लोहरदगा: उत्तराखंड के चमोली में विगत दिन ग्लेशियर टूटने के बाद हुए प्राकृतिक आपदा में लापता लोहरदगा के नौ मजदूरों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है. जिला प्रशासन द्वारा अब पहल करते हुए लापता मजदूरों के तीन परिजनों को श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में उत्तराखंड रवाना कर दिया गया.
श्रम अधीक्षक और लापता मजदूरों के परिजन उत्तराखंड के चमोली में अपनों की तलाश करेंगे. साथ ही वहां पर स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर आगे की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी.
अभी भी है उम्मीद
जिले के किस्को प्रखंड के बेटहठ पंचायत के चोरटांगी गांव के रहने वाले इन 9 मजदूरों के बारे में अब आखिरी उम्मीद बची हुई है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अब तक जो भी शव बरामद हुए हैं, उनकी कोई पहचान नहीं हो सकी है.
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लोहरदगा से उत्तराखंड के लिए रवाना होने वाले मजदूरों के परिजन वहां पर अलग-अलग क्षेत्रों में लापता मजदूरों की तलाश करेंगे. श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो के नेतृत्व में लापता मजदूरों के परिजनों में सेवक बाखला, सीताराम उरांव और कर्मदास भगत रवाना हुए हैं.
इन मजदूरों को तलाशने को लेकर जरूरी कागजात भी साथ लेकर गए हैं, जिससे कि आसपास के क्षेत्रों में भी उनका पता लगाया जा सके. यदि मजदूरों के बारे में कोई पता नहीं चल पाता है तो स्थानीय प्रशासन को आवश्यक कागजात सौंपते हुए आगे की कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया जाएगा.
उत्तराखंड गए मजदूरों के परिजन और श्रम अधीक्षक हर एक बिंदु पर लोहरदगा जिला प्रशासन को अवगत कराते रहेंगे. जिससे की आगे की कार्रवाई को लेकर निर्देश मिलता रहे.
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अब परिजनों की आस उत्तराखंड गए लोगों पर ही टिकी हुई है. उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद प्राकृतिक आपदा में लापता हुए लोहरदगा के 9 मजदूरों को तलाशने के लिए उनके तीन परिजन शुक्रवार को उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए. इनके साथ श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो भी हैं.
डीसी दिलीप कुमार टोप्पो के निर्देश पर परिजनों को उत्तराखंड के लिए रवाना किया गया है. लापता मजदूरों के परिजनों की उम्मीद अब इन्हीं पर टिकी हुई है.