की खेती को और भी ज्यादा फायदा मिलने जा रहा है. किसानों ने साफ तौर पर संकेत दे दिया है कि अब अगले साल से सिर्फ जूस के लिए गन्ने की बिक्री नहीं की जाएगी, बल्कि गन्ने से गुड़ तैयार करने को लेकर कई मशीनें स्थापित की जाएंगी. छोटी से लेकर बड़ी मशीनों के माध्यम से गुड़ तैयार किया जाएगा. इससे न सिर्फ स्थानीय तौर पर रोजगार बढ़ेगा, बल्कि किसानों को काफी ज्यादा मुनाफा भी होगा. किसानों ने अपनी मेहनत से परिस्थितियों को बदल कर रख दिया है. लोहरदगा जिले की पहचान अब गन्ने की खेती के साथ-साथ गुड़ तैयार करने के लिए भी हो रही है.