लोहरदगा: जिस शराब को बेचकर झारखंड सरकार को राजस्व प्राप्त हो रहा है. करोड़ों रुपए का राजस्व सरकार के खजाने में जमा हो रहा है. आखिर लोहरदगा में उसी झारखंड सरकार के उत्पाद विभाग ने 18 लाख रुपए कीमत की 738 पेटी शराब, जिसमें 36 हजार पीस बोतल शामिल है, उसे जमीन में क्यों गाड़ दी, यह कार्रवाई उत्पाद विभाग के निर्माणाधीन कार्यालय परिसर में किया गया है. जानिए इसके पीछे की वजह क्या है.
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उत्पाद विभाग की टीम ने अलग-अलग छापेमारी और कार्रवाई के दौरान जिले के अलग-अलग स्थान से भारी मात्रा में शराब और बीयर जब्त की थी. जिसमें नॉन रजिस्टर्ड शराब और एक्सपायरी बीयर की बोतलें शामिल थीं. इसे नष्ट करने को लेकर उत्पादन आयुक्त और लोहरदगा उपायुक्त द्वारा उत्पाद विभाग को आदेश जारी किया गया था. इसमें प्रक्रिया यह है कि शराब को जमीन के अंदर गाड़कर उसे नष्ट किया जाता है.
इसी प्रक्रिया के तहत उत्पाद विभाग लोहरदगा की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में उत्पाद विभाग के निर्माणाधीन कार्यालय परिसर में जेसीबी मशीन की सहायता से गड्ढा खोदकर उसे गड्ढे में शराब और बीयर की बोतल को नष्ट किया गया. इसके बाद गड्ढे को भर दिया गया है. इस प्रकार से शराब को नष्ट करने की प्रक्रिया को देखकर लोग हैरान थे. लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर इतनी सारी शराब जमीन के अंदर क्यों दफन की जा रही है. लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे थे. उत्पाद विभाग द्वारा लोहरदगा जिले में पहली बार इस तरह की कार्रवाई की गई है. उत्पाद अधीक्षक का कहना है की पूरी प्रक्रिया के तहत जो कुछ भी हुआ है, उससे उत्पादन आयुक्त को अवगत कराया जाएगा.